छत्तीसगढ़
राज्य शासन की योजनाओं का कला जत्था हंसते-हंसाते बता रहे फायदे हल्बी, गोड़ी और माड़िया भाषा का कर रहे प्रयोग

राज्य शासन की योजनाओं का कला जत्था हंसते-हंसाते बता रहे फायदे
हल्बी, गोड़ी और माड़िया भाषा का कर रहे प्रयोग
नारायणपुर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़–राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं गतिविधियों का प्रचार-प्रसार एवं साथ ही भविष्य की योजनाओं जैसी बातें अब हंसते-हंसाते आम जनता को बतायी जा रही है। इसके लिए कला जत्था का सहारा लिया गया है। जो नारायणपुर जिले के हाट-बाजारों, दूरस्त

अंचलों, मड़ई-मेलो, मजरों-टोलों में उनकी भाषा-बोली में रोचक ढंग से हंसते-हंसाते, गुदगुदाते, नाटक, चुटकले आदि शैली में योजनाओं के फायदें बता रहे। वहीं स्वास्थ्य, शिक्षा, सुपोषण, स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, नरवा, गरूवा, धुरवा और बाड़ी, सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), स्थानीय बोलियों में पढ़ाई, स्कूलों में सविधान की प्रस्तावना का वाचन आदि को रोचक शैली में बता रहे है और लोगों को जागरूक कर रहे है। स्थानीय ग्रामीण अपनी भाषा में शासन की योजनाओं को बेहतर तरीके से समझ रहे है।
सरकारी योजनाओं का वनांचलों में मीडिया द्वारा प्रसार नहीं हो पा रहा है, वहां नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर स्थानीय बोली में प्रचार किया जा रहा है। बाल विवाह जैसी कुरूतियों को जड़ से खत्म करने एवं रोकने और जागरूकता फैलाने में भी कला जत्था से प्रमुखता से काम लिया जा रहा है। जिला मुख्यालय में चल रहे 800 वर्ष पुराने माता मावली मड़ई-मेला में भी राज्य शासन की योजनाओं का प्रचार किया जा रहा है।
जनसंपर्क विभाग द्वारा राज्य शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए बस्तर के कला जत्थाओं से अनुबंध किया गया है। जगदलपुर में इसके लिए एक दिवसीय कार्यशाला भी रखी गई थी। नारायणपुर जिले के ग्राम नयानार निवासी जैनू सलाम केे स्थानीय कला जत्था को नारायणपुर जिले में हल्बी, गोड़ी और माड़िया बोली में प्रचार-प्रसार का जिम्मा दिया गया ।
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