खास खबरछत्तीसगढ़दुर्ग भिलाईदेश दुनिया

एनआरसी, सीएए और सीएबी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हजारों मुस्लिम हुए एकत्रित और किया विरोध

बौद्ध समाज, पिछड़ा एवं दलित समाज ने किया समर्थन

एडीएम को सौँपा ज्ञापन,कहा हमारी बात हुकुमत तक पहुंचाये

 

दुर्ग – नागरिकता संशोधन विधेयक को जबसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली है, और यह कानून बनकर भारत वर्ष में लागु भी होने की तैयारी में है, जबसे ये बिल दोनों सदनों में पास किया गया तबसे इसके विरोध में एक तरफ पूर्वोत्तर के राज्यों में भयंकर आक्रोश एवं धरना प्रदर्शन का दौर चल रहा है, वही दूसरी ओर आज देश के लगभग लगभग हर प्रदेश में विरोध की ज्वाला फुट पड़ी है, इसी तारतम्य में दुर्ग जिला भी अछुता नहीं रहा, शुक्रवार का दिन होने के कारण दुर्ग के जामा मस्जिद एवं भिलाई सेक्टर 6 के जामा मस्जिद में हजारों की संख्या में जुमे की नमाज के बाद शांतिपूर्ण आन्दोलन एवं आमसभा का आयोजन भी किया गया, जिसमे दुर्ग शहर के तमाम मस्जिदों के इमाम एवं अन्य समाज के लोगो ने मौन जुलुस की शक्ल में शांतिपूर्वक अपना विरोध जताया, इसके साथ ही जामा मस्जिद भिलाई में भी भिलाई की तमाम मस्जिदों के इमाम के साथ बौद्ध समाज, मजदुर यूनियन , पिछड़ा एवं दलित समाज के लोगो ने अपना समर्थन देते हुए राष्ट्रपति के नाम अनुविभागीय दण्डाधिकारी गजेन्द्र सिंह ठाकुर को ज्ञापन सौपा गया और तीव्र आक्रोस जताते हुए, नागरिक संशोधन विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है, साथ ही जिस प्रकार से केंद्र सरकार एक तरीके से एक वर्ग विशेष के ऊपर संसय की स्थिति पैदा कर रही है, उससे देश में अराजकता एवं भय का वातावरण निर्मित हो गई है !

इस कार्यक्रम केदौरान बौध समाज के अनिल मेश्राम, आलइंडिया पिछड़ा वर्ग फाउंडेशन के अध्यक्ष गिरधर मढरिया, ब्राईट ऐसोसिएशन के बालेश्वर चौर, कांग्रेस के प्रभाकर जनबंधु, एवं दलित समाज के लोगों और महिलाओं ने इस अवसर पर ईदगाह मैदान पहुंचकर अपना समर्थन दिया और मुस्लिम समाज के साथ कंधा से कंधा मिलाकर इस कानून का पूरजोर विरोध करते हुए इन तीनों कानून को वापस लेने दबाव बनाने पूरा साथ देने का वादा किया। इस दौरान भिलाई जामा मस्जिद ट्रस्ट एवं दुर्ग जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी कीओर से इन तीनो कानून विरोध में और इसे वापस लेने जामा मस्जिद के पूर्व पेशईमाम हजरत मौलाना अजमुलुद्दी हैदर ने विरोध स्थल पर ही एडीएम को इसके विरोध में एक ज्ञापन सौँपा और मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा इस कानून के विरोध में काले गुब्बारे उड़ाये। लोगों ने हाथ में तिरंगा झंडा लेकर संविधान बचाने, देश की एकता बचाने, इस कानून को वापस लेने बेनर व पोस्टर लेकर भी अपना विरोध प्रकट किये। इस बॉयकाट कार्यक्रम का निजामत मौलाना गुलाम ने किया। इस दौरान सुरक्षा के लिए बडी संख्या में पुलिस प्रशासन भी दल बल के साथ मौजूद थे। इस अवसर पर मुफ्ती कलीम अशरफ, सेक्टर 6 जामा जस्जिद के पेशमईमाम इकबाल अंजुम ने जनसमूह को संबोधित किया। इस अवसर पर पेशईमाम हैदर इकबाल अंजुम ने कहा कि केन्द्र की मौजूदा हुकुमत जबरिया एनआरसी, सीएए और कैब लागू कर रही है। इससे मुल्क के गंगा जुमनी तहजीब में फूट पडेगा। जिस मुल्क में आपसी फूट पड़ जाये उस मुल्क को बर्बादी से कोई नही रोक सकता । उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार  एक घर बनाने के लिए ईंट, रेट सीमेंट की आवश्यकता होती है,इसी प्रकार संविधान को बचाने को लिए आज हिन्दू मुस्लिम, सिक्ख ईसाई सभी को एकजुट होना पड़ेगा । इतिहास जानता है कि हमने इस मुल्क के लिए कितनी कुर्बानी दी है, कितना त्याग किया है। पहले हम जिस तरह गोरों से लडने सभी कौम के लोग एकजुट हुए थे, आज फिर वही समय आ गया है कि हम सभी कौम के लोग गोरों की बची हुए नाजायज औलादों और गोडसे को महान बताने वालों से लडऩा है । आज ये हिन्दु राष्ट्र बनाना चाहते है, इस हिन्दुस्तान में सभी जाति धर्म के लोग एक साथ प्यार मोहब्बत से रहते है। ये पहले बाबरी मस्जिद के मामले मे हमें आपस में लड़ाना चाहते थे, लेकिन सुप्र्रीम कोर्ट का फैसला आया तो हमने बडे ही सहजता हम लोगों ने आपसी एकता और भाईचारा बनाये रखा, जब देखे कि अब ये मामला खत्म हो रहा है, देश में कोई फसाद नही हुआ हमारा हुकुमत आगे कैसे चलेगी इसलिए ये आने वाले दिनों में अपनी हुकुमत के लिए जबरिया ऐसा कानून लाकर हमें आपस में लडवाने का कार्य किया जा रहा है। हम हमेशा हिन्दुस्तान से मोहब्बत करते थे, मोहब्बत करते है और करते रहेंगे। आज सीएए कानून के माध्यम से हमें हिन्दुस्तानी होने का सबूत मांगा जाने वाला कार्य किया जा रहा है। संविधान को बदलने का कार्य किया जा रहा है।

