छत्तीसगढ़ की झांकी कौतूहल के केंद्र में,तारीफें बटोरीं परेड से पहले राष्ट्रीय रंगशाला में प्रेस रिव्यू के दौरान लोग पूछते रहे ‘लिमऊ दरबार’ के बारे में
भिलाई। राष्ट्रीय गणतंत्र-दिवस परेड में शामिल हो रही छत्तीसगढ़ की झांकी लोगों के कौतूहल के केंद्र में है। प्रख्यात लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय के नेतृत्व में गई टीम वहां राजपथ पर प्रदर्शित की जाने वाली झांकी ‘बस्तर की आदिम जनसंसद: मुरिया दरबार‘ के साथ प्रेस रिव्यू में राष्ट्रीय मीडिया से रूबरू हुई। नई दिल्ली की राष्ट्रीय रंगशाला में हुए इस प्रदर्शन में कलाकारों और विषय ने खूब वाहवाही बटोरी। रिखी क्षत्रिय ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध लोगों ने छत्तीसगढ़ की झांकी में बेहद दिलचस्पी दिखाई। ज्यादातर लोगों का एक ही सवाल था कि ‘ लिमऊ राजा‘ क्या होता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने झांकी निर्माण से जुड़ी टीम को इस बेहतरीन रिव्यू के लिए बधाई देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की झांकी का विषय न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। रिखी क्षत्रिय ने बताया कि उनकी टीम मुख्य समारोह के लिए रिहर्सल में जुटी है। इसके अलावा 24 जनवरी की शाम को इस झांकी में शामिल तमाम महिला सदस्यों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि इस झांकी में जगदलपुर के बस्तर-दशहरे की परंपरा में शामिल मुरिया-दरबार और बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा को केंद्रीय विषय बनाया गया है। साथ ही झांकी की साज-सज्जा में बस्तर के बेलमेटल और टेराकोटा शिल्प की खूबसूरती से भी दुनिया को परिचित कराया गया है। रिखी क्षत्रिय ने बताया कि उनकी टीम ने प्रेस रिव्यू के दौरान नेशनल-मीडिया के सामने परब नृत्य प्रस्तुत किया। परब नृत्य बस्तर की धुरवा जनजाति का लोकप्रिय नृत्य है, जिसमें नर्तक दल कतारबद्ध होकर नृत्य करते है। अब पूरी टीम को मुख्य समारोह में अपने प्रदर्शन का इंतजार है।