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समाज के सहयोग से उत्तरदायित्व का निर्वहन करने में सफल रहूंगा-मुख्यमंत्री साय

दुर्ग।  जिला मुख्यालय दुर्ग के सिविल लाइन स्थित कचना धुरवा देवालय परिसर में आज केंद्रीय गोड़ महासभा धमधागढ़ द्वारा सम्माननीय मंत्री एवं विधायकों का सम्मान तथा वीर नारायण सिंह बलिदान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बतौर मुख्य अतिथि शिरकत किये। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल एवं विधायक डोमन लाल कोरसेवाड़ा, गजेंद्र यादव एवं ललित चंद्राकर तथा केंद्रीय गोड़ महासभा धमधगढ़ के अध्यक्ष एम.डी. ठाकुर, अन्य पदाधिकारी और समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थें। समारोह में गोड़ समाज द्वारा गौर सिंह मणित मुकुट पहनाकर और धनुष बाण भेंट कर पारम्परिक ढ़ंग से सम्मान किया गया। समाज द्वारा मुख्यमंत्री को मोतीचूर लड्डुओं से भी तौला गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि यह सम्मान आप सभी का सम्मान है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने प्रदेशवासियों की सेवा के लिए जिस विश्वास के साथ जिम्मेदारी मुझे सौंपी है उस पर मैं समाज के सहयोग से उत्तरदायित्व का निर्वहन करने में सफल रहूंगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री के गारंटी को क्रमश: पूरा करने जा रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के गरीबों को प्रधानमंत्री योजना अंतर्गत 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए है। किसानों का विगत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 का धान बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए किसानों के खाते में अंतरण किया गया है। वन क्षेत्रों में रहने वाले तेंदुपत्ता संग्रहकों से प्रति मानक बोरा 5 हजार 500 रूपए में खरीदी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी की गांरटी के मुताबिक सरकार महतारी वंदन योजना के तहत अगले माह से प्रत्येक हितग्राही महिलाओं को प्रतिमाह 1 हजार रूपए देने जा रही है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने गोड़ समाज के पदाधिकारियों की मांग पर गोड़वाना भवन दुर्ग में अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 50 लाख रूपए और दुर्ग नगर के राजेंद्र पार्क चौक में आदिवासियों के लोक नायक बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगाने के लिए 25 लाख रूपए की घोषणा की।
बिरसा मुंडा एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक सुधारक थे। वह झारखंड के बांगा गांव में जन्मे थे। उनकी शौर्यगाथाएं भारतीय इतिहास में अमिट चिह्न के रूप में प्रस्तुत हैं। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ  लड़ाई लड़ी और आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा की। उन्होंने आदिवासी जनजाति के लिए लड़ते हुए उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया। वे आदिवासी संगठनों की स्थापना की और लोगों को जागरूक करने का काम किया। बिरसा मुंडा का जीवन एक प्रेरणास्रोत है, जो हमें दिखाता है कि एक संघर्षशील व्यक्ति किसी भी असंभव  को मुकाबला कर सकता है। वे हमेशा याद रखे जाएंगे और उनकी महानता को सम्मान देना चाहिए। बिरसा मुंडा एक महान आदिवासी समाजसेवी, वीर और क्रांतिकारी थे। वह जन्म से ही गोंड आदिवासी परिवार में हुए थे और जब वह छोटे थे तो उनके परिवार को अंग्रेजों ने जमीन छीन ली थी। बिरसा ने इस अन्याय के खिलाफ  लडऩे का निर्णय लिया और वह उठ खड़े हुए अपनी जनता की सेवा करने के लिए। बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के तानाशाही और उत्पीडऩ से लोगों को मुक्त कराने के लिए अपनी लड़ाई शुरू की। उन्होंने लोगों को जागरूक किया, उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए उद्यमित किया और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लडऩे का साहस दिया। बिरसा मुंडा का सबसे महत्वपूर्ण योगदान उनकी खोज है, जिससे उन्होंने आदिवासी समाज को संगठित किया। उन्होंने बिरसा मुंडा युवा मोर्चा की स्थापना की, जिसने आदिवासी युवाओं को समर्पित और सशक्त नेताओं की तैयारी की। बिरसा मुंडा ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना समर्पण दिखाया और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह अपने लोगों के लिए अद्वितीय एकता और बलिदान का प्रतीक थे।
समारोह में शामिल होने के पूर्व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सिविल लाईन चौक पर गोड़वाना की वीरांगना महारानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसी प्रकार कार्यक्रम स्थल पर काली मंदिर में मां काली की पूजा अर्चना कर प्रदेश वासियों की खुशहाली के लिए आर्शीवाद लिया।

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