छत्तीसगढ़

SECL : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से SECL CERL रेल कॉरिडोर लोकार्पण

भूपेंद्र साहू ब्यूरो चीफ बिलासपुर मो० 96 91 444 583
प्रधानमंत्री द्वारा 14 सितंबर 2023 को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में लगभग 3,055 करोड़ रुपए की लागत से बनी एसईसीएल के छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल कॉरिडोर फेस-1 को राष्ट्र को समर्पित किया गया। खरसिया से धरमजयगढ़ के बीच 124 किलोमीटर लंबी यह लाइन रायगढ़ जिले में फैले मांड-रायगढ़ कोलफील्ड की एसईसीएल की एवं अन्य कोयला खदानों कोयला निकासी को आसान बनाते हुए बिजली उत्पादन परियोजनाओं सहित विभिन्न अंतिम उपयोग परियोजनाओं तक कच्चा माल पहुँचने में मदद करेगी तथा इसकी कोयला ढुलाई की वार्षिक क्षमता 62 मिलियन टन प्रति वर्ष है।
भविष्य में यात्री परिवहन की सुविधाओं के विकसित होने से आदिवासी बहुल इस क्षेत्र के लोग भी देश की मुख्य धारा से जुड़ पाएंगे।

  1. एसईसीएल द्वारा विकसित केनापारा ईको-टूरिज़्म साइट को देशभर में मिल रही ख्याति, प्रधानमंत्री ने स्वयं की प्रशंसा
    एसईसीएल द्वारा सूरजपुर जिले में बिश्रामपुर क्षेत्र अंतर्गत बंद पड़ी खदान को पुनर्विकास कर बनाए गए ईको-टूरिज़्म साइट “केनापारा ईको-पार्क” को देश भर में ख्याति मिल रही है। पूरे एसईसीएल परिवार के लिए अत्यंत ही गौरव का क्षण रहा जब स्वयं माननीय प्रधानमंत्री द्वारा इस पर्यटन स्थल की ट्वीट के जरिये प्रशंसा की गई।
    3.एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) के सफल क्रियान्वयन के लिए एसईसीएल को मिला कोयला मंत्री पुरस्कार 2022-23
    एसईसीएल को ईआरपी (एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग) के सफल क्रियान्वयन के लिए कोयला मंत्री पुरस्कार 2022-23 में प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है।
    यह पुरस्कार दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के करकमलों से एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा को दिया गया।
    4.विशेष अभियान 3.0 में सभी कोल कंपनियों में अव्वल रहा एसईसीएल, कोयला मंत्री से मिला पुरस्कार
    विशेष अभियान 3.0 में एसईसीएल द्वारा सर्वाधिक साफ किया गया क्षेत्र, स्क्रैप निपटान से सर्वाधिक राजस्व एवं मीडिया प्रचार-प्रसार (सर्वाधिक ट्वीट एवं प्रेस रिलीज़) के क्षेत्र में सभी कोयला एवं लिग्नाइट कंपनियों में पहला स्थान हासिल कर एक नया कीर्तिमान रचा। इस उपलब्धि के लिए माननीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा एसईसीएल को पुरस्कृत किया गया।
    5.एसईसीएल की 63 खदानों को स्टार रेटिंग, कोयला मंत्री ने किया पुरस्कृत
    एसईसीएल को तीन खदानों को स्टार रेटिंग के लिए कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा पुरस्कार दिया गया है।
    एसईसीएल की चरचा भूमिगत खदान (वर्ष 2018-19, 2019-20), बंगवार भूमिगत खदान (वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22) एवं खैरहा भूमिगत खदान (वर्ष 2020-21) के लिए स्टार रेटिंग पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके साथ ही कोयला मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जारी की गई कोयला एवं लिग्नाइट खदानों की स्टार रेटिंग सूची में एसईसीएल की 63 खदानों को स्थान मिला है।
    6.एसईसीएल प्रवास पर आए कोयला सचिव अमृत लाल मीणा द्वारा किया गया छाल साइडिंग का उद्घाटन
