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Shivraj Singh On Union Budget 2025 : ‘शुरू होगा कपास उत्पादकता मिशन..’ आम बजट पर बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जानें और क्या कहा

Shivraj Singh On Union Budget 2025 | Source : File Photo

नई दिल्ली। Shivraj Singh On Union Budget 2025 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट पेश किया। निर्मला सातीरमण लगातार 8वां बजट पेश किया हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने की शुरूआत देश की प्रगति और किसानों के बारे में घोषणा करते हुए की। इसके साथ ही वित्त मंत्री सीतारमण ने कई अलग-अलग मुद्दों पर कई बड़ी घोषणाएं की। बजट पेश होने के बाद देश के दिग्गज नेताओं और अर्थशास्त्रियों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान सामने आया है।

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आम बजट पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं, “हमारे किसान कई चीजें पैदा करते हैं, उनमें से एक कपास भी है। वित्त मंत्री ने कपास उत्पादकता मिशन शुरू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य न केवल हमारे कपास की उत्पादकता बढ़ाना है, बल्कि इसकी गुणवत्ता भी बढ़ाना है। हमें उच्च गुणवत्ता वाला कपास पैदा करना चाहिए और इसके लिए फाइबर प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे में सुधार और टिकाऊ प्राकृतिक फाइबर को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे। अभी हमारी मांग 326 लाख गांठ कपास की है और उत्पादन केवल 300 लाख गांठ कपास का हो रहा है। लेकिन इससे कपास की उत्पादकता बढ़ेगी, गुणवत्ता भी बढ़ेगी और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा….”

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं, “बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में मखाना का उत्पादन गरीब किसान, खासकर मछुआरे करते हैं। मखाना को सुपरफूड माना जाता है। इसमें अजवाइन पर्याप्त मात्रा में होती है। पिछले दिनों जब मैं बिहार गया था और बिहार के कृषि मंत्री भी आए थे, तो मुझे मखाना उत्पादक किसानों की समस्याओं से अवगत कराया गया था। इसीलिए अब मखाना पैदा करने के लिए हाथ से पानी में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जो काफी कठिन है… सभी समस्याओं से निपटने के लिए मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा, जो कई तरह से मखाना की प्रोसेसिंग जैसे कई काम करेगा। ये सभी कदम जो उठाए गए हैं, उनसे कृषि की उत्पादकता बढ़ेगी और उत्पादन की लागत कम होगी…”

 

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