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क्या है किम जोंग का हरम, जिसके लिए स्कूल की बच्चियों को उठा लिया जाता है north korea kim jong un pleasure squad girls for entertainment of males | knowledge – News in Hindi

उत्तर कोरिया ( North Korea) के तानाशाह किम जोंग (Kim Jong) की सेहत को लेकर बीते एक महीने से अटकलें जारी हैं. कुछ खुफिया एजेंसियों का कहना है कि किम ब्रेन डेड हो चुके हैं, जबकि कुछ दोहराती रहीं कि वे गंभीर तौर पर बीमार चल रहे हैं. इन अटकलों पर 1 मई को विराम लग गया, जब किम को कथित तौर पर राजधानी प्योंगयांग (Pyongyang) के पास एक समारोह में देखा गया. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने ये खबर छापी. हालांकि अब तक किम की कोई ताजा तस्वीर जारी नहीं हुई है. इसी बीच कोरिया के इस सैन्य शासक की जिंदगी के कई रहस्यमयी पहलू एक बार फिर सामने आ रहे हैं. जैसे माना जाता है कि किम के हरम में वे लड़कियां रखी जाती हैं जिनकी वर्जिनिटी (virginity) भंग न हुई हो. इसे प्लेजर स्कवाड (Pleasure Squad) कहा जाता है. जानें, क्या है ये प्लेजर स्कवाड.

साल 2011 में किम के सत्ता के आने के बाद दुनिया ने माना कि विदेश में पढ़े किम का आना उत्तर कोरिया से रहस्यों का परदा हटाएगा. देश से गलत प्रथाएं खत्म होंगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. किम ने अपने दादा की शुरू की गई सेक्स इंटरटेनर रखने की प्रथा खत्म नहीं की. प्लेजर स्कवाड कहलाने वाले लड़कियों के समूह को खास किम और उनके वफादारों के लिए रखा जाता है. इसमें प्यूबर्टी एज में पहुंच चुकी 13 साल तक की बच्चियों को भी जबर्दस्ती रखा जाता है.

किम ने अपने दादा की शुरू की गई सेक्स इंटरटेनर रखने की प्रथा खत्म नहीं की

कैसे होता है इसके लिए चुनावइसके लिए किम के लोग लड़कियों के स्कूलों पर नजर रखते हैं. अगर कोई लड़की उन्हें स्कवाड में शामिल करने लायक लगे तो उसे पकड़ा जाता है. ले जाने से पहले सैनिक सवाल करते हैं कि क्या वे वर्जिन हैं. इसके बाद जबर्दस्ती उठाई गई लड़की का मेडिकल परीक्षण होता है ताकि ये पक्का हो सके कि उसका कोई संबंध नहीं रहा है. सुनिश्चित हो जाने पर लड़की प्लेजर स्कवाड में शामिल होने लायक मान ली जाती है, चाहे उसकी मर्जी हो या न हो.

माना जाता है कि पहला प्लेजर स्कवाड नॉर्थ कोरिया के संस्थापक Kim Il-sung ने किया था ताकि वे देश की समस्याओं के बीच अपना मनोरंजन कर सकें. एजेंसियों के अनुसार साल 1970 में इसकी शुरुआत हुई थी. किम द्वितीय अपने सैनिकों को देश की सबसे खूबसूरत और वर्जिन लड़कियों की तलाश में भेजा करता. चुनाव के बाद उन्हें राजसी लोगों से मिलने के तौर-तरीके सिखाए जाते, साथ ही नृत्य और गाने की भी ट्रेनिंग मिलती. इनमें से कई लड़कियों ने बाद में हरम के भीतर ही घरेलू नौकरानी की तरह काम शुरू कर दिया. वहीं कुछ बेहद खूबसूरत लड़कियों को किम के वफादारों को comfort women की तरह इनाम में दिया जाता था.

किम के दादा को यकीन था कि वर्जिन लड़कियों के साथ रहने और उनसे संबंध बनाने पर उनकी जीवनी-शक्ति पुरुषों के भीतर आ जाती है

माना जाता है कि किम के दादा को यकीन था कि वर्जिन लड़कियों के साथ रहने और उनसे संबंध बनाने पर उनकी जीवनी-शक्ति पुरुषों के भीतर आ जाती है, जिससे वे और ताकतवर हो जाते हैं. जबर्दस्ती उठाकर मनोरंजन के लिए रखी जाने वाली इन लड़कियों के पेरेंट्स से कहा जाता था कि उनकी बेटियां जरूरी मिशन पर हैं और डरे हुए पेरेंट्स जानने के बाद भी इसका विरोध नहीं कर पाते थे.

20 साल की होते-होते लड़कियों को प्लेजर स्कवाड से रिटायर मान लिया जाता था. इसके बाद उनकी दूसरी ड्यूटी शुरू होती थी. या तो वे घरेलू नौकरानी बन जातीं या फिर सुंदर होने पर किम के सैनिक या दूसरे वफादार उन्हें अपने साथ ले जाते.

प्लेजर स्कवाड में लड़कियों की अलग-अलग श्रेणियां भी हैं. जैसे डांस-गाना अच्छी तरह कर पाने वाली लड़कियां यही काम करती हैं. कुछ लड़कियों को ट्रेनिंग देकर गुप्तचर के काम पर रखा जाता है. वहीं लड़कियों की एक श्रेणी सिर्फ सेक्सुअल प्लेजर देने के लिए होती है, जिसे स्थानीय भाषा में Manjokjo कहते हैं.

इसमें प्यूबर्टी एज में पहुंच चुकी 13 साल तक की बच्चियों को भी जबर्दस्ती रखा जाता है

Kim Il-sung की मौत के बाद उसके बेटे किम जोंग इल (Kim Jong-il) ने इस जारी रखा. उसके कार्यकाल के दौरान शेफ रह चुके एक शख्स Kenji Fujimoto का दावा था कि लड़कियों के चुनाव के लिए उनका ऑडिशन भी किया जाता था. इस स्कवाड के बारे में दुनिया को खास जानकारी नहीं रही. इंटेलिजेंस के अलावा किम के चंगुल से निकल भागे लोगों ने इसकी जानकारी दी. जैसे साउथ कोरिया में भागकर आई एक युवती Mi Hyang का कहना था कि वो किम के इस स्कवाड का 2 सालों तक हिस्सा रही. उनके अनुसार 15 साल की उम्र में उन्हें स्कूल से उठा लिया गया था.

वैसे किम जोंग इन की मौत के बाद साल 2011 में प्लेजर स्कवाड को किम जोंग ने कुछ समय के लिए बंद करवा दिया. तब उम्मीद जागी कि नया शासक कुछ बेहतर करेगा. हालांकि बाद में इसके पीछे ये वजह बताई गई कि किम जोंग को अपने पिता को सेवाएं दे चुकी लड़कियों पर यकीन नहीं था क्योंकि वे काफी सारे राज जानती थीं. द टेलीग्राफ से एक इंटरव्यू में उत्तर कोरियाई मामलों के जानकार Toshimitsu Shigemura ने कहा कि उन्हें घर वापस भेजने से पहले शपथ दिलवाई गई वे कभी मुंह नहीं खोलेंगी. लड़कियों को 4,000 डॉलर भी दिए गए जो कि गरीबी झेल रहे देश में एक बड़ी रकम मानी जाती है.

अगले चार सालों तक लड़कियों को कोई भर्ती नहीं हुई. माना जाने लगा कि देश से ये प्रथा खत्म हो चुकी है, लेकिन साल 2015 में किम जोंग ने दोबारा प्लेजर स्कवाड शुरू करवा दिया.

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