CG Ki Baat: कांग्रेस मांगे ‘न्याय’, टकराव का नया अध्याय! क्या यात्रा के जरिए जनाधार मजबूत कर पाएगी कांग्रेस?
CG Congress Nyay Yatra: रायपुर। 2023 में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरता रहा है, जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा है प्रदेश की कानून व्यवस्था। पहले बलौदाबाजार अग्निकांड फिर कर्वधा का घटनाक्रम, प्रदेश के लॉ-एंड-आर्डर पर कांग्रेस, प्रदेश सरकार को सीधे-सीधे फेल बताकर घेरना चाहती है। इसी मुद्दे पर 27 सितंबर गिरौदपुरी से कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा की शुरुआत कर दी है। बीजेपी इसे कांग्रेस का सियासी प्रोपेगेंडा बताकर यात्रा के असर को अभी से खारिज कर रही है। लेकिन, सवाल ये कि क्या इस यात्रा से कांग्रेस अपने पक्ष में कोई जनमत तैयार कर पाएगी या फिर बलौदाबाजार कांड में गिरफ्तार उनके विधायक, साजिश के आरोपों की कालिख उसकी राजनीतिक आक्रमण की धार को मोथला कर देगें?
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छत्तीसगढ़ में विपक्ष ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को ध्वस्त बताते हुए, छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा की शुरुआत कर दी है। तय कार्यक्रम के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेसियों ने गिरौदपुरी धाम पहुंचकर पूजा-पाठ कर यात्रा शुरु की। PCC चीफ दीपक बैज के नेतृत्व में शुरू हुई यात्रा में नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व मंत्री मोहन मरकाम, शिव डहरिया, सांसद ज्योत्सना महंत समेत तकरीबन सभी बड़े नेता शामिल हुए। प्रदेश अध्यक्ष का आरोप है कि बीते 9 महीनों में ही प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है। बलौदाबाजार और कवर्धा जैसी घटनाएं सुबूत हैं कि प्रदेश सरकार का कानून व्यवस्था पर कोई कंट्रोल नहीं है।
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इधर, कांग्रेस की पदयात्रा को सियासी हथकंडा बताते हुए बीजेपी ने कांग्रेस को उनका पिछला शासन काल याद दिलाया। भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने तंज कसाते हुए कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया, इसीलिए उन्हें तो जनता से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है, जिसकी जिम्मेदार सरकार है तो दूसरी तरफ सत्तापक्ष का आरोप है कि कांग्रेस की यात्रा जनता के बीच सक्रिय दिखाने के लिए, सरकार को बदनाम करने के लिए हैं। यहां तक की प्रदेश में बलौदाबाजार और कर्वधा में हुई हाल की घटनाओं के पीछे भी विपक्ष पर षड़यंत्र सरकार को अस्थिर करने का आरोप है।
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सवाल ये है कि जनता क्या सोचती है। यात्रा की शुरूआत में न्याय यात्रा को लेकर मिली-जुटी प्रतिक्रिया मिली देखना ये है कि 6 दिनों की यात्रा के दौरान और 2 अक्टूबर रायपुर में समापन तक छत्तीसगढ़वासी यात्रा से कितना जुड़ते हैं?