ANALYSIS: राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने मजबूत की देश की रीढ़ – ANALYSIS- Prime Minister strengthens the backbone of the country on National Panchayat Day | nation – News in Hindi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कोरोना संकट के इस दौर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ये जानते हैं कि अगर इस घड़ी में देश के 130 करोड़ लोगों का पेट भरना हो या देश को आर्थिक मंदी से बाहर निकलना हो तो इन 75 करोड़ से ज्यादा लोगों को साथ लिए बिना इस लड़ाई को जीतना सम्भव नहीं है.
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले गांवों को दिया आत्मनिर्भरता का नारा
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जो सबसे बड़ा मंत्र आत्मनिर्भरता का दिया, उसकी शुरुआत भी प्रधानमंत्री मोदी ने गांवों से की. प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर बने बिना ऐसे संकट झेल पाना मुश्किल होगा. गांव अपने स्तर पर, जिला अपने स्तर पर , राज्य अपने स्तर पर और पूरा देश अपने स्तर पर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास करे, तो बाहर का मुंह नहीं देखना पड़ेगा. ये सोचने का समय है. भारत में इससे पहले भी बार-बार आत्मनिर्भरता की बात होती रही है, लेकिन कोरोना संकट के इस समय में अब इसे धरातल पर लागू करने का वक्त है और इसमें सबसे पहला कदम गांव के लोगों को ही उठाना है.
मजबूत पंचायत, मजबूत देश का आधारप्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में साफ किया कि मजबूत गांव और मजबूत पंचायतें ही सशक्त देश का आधार हैं. अपने कार्यकाल में गांवों के विकास के लिए हुए कामों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि एक दौर वो भी था जब देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं. अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है. इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है. यानी गांव तकनीक के जरिए दुनिया के साथ तेजी से जुड़ रहे हैं और अब गांवों को हर बात के लिए शहर की तरफ देखने की आवश्यकता नहीं है.
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गांवों को मजबूत करने की प्रधानमंत्री की पहल
गांवों में सबसे बड़ी समस्या सम्पत्ति विवाद है. गांव के लोगों में अक्सर सम्पत्ति का विवाद चलता रहता है. साथ ही गांव में विकास कार्य करने के लिए जमीन की समस्या आम रही है ऐसे में प्रधानमंत्री की स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे. इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे. इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी. इससे शहरों की तरह गांवों में भी आप बैंकों से लोन ले सकेंगे. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज लॉन्च हुए ऐप के जरिए ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी होगी. इसके माध्यम से पारदर्शिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी.
प्रधानमंत्री के संबोधन से बढ़ेगी उत्पादकता!
साफ है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज के अपने संबोधन में गांवों को मजबूत करने के साथ-साथ गांवों को एक रखने के लिए भी मजबूत पहल की है, क्योंकि बिना एक हुए मजबूत नहीं हुआ जा सकता है. कोरोना संकट के इस समय में जब देश के हर व्यक्ति को मजबूत मनोबल के साथ लड़ना है ऐसे में प्रधानमंत्री से सीधे साक्षात्कार गांव के सरपंचों का मनोबल जरूर बढ़ाएगा और ये बढ़ा हुआ मनोबल गांव के अंतिम व्यक्ति तक जाएगा, जिससे देश की उत्पादकता पर सीधा असर पड़ेगा. प्रधानमंत्री मोदी का इस संकट के समय में देशभर के सरपंचों से सीधे साक्षात्कार करने का उद्देश्य भी शायद यही हो.
(ये लेखक के निजी विचार है)
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First published: April 24, 2020, 12:53 PM IST