छत्तीसगढ़

बैठक के फैसले:आदिवासियों की भूमि बेचने के नियम में होगा बदलाव, अचानकमार टाइगर रिजर्व विस्थापितों को मिलेगी 5 हेक्टेयर जमीन

सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छत्तीसगढ़ राज्य जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक हुई। इस बैठक में जाति प्रमाण-पत्र जारी करने, निरस्त करने की प्रक्रिया की समीक्षा की गई। यह तय किया गया कि अचानकमार टाईगर रिजर्व में तीन गांवों तिलईडबरी, बिरारपानी, छिरहट्टा का विस्थापन होगा। प्रत्येक विस्थापित परिवार को 10 लाख रूपए या दो हेक्टेयर भूमि और 5000 वर्गफीट की बाड़ी, साथ ही पेयजल और सड़क की सुविधाएं मिलेंगी। इतना ही नहीं परिवार की सहमति से अच्छी जगहों पर जमीन दी जाएगी। इस इलाके के 19 गांवों के विस्थापन के लिए सहमति बनी।

राजस्व रिकॉर्ड सुधारें
छत्तीसगढ़ राज्य जनजाति सलाहकार परिषद् की बैठक में वन अधिकार अधिनियम पर चर्चा हुई। सीएम बघेल ने कहा कि वन क्षेत्रों में सर्वे कर राजस्व के डॉक्यूमेंट दुरूस्त कर लिए जाएं। गांवों में राजस्व संबंधी दिक्कतों के निराकरण विशेष अभियान चलाया जाए। इसके तहत गांवों में शिविरों का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्र में व्यक्तिगत पट्टे और सामुदायिक पट्टे भी दिए जा रहे हैं। गांव के स्तर पर जनप्रतिनिधि पात्र व्यक्तियों के आवेदन लेंगे, इसे ग्राम सभा से पारित कर उन्हें वन भूमि का पट्टा देंगे।

आदिवासियों की जमीन बेचने के नियम बदलेंगे
बैठक में बताया गया कि जिला मुख्यालयों में के हॉस्टल में सीट से अधिक संख्या में आवेदन आते हैं। शैक्षणिक सत्र 2020-21 से 21 नए छात्रावासों में 14 हजार 750 सीट की स्वीकृति दी गई है। आदिवासी समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की दिशा में काम करने पर जोर दिया गया। बैठक में बताया गया कि अब कुपोषित बच्चों की संख्या में 13 प्रतिशत की कमी आयी है। भू-राजस्व के नियमों के मुताबिक आदिवासियों की भूमि के संबंध में नियमों के संशोधन करने के लिए उप समिति का गठन किया गया है। इसमें विधायक मोहन मरकाम, चिंतामणी महराज, इन्द्रशाह मण्डावी, लक्ष्मी ध्रुव, लालजीत राठिया और शिशुपाल सिंह सोरी शामिल होंगे। यह कमेटी आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने के बारे में नियमों का परीक्षण कर इन नियमों में संशोधन के लिए प्रस्ताव पेश करेगी।

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