    कोयला सचिव अमृत लाल मीणा द्वारा अपने एसईसीएल प्रवास के दौरान खरसिया रेलवे स्टेशन से पावर वैगन के जरिये छाल पहुंचकर छाल साईडिंग का उद्घाटन किया गया एवं हरी झंडी दिखाकर रेल रैकों को रवाना किया गया।
  2. तत्कालीन कोल इंडिया चेयरमैन द्वारा किया गया कुसमुंडा वर्कशॉप कॉम्प्लेक्स, गेवरा रेल रैपिड लोड आउट सिस्टम, एवं बरौद साइडिंग का उद्घाटन
    एसईसीएल प्रवास पर आए तत्कालीन कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल (भा.प्र.से.) द्वारा एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में वर्कशॉप कॉम्प्लेक्स, गेवरा क्षेत्र में एफ़एमसी (फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी) के तहत बनाए गए रेल रैपिड लोड आउट सिस्टम (आरआरएलओएस) एवं वीसी के माध्यम से रायगढ़ क्षेत्र में बरौद साइडिंग का उदघाटन किया गया।
    8.एसईसीएल ने दर्ज किया अपने इतिहास का सर्वाधिक कोयला उत्पादन, ओबीआर एवं डिस्पैच
    31 मार्च 2023 को समाप्त हुआ वित्तीय वर्ष 2022-23 एसईसीएल के लिए अभूतपूर्व नतीजों से भरा रहा। एसईसीएल ने 167 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जो कि स्थापना से किसी भी एक वर्ष का सर्वाधिक उत्पादन है। एसईसीएल ने वार्षिक आधार पर 24.5 मिलियन टन का ग्रोथ दर्ज किया है जो कि किसी भी एक वर्ष में सर्वाधिक अभिवृद्धि है। एसईसीएल द्वारा 160.05 मिलियन टन कोयला उपभोक्ताओं को प्रेषित किया जिसमें सर्वाधिक 139.6 मिलियन टन कोयला देश के विद्युत संयंत्रों को भेजा गया, यह किसी एक वर्ष में कम्पनी द्वारा पावर सेक्टर को दिया गया सर्वाधिक डिस्पैच है। ओव्हर बर्डन रिमूवल (ओबीआर) में कम्पनी ने ऐतिहासिक परिणाम दिए व 35 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 264.10 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबीआर निष्कासित किया।
    9.गेवरा खदान बनी देश की सबसे बड़ी कोयला खदान, वार्षिक उत्पादन 50 एमटी के पार पहुंचा
    एसईसीएल की कोरबा जिले में स्थित गेवरा खदान ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 52.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर देश की सबसे बड़ी कोयला खदान बनने का गौरव हासिल किया। एसईसीएल की इस उपलब्धि पर कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने स्वयं ट्वीट कर बधाई दी।
    10.केतकी यूजी बनी एमडीओ मोड के जरिये कोयला उत्पादन करने वाली देश की पहली खदान
    10 जनवरी 2023 को एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र अंतर्गत केतकी भूमिगत खदान एमडीओ (माइनिंग डवलपर सह ऑपरेटर) मोड के जरिये उत्पादन शुरू करने वाली देश की पहली खदान बनी। इस खदान के प्रारम्भ होने सालाना 8.80 लाख टन कोयला उत्पादन होगा। खदान में भूमिगत खनन की अत्याधुनिक तकनीक कंटीन्यूअस माइनर की मदद से कोयला उत्पादन किया जा रहा है।
    11.एसईसीएल की पेलमा खदान बनेगी एमडीओ (माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर) मोड के तहत कोयला उत्पादन करने वाली छत्तीसगढ़ की पहली ओपनकास्ट खदान
    एसईसीएल द्वारा रायगढ़ क्षेत्र में अवस्थित पेलमा खुली खदान के संचालन के लिए निजी क्षेत्र की कंपनी पेलमा कोलियरीज के साथ समझौते किया गया। समझौते के अनुसार पेलमा कोलियरीज अगले 20 वर्षों तक खदान का संचालन करेगी एवं इस अवधि में लगभग 219 मिलियन टन से अधिक कोयला निकाला जाएगा।
    12.नयी खदानों की शुरुआत तथा बंद खदानों को पुनर्जीवित करने में सफलता