 

मौलाना इकबाल अंजुम ने स्टेज पर चुमा बाबा साहेब अंबेडकर के फोटो को

संविधान में और उसके अनुच्छेद में सभी कौम के लिए कानून बनाया गया है, उसे अपने हिसाब से जबरिया बदलने का कार्य किया जा रहा है। हम भारत के संविधान में

पूरा विश्वास रखते हैं। हम अपने इस मुल्क के संविधान को हमेशा माना है और मानते रहेंगे। जनाब अंजुम ने आगे कहा कि हुकुमत वो होती है जो लोगों के दिलों मे ंराज करती है।  इनका कहना है कि आज मुस्लिम डरा हुआ है, तो सुन लो हुक्मरानों जब हम 40 थे तब नही डरे तो आज क्या डरेंगे। आज तो हम करोड़ों में है।

घर में मां बाप भूखे और पड़ोसी पर मेहरबान

मौलाना इकबाल अंजुम ने आगे कहा कि मौजूदा केन्द सरकार ऐसा काम कर रही है कि घर में मां बाप भूखे हैं और पड़ोसी पर मेहरबानी वाला कार्य कर रहे है। देश में माताएं बहने सुरक्षित नही है, करोडों युवा बेरोजगार है, मंहगाई चरमसीमा पर है और एनआरसी, का ओर कैब जैस काूनन लाकर लोगों को इन समस्याओं से भटकाने का कार्य कर करे है।

दलितो और बौद्ध और एससी एसटी को हिन्दु नही मानती ये सरकार

उन्होंने अपने एससी, एसटी और पिछडा वर्ग तथा बौद्ध समाज के लोगों का आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि आप लोगों का आरक्षण खत्म कर रही है ये सरकार हम इसका भी विरोध करते है, आरक्षण खत्म नही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप लोगों को ये केन्द्र सरकार हिन्दू नही मानती और बडे तरीके से आप लोगों का आरक्षण खत्म कर रही है। सभी चीजों को प्राईवेटेशन कर रही है, जब सरकारी नौकरी ही नही रहेगी और सब चीजे प्राईवेट हो जायेगी तो आरक्षण कहा से मिलेगा।

पहले अपने मुल्क को सुरक्षित करों फिर बुलाओं पड़ोंसी देशों से लोगों को

उन्होने आगे कहा कि केन्द्र की मौजुदा हुक्मरान कानून बनाकर बेशक पड़ोसी देशों से अपने लोगों को लेकर आये हम उसका विरोध उस समय नही करेंगे पहले अपने देश में अम्र शांति कायम रखे, देश की बेरोजगारी, भूखमरी सहित अन्य समस्याएं खत्म करे।

सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा पर लोगों ने हाथ उठाकार और कई मौको पर अपने इस मुल्क से प्यार का इजहार किया।

इस दौरान पूर्व पार्षद गफफार, नूर मोहम्मद, हाजी एम एच सिद्दिकी, लाल मोहम्मद, शमशीर कुरैशी, अयुब खान, अनिस खान, तौकीर खान, जाकिर हुसैन सहित हजारों की तादाद में मुस्लिम समाज के लोग इस विरोध प्रशर्दन में शामिल हुए।

Related Articles

Back to top button