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कांग्रेस को लगा एक बडा झटका तो एक राहत वाली है खबर तुलसी भाजपा में तो वशिष्ट नारायण होंगे कांग्रेस में शामिल?

कांग्रेस को लगा एक बडा झटका तो एक राहत वाली है खबर तुलसी भाजपा में तो वशिष्ट नारायण होंगे कांग्रेस में शामिल?

भिलाई। भिलाई जिला के पहली कांग्रेस अध्यक्ष व तेज तर्रार कांग्रेस नेत्री श्रीमती तुलसी साहू ने शुक्रवार को कांग्रेस के अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दी। और सुत्रों से जानकारी मिल रही है कि वे आज प्रधानमंी नरेन्द्र मोदी की सभा में भाजपा में शामिल होगी। वहीं भिलाई निगम के तेज तर्रार व प्रखर निर्दलीय पार्षद वशिष्ट नारायण मिश्रा के भी कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी सुत्रों के हवाले से मिल रही है। ज्ञातव्य हो कि पार्षद वशिष्ट नारायण मिश्रा ने वैशाली नगर विधानसभा से विधायक का चुनाव लडने नामांकन दाखिल कर सबको चैका दिया था। उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भिलाई के महापौर नीरज पाल को यह जिम्मेदारी थी कि वे वशिष्ट नारायण मिश्रा को समझा कर नाम वापस करवाये और कांग्रेस में आ जाये या कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाये। वशिष्ट को समझाकर महापौर नीरज पाल नाम वापस करवाने में सफल हो गये। वशिष्ट नारायण मिश्रा ने भी मुख्यमंत्री की बातों का सम्मान करते हुए नाम वापस ले लिया। लेकिन अब यह कयास लगाया जा रहा है कि वशिष्ठ मिश्रा कांग्रेस में शामिल हो सकते है। हालांकि ये सभी जानते है कि वशिष्ट नारायण मिश्रा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय को अपना बडा भाई मानते हैं। अब देखना ये हैं कि क्या वशिष्ट नारायण मिश्रा वैशाली नगर में मुकेष चन्द्राकर को जिताने के लिए काम करते है और कांग्रेस मे शामिल हाते है या निर्दलीय रहकर ही वैशाली नगर में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का काम करते है। वहीं श्रीमती तुलसी साहू ने अपना इस्तीफा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को शुक्रवार को भेज दिया है। और उन्होनें अपने इस्तीफा में लिखा है कि मैं पिछले 32 सालों से कांग्रेस से जुडी रही, यहां तक की उनके पति की कैंसर से मृत्यु हो गई उसके बाद भी कांग्रेस की एक सिपाही की तरह हमेशा काम करती रही। कांग्रेस में लगातार मेरी उपेक्षा हुई है। सन 2000 से लेकर इस साल तक मुझे बार बार टिकिट दिये जाने की बात कही गई। सन 2000 में महापौर के लिए टिकिट दिये जाने की बात हुई लेकिन नही दिया गया। उसके बाद लगातार कई बार निगम में महापौर और वैशाली नगर से पिछले विधानसभा में भी टिकिट दिये जाने की बात हुई। नामांकन भी भरवाया गया लेकिन बी फार्म बी डी कुरैशी को दे दिया गया। इसी प्रकार इस बार राज्य सभा की टिकिट दिये जाने की बात हुई मैं चारो धाम की तीर्थ यात्रा में गई थी मुझे प्रदेश अध्यक्ष द्वारा तत्काल बुलवाया गया फिर भी राज्यसभा की टिकिट नही दी गई। फिर इस बार वैशाली नगर से विधानसभा का टिकिट दिये जाने की कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार मांग की जाती रही लेकिन उनके एक रिष्तेदार को टिकिट दे दिया गया। ये सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस में अब निष्ठावान कार्यकर्ताओं का कोई महत्व नही है, व्यक्ति विशेष होना जरूरी है। इसलिए मैं बहुत ही आहत होकर इस्तीफा दे रही है।

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