धर्म

शारदीय नवरात्र के समाप्त होते ही अगले दिन दशहरा यानी विजय दशमी का पर्व मनाया जाता है

शारदीय नवरात्र के समाप्त होते ही अगले दिन दशहरा यानी विजय दशमी का पर्व मनाया जाता है। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, दशहरे के दिन ही भगवान राम ने रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी। विजय दशमी का पर्व इस साल रविवार, 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

ज्योतिषविदों की मानें तो इस दिन कुछ खास चीजों के दर्शन होना बेहद शुभ माना जाता है।विजय दशमी पर जल में तैरती मछली के दर्शन को बड़ा शुभ माना गया है। अगर किसी नदी या तालाब के नजदीक से गुजरते हुए आपको पानी में तैरती मछलियां नजर आ जाएं तो समझ लीजिए आपका भाग्य चमकने वाला है। ये आपके जीवन से तमाम संकटों के दूर होने का संकेत है।विजय दशमी को यात्रा तिथि भी कहते हैं। अपने गांव या शहर से कहीं दूर यात्रा करते हुए भगवान के मंदिर में देव दर्शन करना भी इस दिन शुभ माना गया है। आप भगवान राम या भगवान शिव के किसी भी मंदिर में जाकर उनके दर्शन कर सकते हैं।

ज्योतिष के मुताबिक, दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दिखना बड़ा ही शुभ माना जाता है। दशहरे पर इसका दिखना आपके अच्छे समय की शुरुआत होने के संकेत जैसा है। भगवान राम ने इस पक्षी को देखने के बाद ही रावण को पराजित किया था। नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का ही रूप माना जाता है।दशहरे के दिन पान खाने का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन श्रीराम भक्त हनुमान को पान चढ़ाने से मन की मुरादें पूरी होती हैं। दरअसल पान को विजय का सूचक माना गया है। पान का बीड़ा शब्द का एक महत्व यह भी है इस दिन हम सन्मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।

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