rampukar pandit Migrant Labour begusarai ground reporting Behind Viral Picture Of Crying on Phone in lockdown nodrss – बेटे की मौत की खबर सुनकर निकला था घर, दिल्ली के बदमाशों ने लूटे 5000 रुपये | patna – News in Hindi
बेटे की मौत के बाद लॉकडाउन में फंसे पिता की वायरल हुई थी तस्वीर.
बीते 10 मई को प्रवासी मजदूर (Migrant Labour) रामपुकार पंडित (Rampukar Pandit) को खबर मिली थी की उसका एक साल का एकलौता बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा. मदद के लिए आगे आईं सलमा दीदी, ट्रेन का टिकट कटाया और 5500 रुपये भी दिए.
बच्चे की मौत ऊपर से 5000 रुपये की छिनैती
बीते 10 मई को पंडित को खबर मिली थी की उसका एक साल का एकलौता बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा. इसके बाद ही पंडित ने लॉकडाउन के बीच में ही पैदल ही घर जाने का फैसला कर लिया. बीते 11 मई को पंडित ने नजफगढ़ से पैदल ही बेगूसराय के लिए निकल पड़ा, लेकिन परेशानी रास्ते में भी उसका पीछा करना नहीं छोड़ा. न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में राम पुकार ने बताया कि दिल्ली में यमुना नदी से पहले एक पुल पड़ता है, वहां पर कुछ लोगों ने उसे मारुति गाड़ी में बैठा कर उसकी जेब से पांच हजार रुपये छीन लिए.
10 मई को खबर मिली थी की उसका एक साल का एकलौता बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा.
‘अब मेरे पास कुछ नहीं बचा था. मैं रास्ते में एक पुलिस वाले भाई को सारी बात बताई. पुलिस वाले ने एक बस में बैठा कर ड्राइवर को आगे छोड़ देने को बोल दिया. बस का ड्राइवर मुझे दिल्ली के गाजीपुर सब्जी मंडी के पास छोड़ दिया.’ पंडित कहते हैं, ‘एक साल के बेटे की मौत से मैं परेशान था ऊपर से मेरे पैसे छीन लिए. मैं अंदर से पूरी तरह टूट चुका था.
सलमा दीदी 5500 रुपये दे कर भेज दिया घर
इस बीच सब्जी मंडी के फ्लाईओवर के पास सलमा दीदी (सलमा फ्रांसिस, समाज सेविका) की मुझ पर नजर गई. सलमा दीदी को मैंने अपनी पूरी बात बताई. सलमा दीदी ने तीन दिनों तक मुझे खाना खिलाया और 14 मई को मेरा टिकट करवा कर मुझको भेज दिया. दीदी ने अपनी गाड़ी से मुझे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक छोड़ा और 5500 रुपये भी दिए.’
रामपुकार पंडित ने कहा है कि लालू जी के लड़के ने 1 लाख रुपये दिया है.
वो वह कहता है कि मेरा सब कुछ उजड़ गया. कमाते हैं तो खाते हैं. खेत वगैरह भी हमारे पास नहीं है. लालू जी के लड़के ने 1 लाख रुपये दिया है. वीडियो पर उन्होंने बात भी की थी. कुछ और स्थानीय लोगों के जरिए 5-10 हजार रुपये मिले हैं, लेकिन अभी तक स्थानीय प्रशासन की तरफ से किसी तरह का कोई मदद नहीं मिली है.
तेजस्वी यादव ने दिए एक लाख रुपये
राम पुकार की तीन बेटियां हैं. बड़ी बेटी पुनम आगनबाड़ी केंद्र की स्कूल में पढ़ती है, जबकि पत्नी गृहस्थी करती है. रामपुकार पंडित को अभी भूख और बेबसी के बीच लोगों की मेहरबानी से दो जून की रोटी भले ही चल पा रही हो पर अपने एक मात्र लड़के की मौत के सदमे से पंडित अभी तक नही उबर नहीं पा रहा है. बार-बार बच्चे को लेकर रोने लगता है.
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First published: May 27, 2020, 8:31 PM IST