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आरक्षित वार्ड होने के बाद भी नही लड़ पाएंगे कई वर्ग के लोग पार्षद चुनाव

भिलाई। समाजसेवी व कांग्रेसी नेता अली हुसैन सिद्दीकी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में होने वाले नगरीय निकायों के चुनाव में वार्डो के आरक्षण में दूसरे राज्यों से आकर वर्षो से बस चुके एस सी,एस टी और ओ बी सी वर्ग के मतदाताओ को मिल रहे चुनाव ल?ने के अवसर  को बीजेपी की रमन सरकार ने 2014 और 2015 के नगरीय निकायों के चुनाव में समाप्त कर दिया है! जबकि इससे पहले दूसरे राज्यों से आकर यहां बस चुके एस सी (अनुसूचित जाति),एस टी(अनुसूचित जनजाति) और ओ बी सी (अन्य पिछडा वर्ग) के मतदाताओं को आरक्षण का लाभ लेते हुए अपने वर्ग से चुनाव लडने का अवसर मिलता था! चूंकि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत शहरी क्षेत्र होता है जहां सभी राज्य के लोग मिनी भारत के रूप में निवास करते हैं और क्षेत्र के विकास में भागीदार होते है कई वर्षों से छत्तीसगढ में मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार,आंध्र प्रदेश, उडीसा व अन्य राज्यों से आकर लोग हमेसा के लिए बस चुके है इसलिए सभी को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए!

परिसीमन और आरक्षण की लडाई लडने वाले अली हुसैन सिद्दीकी ने यह भी बताया कि नगर पालिका अधिनियम के अनुसार वार्डो का आरक्षण जनगणना के आधार पर किया जाता है जिसमे एस सी(अनुसूचित जाति) , एस टी अनुसूचित जनजाति)वर्ग की जनसंख्या के प्रतिशत के अनुपात में वार्डो की संख्या निर्धारित की जाती है,जनगणना में दूसरे राज्यों से आकर बसने वाले एस सी,एस टी वर्ग के लोगो की जनसंख्या भी समाहित रहती है उसी आधार पर  वार्ड का आरक्षण किया जाता है,लेकिन पिछले चुनाव से सिर्फ छत्तीसग? जाति प्रमाण पत्र वालो को ही पार्षद पद हेतु चुनाव ल?ने का अवसर दिया गया था जो न्याय संगत नही है! इस नियम पर जनहितैसी  भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार को विचार करना चाहिए।

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