ट्रेड यूनियनों के हडताल का भिलाई इस्पात संयंत्र में पड़ा असर

ट्रेड यूनियनों के हडताल का भिलाई इस्पात संयंत्र में पड़ा असर
प्रबंधन रात्रि पाली के श्रमिकों को व प्रथम पाली के श्रमिकों को रात में ही बुलाकर लिया कार्य
आधे लोग ही पहुंचे डयूटी पर, पुलिस की रही चाक चौबंद व्यस्था
हडतालियों व पुलिस के बीच हुई जमकर नोकझोंक
भिलाई। केन्द्र सरकार की आर्थिक व औद्योगिक तथा श्रमिविरोधी एवं निजीकरण के विरोध में संयुक्त ट्रेड यूनियन द्वारा 8 एवं 9 जनवरी को आयोजित हडताल के पहले दिन मंगलवार को भिलाई इस्पात संयंत्र पर असर पड़ा है। आधे से भी कम लोग डयूटी में उपस्थित हुए। हालांकि बीएसपी प्रबंधन द्वारा रात्रिपाली एवं प्रथम पाली में काम करने वाले अपने नियमित श्रमिकों व ठेका श्रमिकों को रोक कर उनसे काम लिया और इन्ही श्रमिकों के काम के बल पर बीएसपी प्रबंधन हडताल को विफल होने का दावा करते हुए उत्पादन को सामान्य बताया है। जबकि हकीकत कुछ और ही है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर कार्य करने जाने वाले बीएसपी व ठेका कर्मियों को रोके जाने के कारण जोरातराई सहित अन्य गेटों पर यूनियनों तथा बीएसपी प्रबंधन व पुलिस के बीच जमकर नोक झोंक होती रही। वहीं नंदिनी खदान में पहले दिन की हडताल शत प्रतिशत सफल रहा। जबकि भिलाई इस्पात संयंत्र में भी आधे ही कर्मचारियों की उपस्थिति रही। ट्रेड यूनियनोंं के कोई भी सदस्य कार्य पर उपस्थित नही हुआ।
ट्रेड यूनियनों से मिली जानकारी के अनुसार दो दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल के पहले दिन मंगलवार 8 जनवरी को भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी, प्रबंधन और पुलिस के बीच नोक झोंक चलती रही। सुबह चार बजे जोरा तराई गेट पर कर्मचारी यूनियन सीटू के नेताओं ने मजदूरों को प्लांट जाने से रोक दिया। करीब 3 घंटे तक पुलिस और प्रबंधन समझाने की कोशिश करती रही। हड़ताल को विफल करने के लिए बीएसपी प्रबंधन ने देर रात से ही नियमित कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुला लिया था। ठेका मजदूर ड्यूटी नहीं पहुंच सके थे। गेट से वापस भी जाना पड़ा। ज्ञातव्य हो कि बीएसपी में 21 हजार नियमित और 25 हजार ठेका मजदूर हैं।
अलग-अलग यूनियन ने हड़ताल का समर्थन करते हुए बोरिया गेट, बीएसपी मेनगेट में जमकर प्रदर्शन किया। सुरक्षा के लिहाज से यूनियन का प्रदर्शन रोकने और अप्रिय स्थिति से निपटने जगह-जगह सीआइएसएफ और पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। 8 व 9 जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया गया है। सीटू, इंटक, एटक व एचएमएस ने हड़ताल का समर्थन किया है। वहीं बीएमएस, इस्पात श्रमिक मंच, छत्तीसगढ़ मजदूर संघ, डिप्लोमा एसोसिएशन समेत अन्य ने हड़ताल से दूरी बना ली है।
विधायक देवेन्द्र यादव पहुंचे विरोध का करने समर्थन
स्टील प्लांट के कर्मचारियों के प्रदर्शन का समर्थन करने विधायक देवेंद्र यादव भी पहुंचे। बीएसपी के मेन गेट पर प्रदर्शनकारियों के बीच उन्होंने सरकार विरोधी नीतियों का विरोध किया।
इस दौरान भिलाई महापौर व विधायक देवेंद्र यादव ने सेक्टर एक मुर्गा चौक में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लगी पुलिस को महापौर ने दो टूक कह दिया कि अब हमारी सरकार है। आपका पुलिसिया रवैया नहीं चलेगा। प्रदर्शनकारियों और अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भिलाई सिटी कोतवाली टीआई गौरव तिवारी दल बल के साथ वहां मौजूद थे। विधायक की नसीहत के बाद वे सिर्फ सिर हिलाते रह गए। इस बीच यूनियन के नेताओं ने विधायक का समर्थन मिलते ही जमकर नारेबाजी की। बता दें कि बीएसपी सहित देशभर में अलग-अलग ट्रेड यूनियन दो दिवसीय हड़ताल पर है।
नंदिनी माइंस में भी कर्मचारियों ने कामकाज ठप किया। ट्रेड यूनियन नेताओं की मौजूदगी में खनन कार्य करने जा रहे मजदूरों को रोक दिया गया। दल्ली राजहरा खदान में शत प्रतिशत हड़ताल का दावा किया गया है। संयुक्त ट्रेड यूनियन के आह्वान पर कर्मचारियों ने देर रात से ही खदान के बाहर नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू किया। सुबह कुछ कर्मचारियों ने खदान में प्रवेश करने की कोशिश की तो उन्हें रोक दिया गया।
भिलाई स्टील प्लांट में कर्मचारियों और अधिकारियों की अटेंडेंस बढ़ाने के लिए बीएसपी प्रबंधन बंद रास्ते को चालू कर दिया। मुख्य मार्ग के समीप स्थित आईआर डिपार्टमेंट के रास्ते को सार्वजनिक तौर पर खोल दिया गया, जो अब तक सिर्फ विभागीय कार्य के लिए ही खोला जाता था। प्रदर्शनकारियों की नजरों से कर्मियों को बचाने के लिए बीएसपी प्रबंधन है यह कदम उठाया।