    इस वर्ष एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र में एक नयी खदान रामपुर बटुरा ओपनकास्ट खदान से उत्पादन की शुरुआत हुई। वहीं जमुना कोतमा क्षेत्र की अमाडांड तथा बिश्रामपुर क्षेत्र की अमगांव खदान को फिर से संचालित करने में सफलता मिली। 17 मार्च 2023 कोरामपुर बटुरा खदान से कोयले की पहली खेप निकाली गई वहीं 23 जनवरी 2023 को अमाडांड खदान से फिर से कोयला खनन की शुरुआत हुई।
  3. सौर ऊर्जा परियोजनाओं की मदद से एसईसीएल एक नेट-पॉज़िटिव कंपनी बनने के पथ पर अग्रसर
    एसईसीएल द्वारा इस वर्ष भटगांव क्षेत्र में 20 मेगावाट के ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड सोलर परियोजना के प्रथम चरण का कार्य पूरा कर लिया गया है वहीं जोहिला, जमुना-कोतमा, एवं कुसमुंडा क्षेत्रों में 580 KWp क्षमता की रूफटॉप सोलर परियोजनाओं से उत्पादन शुरू हो चुका है।
  4. एसईसीएल के संचालन क्षेत्रों में पहली बार मियावाकी विधि से पौधरोपण पर कार्य हुआ शुरू
    छत्तीसगढ़ के कोयलांचल में हरित आवरण को बढ़ावा देने के लिए एसईसीएल अपने संचालन क्षेत्रों में पहली बार जापानी पद्धति “मियावाकी” की मदद से वृक्षारोपण करने की शुरुआत की जा रही है। एसईसीएल गेवरा क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर 2 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल विकसित करने के लिए लोकप्रिय जापानी तकनीक “मियावाकी” का उपयोग करेगी। यह परियोजना लगभग 4 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम (CGRVVN) के साथ साझेदारी में लागू की जाएगी। मियावाकी तकनीक का उपयोग करके वृक्षारोपण 2 वर्षों की अवधि में किया जाएगा जिसमें लगभग 20,000 पौधे लगाए जाएंगे।
  5. एसईसीएल की जमुना ओपन कास्ट परियोजना में सफलतापूर्वक किया गया प्रतिपूरक वनरोपण
    कोयला मंत्रालय भारत सरकार द्वारा खनन हो चुके क्षेत्रों को वनरोपण की सहायता से उनके पुराने स्वरूप में लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। एसईसीएल की जमुना कोतमा ओपनकास्ट परियोजना प्रतिपूरक वनरोपण (Accredited Compensatory Afforestation) का एक सुंदर उदाहरण बनकर उभरी है जहां माइन क्लोज़र प्लान के तहत किए गए वनरोपण की मदद से लगभग 672 हेक्टेयर का क्षेत्र हरित आवरण युक्त अपने पुराने स्वरूप में लौट आया है।
  6. एसईसीएल द्वारा इस वर्ष लगाए गए 10 लाख से अधिक पौधे, आने वाले पाँच वर्षों के लिए छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में वृक्षारोपण के लिए वन विकास निगमों के साथ एमओयू
    वित्तीय वर्ष 2023-24 में एसईसीएल द्वारा रिकॉर्ड 10.77 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं जोकि कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में सर्वाधिक है। चालू वित्त वर्ष में एसईसीएल द्वारा निर्धारित लक्ष्य – 430 हेक्टेयर को पीछे छोड़ते हुए 475 हेक्टेयर भूमि को ग्रीन कवर अंतर्गत लाया गया है। इसके साथ ही अगले पांच वर्षों के दौरान एसईसीएल छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 169 करोड़ रुपये की लागत से 38 लाख पौधे लगाने की योजना है जिसके लिए कंपनी ने इस वर्ष इन राज्यों के राज्य वन विकास निगमों के साथ समझौता किया है।
  7. एसईसीएल द्वारा मानिकपुर पोखरी के रूप में तीसरी ईको-टूरिज़्म साइट को विकसित किया जाएगा
    एसईसीएल ने कोरबा जिले में अवस्थित मानिकपुर पोखरी को ईको-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। यह छत्तीसगढ़ राज्य में इस प्रकार का दूसरा ईको-टूरिस्ज़्म साइट होगा। इस परियोजना के तहत एसईसीएल नगर निगम कोरबा से साथ मिलकर जिले में स्थित मानिकपुर पोखरी को ईको-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 11 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करेगी।
