छत्तीसगढ़

Kawardha-भाजपा मजदूरों के नाम पर राजनीति करने के बजाय उन्हें घर वापसी के लिए पी.एम,को खत लिखते- नीलू चंद्रवंशी*

 

भाजपा मजदूरों के नाम पर राजनीति करने के बजाय उन्हें घर वापसी के लिए पी.एम,को खत लिखते- नीलू चंद्रवंशीसबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

कवर्धा :- सूबे की मुख्यमंत्री *श्री भुपेश बघेल जी, केबिनेट मंत्री मो,अकबर भाई जी,व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम जी* के निर्देशानुसार अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी *नीलू चंद्रवंशी* के द्वारा प्रेस वार्ता कर कहा कि भाजपा के लोग मजदूरों के नाम से राजनीति करने के बजाय अगर छ.ग.भाजपा के दिल मे छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर एवं उनके परिवार के प्रति अगर जरा सी भी सहानुभूति के भावना रहता तो उनके घर वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन एवं बस चलाने प्रधानमंत्री जी को खत लिखते पर ऐसा नही कर सकते क्यो की वो किसानों एवं मजदूरों के लिए दिखावे का आंसू बहा सकते है पर हकीकत मे उनके लिए जमीनी स्तर पर कोई मदद नही कर सकते
*श्री नीलू चन्द्रवंशी* ने कहा कि भाजपा बताये कि पुरे छ.ग प्रदेश के प्रवासी श्रमिक अचानक से लगे लॉक डाउन मे दूसरे राज्य मे विकट विपत्ति में फंसे हुए थे तब भाजपा के लोग उन गरीब मजदूरों के लिए क्या किय
*नीलू चंद्रवंशी* ने कहा कि लॉक डाउन वन की पूर्व से ही मजदूरों की घर वापसी होती तो आज मजदूर कोरोना संक्रमित नही होते,कालकलवित नहीं होती।
*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल* ने मजदूरों के घर वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की तब भाजपा के नेताओं ने ट्रेन चलाने का विरोध किया और बस से लाने की बात कही।मोदी सरकार के कुप्रबंधन और गलत फैसलों और अदूरदर्शिता के कारण छत्तीसगढ़ और पूरे देश के मजदूर हुए हैं परेशान एवं कई यो को तो अपने जान तक गवाना पड़ा वही कोरोना वायरस से संक्रमित,मजदूरों ने लॉकडाउन में भूख प्यास रोजी रोटी का नुकसान कर्ज लेकर घर वापसी करना पड़ा प्रदेश की मजदूर दर-दर की ठोकरें खाने मजबूर मजबूर हुए।छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता मजदूरों के नाम से घड़ियाली आंसू बहा रहे। घर पहुंच चुके मजदूरों से झूठी हमदर्दी जता रहे हैं। भाजपा के नेता तब कहां थे जब मोदी सरकार के द्वारा अचानक किए गए लाकडाउन और बस ट्रेन के बंद होने से छत्तीसगढ़ सहित देशभर के मजदूर दूसरे राज्यों के संक्रमित एरिया में 2 माह तक फंसे रहे। पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल हो गया।मजदूरों ने लाकडाउन में भूख प्यास रोजी रोटी का नुकसान क्या क्या नहीं दुख सहा भूख से व्याकुल थे परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। मजदूरों के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को समय पर दूध और दवाइयां नहीं मिल रही थी। देशभर में कई जगहों पर पर मजदूरों को काम करने के बाद प्रबंधन और न नियजको द्वारा पैसा नहीं दिया गया। मोदी सरकार के कुप्रबंधन और गलत फैसलों के कारण ही छत्तीसगढ़ सहित देशभर के मजदूरों को अमानवीय कष्ट झेलना पड़ा, जान भी गंवानी पड़ी। देश ने मोदी और भाजपा की मजदूरों के प्रति संवेदनशीलता की पराकाष्ठा देखी है, मोदी भाजपा सरकार ने जितनी चिंता विदेशों में फंसे पैसे वालो की थी अगर उतनी चिंता देश के भीतर फांसे कामगारों श्रमिकों पर्यटन यात्रियों और छात्रों की होती तो लाख डाउन वन के के पूर्व में ही सभी अपने घर पहुंच जाते और कोरोना महामारी संक्रमण की चपेट में नहीं आते, न ही भुखमरी बेबसी लाचारी का शिकार होते
• मजदूरों को सड़कों रेल पटरियों में पैदल नहीं भटकना पड़ता। मजदूर दुर्घटना के शिकार नहीं होते घर वापसी के प्रयास में दुर्घटना में मारे गए मजदूरों की मौत के लिए भी मोदी भाजपा की सरकार ही जिम्मेदार और दोषी है। दुर्घटना में मारे गए मजदूरों के परिवार की हाय बद्दुआ से भाजपा बच नहीं सकती।
*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी* की सरकार की सोच दूरदर्शिता है जो कोरोना महामारी संकट को भागते हुए राज्य के नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी सार्वजनिक कार्यक्रम को तत्काल बैन किया। होली मिलन के आयोजनों से दूरी बनाई। राज्य के नागरिकों को सुरक्षित रहने की अपील की और जन जागरण किया,राज्य में कड़ाई से कदम उठाते हुए लाकडाउन घोषित किए। देश में सबसे पहले स्कूल कॉलेज बंद कर छात्रों को संक्रमण से बचाया। वहीं मोदी सरकार जानबूझकर करोना महामारी संकट को नजरअंदाज करती रही है, अपने अपने विदेशी मित्र की खातिरदारी में समस्त कार्य करने भीड़ जुटाने में जुटे रहे हैं, पूंजीवादी समर्थक भाजपा नहीं चाहती थी लाकडाउन में दूसरे राज्य में फंसे देशभर के मजदूर अपनी माटी अपने घर वापस लौट सकें। कई बार भाजपा के नेता, मजदूरों के घर वापसी से अर्थव्यवस्था बिगड़ने की बातें सार्वजनिक रूप से कह चुके है।
सड़कों पर भटकते मजदूरों को छुट्टी बिताने घर जाने जैसे तंज कस चुके हैं। पूंजीवादी मानसिकता के भाजपा नेताओं का रवैया हमेशा मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार वाला रहा देश ने देखा है।भाजपा के द्वारा षडयंत्र कर मजदूरों को घर वापसी पर अड़ंगा लगाया जा रहा था अब मुख्यमंत्री *भूपेश बघेल*.के प्रयासों से दूसरे राज्य में फंसे छत्तीसगढ़ की मजदूर अपने घर पहुंच चुके हैं। ऐसे में भाजपा आपदा में राजनीति की अवसर तलाश रही है और मजदूरों के नाम से घड़ियाली आंसू बहा रही है। हकीकत में भाजपा किसान मजदूर गरीब विरोधी है। प्रेस वार्ता में, ईश्वर शरण वैष्णव जी, कलीम खान जी, प्रमोद लुनिया जी, आकाश केशरवानी जी, मुकुंद माधव कश्यप जी, तुकेश्वर साहू जी, सुरेश गुप्ता जी, घनश्याम चंद्रवंशी जी, मनोज दुबे जी, विकाश केसरी जी, वीरेंद्र जांगड़े जी, गोपाल चंद्रवंशी जी, शुसील चंद्रवंशी जी, गिरीश चंद्रवंशी जी उपस्थित थे।

 

 

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