छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

स्थानांतरित पुलिस कर्मियों के रवानगी व आमद पर संशय आचार संहिता के दौरान नहीं किया जा सकता कार्यमुक्त. निकाय चुनाव खत्म होने के बाद होगा आदेश पर अमल.

भिलार्ई। निकाय चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले पुलिस विभाग में ताबड़तोड़ स्थानांतरण हुआ है। अब इन स्थानांतरित पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों के रवानगी और आमद पर संशय उभर आया है। आचार संहिता लगे होने के दौरान किसी भी कर्मचारी को कार्यमुक्त नहीं किया जा सकता। ऐसे में निकाय चुनाव खत्म होने के बाद ही स्थानांतरण आदेश पर अमल होने की चर्चा है।

दुर्ग जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव ने 24 नवंबर को  महकमे के 38 पुलिस कर्मचारियों का स्थानांतरण आदेश जारी किया है। इसमें 3 सहायक उप निरीक्षक, 12 प्रधान आरक्षक व 23 आरक्षक शामिल है। जब तक इन कर्मचारियों को अपने स्थानांतरण की खबर लगी उससे पहले ही नगरीय निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता लग चुकी थी। लिहाजा कोई भी स्थानांतरित कर्मचारी अपने मौजूदा पद्स्थापना वाली जगह से कार्यमुक्त नहीं हो सका। अब आचार संहिता के दौरान इन सभी स्थानांतरित पुलिस कर्मियों के बीच रवानगी लेने और नई जगह आमद देने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।

दरअसल किसी भी चुनाव में आचार संहिता लागू होते ही शासकीय कर्मचारियों के पदस्थापना में फेरबदल नहीं किया जा सकता। स्थानांतरण आदेश जारी होने के बाद आचार संहिता लागू होने से पहले ही शासकीय कर्मचारी स्थानांतरित जगह की रवानगी ले सकते हैं। पुलिस विभाग में भी अन्य शासकीय विभागों की तरह ऐसा ही होता आया है। लेकिन इस बार का स्थानांतरण मामला पूर्व के मामलों से काफी हद तक जुदा है। इस बार भले ही आचार संहिता लगने से एक दिन पहले स्थानांतरण आदेश जारी हुआ है। लेकिन स्थानांतरित कर्मचारियों को विभागीय तौर पर इसकी खबर आचार संहिता लगने के बाद मिलने की पुलिस महकमे में चर्चा है। ऐसी स्थिति में स्थानांतरित किए गए पुलिस कर्मचारी न तो पुरानी जगह से रवानगी ले सके हैं और ही नई जिम्मेदारी वाली जगह में आमद दे पाये हैं। अब नियमत: इसकी रवानगी और आमद की प्रक्रिया निकाय चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद ही गति पकड़ सकती है।

ज्ञातव्य हो कि दुर्ग जिला पुलिस की कमान कुछ दिन पहले ही आईपीएस अधिकारी अजय कुमार यादव को मिली है। श्री यादव ने पदभार ग्रहण करने के बाद चरणबद्ध तरीके से थाना प्रभारियों तथा अन्य स्टाफ की पदस्थापना में फेरबदल किया है। 25 नवंबर को आचार संहिता लगने से काफी पहले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का स्थानांतरण आदेश जारी हुआ था उनमें से भी कुछ ऐसे हैं जिन्होंने अब तक पुराने पदस्थापना वाली जगह से अपनी रवानगी नहीं लिया है। अब जब आचार संहिता लगी हुई है तो ऐसे कर्मचारी भी स्थानांतरण आदेश के पालन को लेकर सशंकित नजर आ रहे हैं।

कार्यमुक्त कर्मचारी ही दे सकते हैं आमद

25 नवंबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले कार्यमुक्त हुए कर्मचारी व अधिकारी ही केवल नवीन स्थानांतरित पदस्थापना के स्थान पर आमद देकर पदभार ग्रहण कर सकते हैं। नियमानुसार यह भी तब की स्थिति में संभव जब उस स्थान पर पद रिक्त रहे। लेकिन दुर्ग पुलिस के जिन 38 अधिकारी कर्मचारियों का स्थानांतरण 24 नवबर को आचार संहिता से ठीक एक दिन पहले किया गया है उनमें से कोई भी कार्यमुक्त नहीं हो पाया। अब इन भी स्थानांतरित पुलिस कर्मचारियों का स्थानांतरण आदेश आचार संहिता से पहले कार्यमुक्त नहीं होने के चलते किया चुनाव खत्म होने के बाद ही अमल मे लाया जा सकता है।

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