  8. . प्रोजेक्ट डिजिकोल : एसईसीएल के तीन मेगाप्रोजेक्ट में डिजिटल समाधानों से कोयला खनन हो रहा डिजिटल
    कोल इंडिया के प्रोजेक्ट डिजीकोल अंतर्गत एसईसीएल के तीन मेगाप्रोजेक्ट – गेवरा, कुसमुंडा, एवं दीपका में ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं एनालिटिक्स जैसे डिजिटल समाधानों के माध्यम से खनिकों की सुरक्षा, भूमि अधिग्रहण, ड्रिलिंग एवं ब्लास्टिंग, सर्वे आदि प्रक्रियाओं को और बेहतर एवं सटीक बनाने में मदद मिल रही है।
  9. विकास को बढ़ावा: एसईसीएल ने पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में सीएसआर पर किए 260 करोड़ से अधिक खर्च
    एसईसीएल ने वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न क्षेत्रों पर सीएसआर के माध्यम से 260 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया है। एसईसीएल द्वारा पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास परियोजनाओं, जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सीएसआर के माध्यम से कई कार्य किए गए हैं। इसके साथ ही कंपनी ने स्वच्छ विद्यालय अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छ गंगा मिशन आदि जैसे प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों को भी सहायता प्रदान की है। इन गतिविधियों ने छत्तीसगढ़ के सुदूर हिस्सों में रहने वाले आदिवासी समुदायों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  10. “एसईसीएल के सुश्रुत” योजना से एसईसीएल करेगा कोयलांचल के बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना साकार
    एसईसीएल द्वारा अपनी सीएसआर पहल “एसईसीएल के सुश्रुत” के तहत कक्षा 12वीं उत्तीर्ण 35 छात्र/छात्राओं को निःशुल्क आवासीय नीट-मेडिकल कोचिंग प्रदान करने की शुरुआत की गई है। इस कदम से कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों को लाभ होगा, खासकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्थित एसईसीएल के संचालन क्षेत्रों के आसपास के गावों और शहरों में रहने वाले वे बच्चे जो डॉक्टर बनना चाहते हैं लेकिन मेडिकल कोचिंग का खर्च उठाने में असमर्थ हैं।
  11. एसईसीएल द्वारा स्थापित स्मार्ट-क्लास से ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को मिल रहा अत्याधुनिक शिक्षा का लाभ
    एसईसीएल द्वारा सीएसआर अंतर्गत मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के कोयलांचल में लगभग 800 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट-क्लास स्थापित किए गए हैं जिससे सालाना लगभग 1 लाख से अधिक ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षण पद्धति से पढ़ने एवं सीखने का अवसर मिल रहा है।
  12. एसईसीएल द्वारा सीपेट के माध्यम से 1000 से अधिक युवाओं को मिली ट्रेनिंग, रोजगार के मिल रहे अवसर
    सीएसआर के जरिये कंपनी द्वारा कोयलांचल के 1000 से अधिक युवाओं को केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान (सिपेट) कोरबा एवं रायपुर के माध्यम से स्किल डेव्लपमेंट ट्रेनिंग दी गयी है और ट्रेनिंग पाने के पश्चात युवा विभिन्न संस्थानों में नौकरी पाने में भी सफल रहे हैं।
  13. एसईसीएल की कबाड़ से कलाकृति की पहल को पूरे देश में मिली सराहना
