शांति नगर में घर-घर जाकर जिला कलेक्टर ने पूछा पट्टा है
कहा अर्बन सिंलिंग में आने वालों का करें सर्वे
दुर्ग ! नगर पालिक निगम दुर्ग के 60 वार्डो में नजूल विभाग से जारी पट्टा की जानकारी लेने के साथ जिन्हें पट्टा नहीं मिला है ऐसे लोगों का सर्वे निगम के 43 कर्मचारियों द्वारा वार्डो में घर-घर जाकर किया जा रहा है। जिला कलेक्टर अंकित आनंद द्वारा आज आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के साथ शांति नगर वार्ड 17 और उरला वार्ड 58 में पहुॅचकर घरों के मालिकों से मुलाकात किये और उनसे पूछा आपको पट्टा मिला है। अवलोकन के दौरान निगम के जलकार्य प्रभारी व पार्षद देवनारायण चंद्राकर, निगम के कार्यपालन अभियंता मोहनपुरी गोस्वामी, सर्वे कार्य का नोडल दुर्गेश गुप्ता, आरआई श्री परगनिहा, संजय मिश्रा, भूपत भारद्वाज, संजय सोनकर, गौकरण सोनी व अन्य उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने शांति नगर में अर्बन सिलिंग की भूमि का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देशित कर कहा इसके अंतर्गत आने वाले सभी लोगों जिन्हें पट्टा नहीं मिला है उनका नाम सर्वे में दर्ज करें। उन्होंने कहा रेवेन्यू रिकार्ड में इसे चढाकर रखें। उन्होंने शांति नगर श्याम बाबा मंदिर के पीछे बस्ती में घर-घर जाकर लोगों से पूछा पट्टा बना है। उन्होंने अधिकारियों से कहा प्राइवेट भूमि को छोड़ कर सभी का सर्वे करें। उन्होंने कहा जिनके पास पुराना पट्टा होगा और खरीदी बिक्री हो गई है परन्तु आज जो काबिज है एैसे प्रकरणों में भी सर्वे किया जाए। उनका भी फार्म भरवायें। उन्होंने सर्वे दलों से कहा कि कोई सर्वे करने में कोई परेशानी तो नहीं हो रही। उन्होंने कहा तालाब पार, एरिगेशन की नहर क्षेत्र की भूमि में काबिज लोगों का सर्वे करने कोई गाइड लाईन नहीं मिला है। अत: एैसे क्षेत्र का सर्वे नहीं करना है। इस संबंध में आयुक्त श्री बर्मन ने बताया कि नगर पालिक निगम दुर्ग के हेल्प-डेस्क काउंटर में पट्टा हेतु आवेदन फार्म जमा करने की व्यवस्था की गई है। आज पट्टा खरीदी-बिक्री से संबंधित 10 आवेदन फार्म कार्यालय में प्राप्त हुआ है। वार्ड क्रं0 17 के पार्षद व जलकार्य प्रभारी देवनारायण चंद्राकर ने शंाति नगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक मोर जमीन मोर आवास योजना के तहत् 103 हितग्राहियों के मकानों का रुका हुआ कार्य से अवगत कराये। कलेक्टर आनंद ने आयुक्त व अन्य अधिकारी को तत्काल आवास निर्माण के रुकावट को हटाकर उन्हें राशि का भुगतान करने निर्देश दिये ताकि वे मकान का निर्माण करा सके।