छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

राजयोगिनी दादी जानकी का निधन पर अर्पित किये श्रद्धासुमन

भिलाई। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका तथा स्वच्छ भारत मिशन ब्रांड अम्बेसडर राजयोगिनी दादी जानकी का 104 वर्ष की उम्र में देहावसान हो गया। माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में 27 मार्च को प्रात: 2 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें पिछले दो महीने से स्वांस तथा पेट की तकलीफ थी जिसका इलाज चल रहा था। उनका अंतिम संस्कार ब्रह्माकुमारीज के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में कान्फ्रेंस हाल के सामने मैदान में दोपहर 12.30 बजे हुआ।
भिलाई सेवाकेन्द्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने दादीजी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नारी शक्ति की प्रेरणास्रोत राजयेागिनी दादी जानकी का जन्म 1 जनवरी, 1916 को हैदराबाद सिंध, पाकिस्तान(अविभाजित भारत) में हुआ था। दादीजी ने 21 वर्ष की उम्र में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आध्यात्मिक पथ को अपना लिया था और पूर्णरुप से समर्पित हो गयी थी। आध्यात्मिक उड़ान में शिखर छू चुकी राजयोगिनी दादी जानकी मात्र कक्षा चौथी तक पढ़ी थी। लेकिन आध्यात्मिक आभा से भरपूर भारतीय दर्शन, राजयोग और मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए 1970 में पश्चिमी देशों का रुख किया। दुनिया के 140 देशों में मानवीय मूल्यों के बीजारोपण के हजारों सेवाकेन्द्रों की स्थापना कर लाखों लोगों को एक नयी जिन्दगी दी। सकल गुजराती समाज के दुर्ग जिला अध्यक्ष रजनीश दवे सहित ज्ञानचंद जैन, एल.एन.विश्वा, गिरीष सांवरिया, प्रफुल्ल दीक्षित, सी.के. व्यास, मुकुन्द दीक्षित ललित पनिया, दिनेश भाई  काटकोडि?ा, नारायण भाई राठौर, जयंती भाई अढ़तिया, कुशाल मेहता मोती भाई वसानी, बंटी भाई नथवानी, कांजी भाई नथवानी, निकेत मेहता, योगेश भाई एवं सकल गुजराती परिवार ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए देश के इस महानायिका देवी तुल्य दादी जानकी के स्वर्गरोहण पर गहन शोक व्यक्त किए है।

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