    विशेष अभियान 3.0 की सामान्य गतिविधियों से हटकर एसईसीएल द्वारा एक अनोखी पहल करते हुए खनन स्क्रैप सामग्री को सुंदर प्रतिमाओं में बदला गया जिसे पूरे देश में सराहना मिली। एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र में स्क्रैप का इस्तेमाल करते हुए 4 सुंदर कलाकृतियों का निर्माण कर एक सार्वजनिक पार्क में स्थापित किया गया है। वहीं एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के होनहार कामगारों द्वारा कबाड़ से चंद्रयान रॉकेट की सुंदर कलाकृति को बनाया गया है। इन प्रतिमाओं के निर्माण में महिला कामगारों द्वरा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।
  14. आयकर रिफ़ार्म : पिछले 20 सालों से लंबित मामलों को निपटाया गया, लगभग 7000 करोड़ की आय हुई
    एसईसीएल द्वारा आयकर के क्षेत्र में वित्तीय सुधारों की मदद से लगभग 20 सालों से लंबित कई मामलों को निपटाया गया जिससे कंपनी को पेनल्टी, देयताओं एवं रिफ़ंड के माध्यम से लगभग 7000 करोड़ की आय हुई।
  15. 49वें कोल इंडिया स्थापना दिवस अवार्ड्स में एसईसीएल को मिले 6अवार्ड्स
    दिनांक 01/11/2023 को कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता में आयोजित कोल इंडिया के 49वें स्थापना दिवस समारोह में एसईसीएल को पर्यावरण, सीएसआर, स्वच्छता, कोयला उत्पादन, स्टार-रेटिंग जैसे विभिन्न कार्यक्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 6 कॉर्पोरेट अवार्ड्स से नवाजा गया। कंपनी को मिले अवार्ड्स में प्रमुख रूप से सीएसआर व्यय और पुनर्वास और पुनर्स्थापन में प्रथम पुरस्कार, बैरियर ब्रेकिंग परफॉर्मेंस के लिए गेवरा खदान को विशेष उपलब्धि पुरस्कार शामिल रहे।
    एसईसीएल को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मिले कई पुरस्कार
    एसईसीएल को पर्यावरण, सीएसआर, स्वच्छता, आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया जो कुछ इस प्रकार रहे –
    9वें गवर्नेंस नाऊ पीएसयू अवार्ड्स अंतर्गत पर्यावरण एवं सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार
    वर्ल्ड सीएसआर डे द्वारा सर्वश्रेष्ठ सीएसआर प्रैक्टिस अवार्ड
    वाटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वाटर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ जल प्रबंधन पुरस्कार
    पर्यावरण संवर्धन, मानव संसाधन, स्वच्छता, आपदा प्रबंधन आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जियोमाइनटेक गोल्डन रेनबो अवार्ड 2022-23
    एसईसीएल को कॉर्पोरेट गवर्नेंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए एसोचैम द्वारा कॉर्पोरेट गवर्नेंस पुरस्कार
    26.सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा – एक प्रखर व्यक्तित्व
    सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा के नेतृत्व में एसईसीएल के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 कार्यनिष्पादन के लिहाज से एक अभूतपूर्व वर्ष रहा। कोयला उत्पादन, डिस्पैच, ओबीआर से लेकर खदानों का पुनःसंचालन, पर्यावरण, भू-विस्थापितों के त्वरित रोजगार जैसे क्षेत्रों में कंपनी ने अपने इतिहास के पुराने सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया।
    मिशन मोड में एक नयी कार्यसंस्कृति का सृजन
    सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा द्वारा एसईसीएल में कुछ नया और बेहतर करते रहने की कार्यसंस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई मिशनों की शुरुआत की गई जिससे कंपनी के कार्यसंचालन में एक नयी ऊर्जा का संचार हुआ। वर्ष 2023 में सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा द्वारा शुरू किए विभिन्न मिशन कुछ इस प्रकार रहे:
