भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा सेल विजन कार्यशाला का भिलाई निवास में आयोजन
भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा सेल विजन कार्यशाला का भिलाई निवास में आयोजन
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के मानव संसाधन विकास विभाग एवं एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (एएससीआई), हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में, सेल विजन पर पुनरावलोकन हेतु कार्यशालाओं की श्रृंखला में भिलाई निवास में पहली कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि, निदेशक प्रभारी बीएसपी अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा किया गया। सेल की विभिन्न इकाइयों में विभिन्न स्तरों पर कार्यशालाओं की इस श्रृंखला हेतु सलाहकार के रूप में कार्य करनेके लिए, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने, एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया, हैदराबाद को नियुक्त किया है। सेल की सभी इकाइयों में बीएसपी इस सेल विजन वर्कशॉप का संचालन करने वाली पहली इकाई है। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक वक्र्स अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक प्रोजेक्ट्स एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक सामग्री प्रबंधन अजय कुमार चक्रबर्ती, कार्यपालक निदेशक वित्त एवं लेखा डॉ अशोक कुमार पंडा, कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक माइंस बी के गिरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए डॉ एम रविन्द्रनाथ सहित मुख्य महाप्रबंधक एचआरडी, एमटीआई-रांची संजय धर, निदेशक एएससीआई डॉ. निर्मल्य बागची, सलाहकार एएससीआई प्रोफेसर विलास शाह और असिस्टेंट प्रोफेसर एएससीआई डॉ. कर्णक रॉय विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। साथ ही बीएसपी के मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी, मुख्य महाप्रबंधक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, महाप्रबंधक, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और एएससीआई, हैदराबाद के संकाय सदस्य उपस्थित थे।एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (एएससीआई), हैदराबाद की सहायता से आयोजित इस सेल विजन वर्कशॉप में, एसआरयू-भिलाई, सीएफपी, आरडीसीआईएस, सीईटी, सीएमओ सहित बीएसपी के विभागों और सेल की अन्य इकाइयों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 100 अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। अनिर्बान दासगुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, कि हमारे संगठन का विजन स्टेटमेंट 2002-03 में तैयार किए जाने के बाद से लगभग दो दशक बीत चुके हैं और अब हमारे लिए अपने विजन स्टेटमेंट को फिर से तैयार करने का उपयुक्त समय है। नि:संदेह, इन वर्षों के दौरान कठिन चुनौतियाँ और परिवर्तन हमारे सामने आए हैं, जैसे- पर्यावरणीय समस्याएँ, उससे संबंधित क़ानून और बदलते दिशानिर्देश आदि। हमें अपनी विजन को एक बार फिर से इस तरह परिभाषित करना चाहिए कि इन चुनौतियों के बावजूद, संगठन अपने लक्ष्य से भटकने ना पाए। श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा कि आज यहाँ इन युवा कर्मचारियों की उपस्थिति और भागीदारी महत्वपूर्ण है, जो आने वाले बीस वर्षों में इस संगठन का नेतृत्व करेंगे, विशेष रूप से जब हमारा देश 2047 में अपनी आजादी के सौ साल पूरे करके ‘अमृतकालÓ में प्रवेश करेगा। हमें अपने विजऩ स्टेटमेंट को इस तरह से दोबारा तैयार करना चाहिए, कि इतिहास हमें इस सदी में स्टील विनिर्माण उद्योग में एक उत्कृष्ट कंपनी के रूप में याद रखे। प्रारंभ में, मुख्य महाप्रबंधक एचआरडी एंड बीई श्रीमती निशा सोनी ने स्वागत भाषण दिया। डॉ. निर्मल्य बागची, प्रो. विलास शाह और डॉ. कर्णक रॉय ने, सेल के विजऩ स्टेटमेंट के पुन: प्रारूपण के महत्व और इससे सम्बंधित समस्याएँ, चुनौतियों और परिणामों पर प्रस्तुतियाँ दीं। प्रतिभागियों को टीमों में विभाजित किया गया था, जिन्होंने सामूहिक रूप से विचार-मंथन किया और अधिक कुशल, स्थाई, सुरक्षा-उन्मुख और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से संगठन के विजन को फिर से तैयार करने और प्राप्त करने चर्चा के माध्यम से अपने विचार साझा किये। आने वाले वर्षों में भारत के अन्य अग्रणी इस्पात निर्माताओं और अग्रणी कंपनियों के विजन और लक्ष्यों पर भी चर्चा की गई।