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कोरोना वायरस: सरकार के कदम पर उठ रहे सवालों का प्रकाश जावड़ेकर ने दिया करारा जवाब | Corona virus Prakash Javadekar answered the questions being raised on the governments move | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से निपटने को लेकर विपक्ष की तरफ़ से केंद्र सरकार (Central Government) की पहल पर उठाए जा रहे सवालों का केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने जवाब दिया है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्र द्वारा उठाये गए कदम को सही समय में सही दिशा में उठाये गए कारगर कदम बताया है. जावड़ेकर ने बताया है कि देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना वायरस के संकट को बहुत पहले समझ गए थे, दिसंबर से ही कैबिनेट की हर बैठक में कोरोना महामारी का जिक्र कर, इस बीमारी की चुनौती से लड़ने की तैयारियों में लग गए थे. उन्होंने बताया कि दिसंबर में ही प्रधानमंत्री ने अलग-अलग विशेषज्ञों को इकट्ठा किया, अलग-अलग ग्रुप्स तैयार किए. कोरोना के संबंध में सभी विषयों की एक योजना तैयार करने लगे.

पहले केस के आते ही सरकार ने कसी कमर
जावड़ेकर ने बताया कि भारत में पहला केस 30 जनवरी को आया. उसके पहले ही सरकार की कार्य योजना तैयार थी. विदेशों से आने वाले प्रवासियों का जांच करने का आदेश दिया गया और धीरे-धीरे दुनिया के सभी देशों से आने वाले प्रवासियों की स्क्रीनिंग होने लगी. उन्होंने कहा कि जो उसमें डाउटफुल या जिनमें लक्षण दिखाई देते थे उनको पहले मानेसर में एनएसजी के फैसिलिटी में रखा गया. 14 दिन के लिए उनको क्वॉरंटाइन किया. उसी समय से कोरोना का अगर विस्तार होता है तो कितने हॉस्पिटल देशभर में लगेंगे, ये निर्णय शुरू किया.

जावड़ेकर ने कहा कि देश में कोविड-19 के लिए एक भी हॉस्पिटल स्पेशल नहीं था क्योंकि बीमारी नई थी. आज तक देश में 586 हॉस्पिटल तैयार हुए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 1 लाख 40 हजार आइसोलेशन के बेड तैयार हुए हैं, 11 हजार आईसीयू के बेड तैयार हुए हैं.भारत में पीपीई की 39 फैक्ट्रियां तैयार
जावड़ेकर ने पीपीई को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि पीपीई की बहुत चर्चा होती है. ये पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट हमारे यहां भारत में उसका उत्पादन नहीं होता था. अभी 39 फैक्ट्री तैयार हो गई हैं जिन्होंने पीपीई का उत्पादन शुरू किया है. 27 लाख से ज्यादा पीपीई अभी देश में वितरित किए गए हैं और दूसरे देशों से भी बड़ी मात्रा में इसे आयात कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 48 लाख एन-95 मास्क वितरित किए गए हैं और एक करोड़ मास्क का आयात भी किया जा रहा है. हर प्रकार के मास्क तैयार करने का काम देश में शुरू हुआ है. जावड़ेकर ने कहा कि पहले ये मास्क देश में नहीं बनते थे. अब 4 फैक्ट्रियों में ये मास्क बनने लगे हैं. अब घर में भी रोजमर्रा के उपयोग के लिए मास्क बनाने का काम शुरू हुआ है.

वेंटीलेटर की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि देश में 8400 वेंटीलेटर थे आज दोगुने हो गए 16500 हैं और 52 हजार वेंटीलेटर का ऑर्डर दिया है. पहले वेंटीलेटर का निर्माण देश में नहीं होता था. अब एक फैक्ट्री में ये काम शुरू हुआ है.

प्रकाश जावड़ेकर ने बताया है कि तैयारियों के अलावा पीएम देश की जनता से संवाद बरकरार रखा. 22 मार्च को उन्होंने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया जिसे 130 करोड़ लोगों ने पूरी तरह से सफल बनाया.

दूसरे देशों को एचसीक्यू निर्यात कर रहा भारत
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि हाइड्रोक्लोक्सीक्वीन की गोली मलेरिया और अन्य बीमारियों में उपयोग होती है, लेकिन जब कोविड को कोई ठोस उपाय नहीं मिला तो अनेक देशों ने इसका उपयोग शुरू किया. दुनिया का 70 प्रतिशत एचसीक्यू भारत में बनती है और देश आज अमेरिका, ब्राजील और अन्य अनेक देशों को इसे निर्यात कर रहा है.

जावड़ेकर ने टेस्टिंग लैब को लेकर कहा कि कोविड है कि नहीं ये तय करने के लिए जो परीक्षण होता है वो करने वाली एक लैब थी. तीन महीने में आज 160 लैब बनाई गई है और प्राइवेट मिलकर लगभग 250 लैब्स काम कर रही हैं.