    मिशन सुदेश (SUDESHH) – एसईसीएल में कार्यस्थल पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा द्वारा मिशन सुदेश (SUDESHH – Sustainable, Development, Safety, Health and Hygiene) की शुरुआत की गई है। इस मिशन का उद्देश्य कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करना और उन्हें सुरक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं (Best Practices) को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
    मिशन मितवा (MITAWA – Motivated and Inspired Team and Work Agency) को एसईसीएल की खदानों में शून्य क्षति (Zero Harm) के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से डीजीएमएस (खान सुरक्षा महानिदेशालय), एसईसीएल प्रबंधन, और श्रम संघ के प्रतिनिधियों में आपसी सहयोग एवं समन्वय स्थापित करना है। जिससे तीनों एजेंसियों के मिलेजुले प्रयासों से खदानों में सुरक्षा को लेकर जागरूकता को बढ़ावा मिले एवं खान सुरक्षा से जुड़ी ज़्यादा से ज़्यादा बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाया जा सके।
    मिशन फाइट (FITE – Fairness, Integrity, Transparency, एवं Equality) का अर्थ निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और समानता के मूल्यों को बढ़ावा देना है। मिशन का उद्देश्य कार्यस्थल पर पारदर्शिता और समानता को बढ़ावा देते हुए कर्मचारियों के बीच निष्पक्षता और अंतर -अंतरता के मूल्यों को बढ़ावा देना है। मिशन को सतर्कता पर जागरूकता पैदा करने के व्यापक उद्देश्य के साथ अवधारणा की गई है।
    मिशन जटायु (JATAYU – Joining All Together Against Your Unwholesome) हिंदू महाकाव्य रामायण के महान चरित्र “जटायु” पर आधारित यह मिशन कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए प्रोत्साहित करता है और किसी भी गलत अनैतिक कार्य के खिलाफ आवाज़ उठाने एवं कार्यस्थल को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।
    एसईसीएल परिवार के मुखिया एवं हम सब के प्रेरणास्रोत सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा के लिए बीता वर्ष कई उपलब्धियों से भरा रहा जिसने पूरे एसईसीएल परिवार का मान बढ़ाया। उनके कुशल प्रबंधन, लीडरशिप एवं कोयला उद्योग में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें विभिन्न सम्मान प्रदान किए गए जो कुछ इस प्रकार रहे:
    प्रतिष्ठित अलुम्नी पुरस्कार: दिनांक 6 फरवरी 2023 को में IIT-ISM धनबाद द्वारा प्रतिष्ठित अलुम्नी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
    ईटी-एसेंट बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर अवार्ड: 18 फरवरी 2023 को ईटी-एसेंट बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया है।
    छत्तीसगढ़ गौरव सम्मान: 17 जनवरी 2023 को बिलासपुर में आयोजित राष्ट्रीय व्यापार मेला में छत्तीसगढ़ गौरव सममन से सम्मानित किया गया है।
    कोयला खनन में उत्कृष्ट योगदान के लिए एमजीएमआई पुरस्कार: कोयला खनन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित “एमजीएमआई अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन कोल माइनिंग” से सम्मानित किया गया।
  16. नए शिखर की ओर एसईसीएल…
    वित्तीय वर्ष 2023-24 में एसईसीएल ने उत्पादन डिस्पैच व ओबीआर में फासटेस्ट सेंचुरी का बनाया कीर्तिमान।

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