इस तरह से कोविड के इलाज के लिए देश को जो करना चाहिए वो किया जा रहा है. इसी के साथ सही समय पर 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है क्योंकि इसमें कोविड का मूल उपाय घर में रहना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही है. इसके लिए समय पर 21 दिन का ये लॉकडाउन सफल रहा. अन्य देशों में हजारों की संख्या में मृत्यु हो रही है तब भारत में मृतकों की संख्या 300 के आसपास है. जहां अमेरिका में संक्रमितों की संख्या पांच लाख है, भारत में ये संख्या 8500 है. तो ये सफलता भारत को समय पर तैयारी करने के कारण मिली है और ये प्रधानमंत्री का ही विज़न था.

गरीबों का भी ख्याल रख रही सरकार
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने गरीबों का ख्याल किया. 80 करोड़ गरीबों के लिए प्रधानमंत्री कल्याण योजना घोषित की और 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए उसके लिए दिए. इसके तहत 4 प्रकार के काम होने हैं. पिछले पांच साल से 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं 2 रुपए की दर से और चावल 3 रुपए की दर से मिलता है, वो मिलता रहेगा. इसके अलावा 3 महीने के लिए हर व्यक्ति को 15 किलो गेहूं या चावल और 3 किलो दाल मुफ्त में दी जाएगी. उन्होंने कहा 20 करोड़ महिलाओं के जन धन खाते हैं. उनको 3 महीने के लिए हर माह 500 रुपए भेजे जाएंगे. पहली किश्त मिल भी गई.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 8 करोड़ 40 लाख किसानों को जून में मिलने वाले किसान सम्मान योजना की 2000 रुपए की किश्त अप्रैल के पहले सप्ताह में ही दी गई. 8 करोड़ से ज्यादा उज्ज्वला योजना के महिलाओं को तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाने यानी 2400 रुपए की मदद उनको की है क्योंकि गरीब को खाना मिले, ये देखना जरूरी था.

उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को और दिहाड़ी पर मजदूरों को भी कांट्रैक्टर मालिक और उद्योग लॉकडाउन के कार्यकाल का तनख्वाह दे, ये भी अपील प्रधानमंत्री ने की. जो असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों मजदूर हैं उनका प्रोविडेंट फंड के मालिक और मजदूर के कटने वाले 12-12 प्रतिशत, आने वाले तीन महीने सरकार ने भरने की घोषणा की है. इससे मजदूरों को बहुत फायदा मिलेगा.

अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार उठा रही कदम
अर्थव्यवस्था को लेकर जावड़ेकर ने कहा कि अर्थव्यवस्था ठीक तरीके से चले इसके लिए आरबीआई ने विभिन्न कदम उठाए हैं और उसके द्वारा तीन लाख पचास हजार करोड़ रुपए लिक्वीडिटी बढ़ाई है. मध्यम वर्गों को हर महीने भरने वाली ईएमआई को 3 महीने के बाद भरने की सहूलियत दी है.

उन्होंने कहा कोविड के लिए राज्यों को 15 हजार करोड़ की मदद घोषित की है. एनडीआरएफ से 11 हजार करोड़ रुपए राज्यों को दिए हैं. दिहाड़ी में काम करने वाले मजदूरों के लिए 31 हजार करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है.

फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन से राहत
मंत्री ने कहा भारत की आत्मा कृषि में है. रबी की कटाई गर्मी के दिनों में होने वाली फसलों की तैयारी के लिए लॉकडाउन से राहत दी गई. सारे मजदूर काम पर आए, उनको रोजी भी मिली और गर्मी के दिनों में जो sowing होता है उस क्षेत्र में 10 फीसदी वृद्धि हुई है. मंडी कानून में बदलाव करने के राज्यों को आग्रह किया है. गेहूं, दाल और तिलहन समर्थन मूल्य पर खरीदने की पूरी व्यवस्था खड़ी की है.

उन्होंने बताया कि 18 लाख टन का अनाज 18 दिन में देश भर में रेलवे से ढुलाई करके सभी कोनों में पहुंचाया गया है. पूर्वोत्तर राज्य और पहाड़ी राज्यों में हवाई जहाज से आवश्यक माल की आपूर्ति की जा रही है.

विश्व के नेताओं से पीएम ने संवाद कायम किया
जावड़ेकर ने कहा विश्व के नेताओं के साथ पीएम मोदी ने संवाद कायम किया. सार्क देशों के साथ तथा जी-20 देशों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग हुई. देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा संवाद कायम किया. मंत्रिमंडल की बैठक नियमित रूप से हुई. सरकार के निर्णय की प्रक्रिया 24 घंटे चलती रही.

इन सभी उपायों के कारण आज भारत में कोविड का प्रभाव दुनिया की तुलना में कम रहा है.

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