देश के पहले किसान स्कूल में आयोजित हुआ ‘छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन’, वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू की 48वीं जन्मजयंती के अवसर पर हुआ आयोजन, पद्मश्री फूलबासन बाई यादव की उपस्थिति बनी गौरव का पल
जांजगीर-चाम्पा. बहेराडीह गांव में स्थित देश के पहले किसान स्कूल में वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू की 48वीं जन्म जयंती के अवसर पर ‘छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन’ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पद्मश्री फूलबासन बाई यादव भी पहुंची और कवि सम्मेलन में शामिल होने के साथ ही समूह की महिलाओं से चर्चा की. यहां उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया. साथ ही, छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन कार्यक्रम की सराहना की.
किसान स्कूल बहेराडीह में आयोजित छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन में कवि रमेश सोनी, अरुण तिवारी, अनुभव तिवारी, कौशल दास महन्त, सुरेश पैगवार, रघुनाथ राठौर, तीजराम चौहान, जोतराम यादव, रामाधार देवांगन, ऋतम्भरा कश्यप ने अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को अलग-अलग सन्देश दिया.
छत्तीसगढी कवि सम्मेलन में सर्वप्रथम वरिष्ठ पत्रकार स्व. कुंजबिहारी साहू की स्मृति में खोखरा के युवा कवि अनुभव तिवारी के द्वारा श्रद्धाजंलि कविता ‘मउरे अमरइया कस रही रही तोर सुरता ममहा जाथे ! चल देहे तै कोन डहर म, तोर बर मन लुलवा जाथे’ पढ़कर स्व. कुंजबिहारी की स्मृति को जीवंत करने का प्रयास किया. इसी क्रम में अकलतरा के वरिष्ठ कवि रमेश सोनी के द्वारा कर ‘सांसा के सिंगार जिनगी खिल जाही, कर देहे ल रसधार के जिनगी खिल जाही’ पढ़कर खूब तालियां बटोरी. जांजगीर से आए छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के अध्यक्ष सुरेश पैगवार के व्दारा ‘हमर देश के माटी हमर जान होथे, इँहा हीरा इँहा पन्ना जम्मो के खान होथे, मालूम हे हमला कहां जीना, कहां मरना वतन बर मर मिटे ओही असली संतान होथे’ पढकर देश की माटी के प्रति अपनी भावना को व्यक्त किया. खोखरा-जांजगीर से आए युवा कवि अनुभव तिवारी ने छत्तीसगढ की माटी को दया मया की माटी बतलाते हुए यहां इरखा बैर को समाप्त करने का संकल्प दिलाते हुए रचना ‘ए छत्तीसगढ के माटी ए हमर ए संगी साथी ए इँहा इरखा झन बांटौ’ स्वरचित रचना का पाठ किया. जांजगीर सॆ आए वरिष्ठ कवि रघुनाथ राठौर के द्वारा मां सरस्वती पर भाव प्रेरित कविता ‘उज्जर उज्जर ओनहा पहिरे उज्जर गियान देदे माता’ कविता का सस्वर वाचन किया. जांजगीर केन्द्रीय विद्यालय के शिक्षक तीजराम चौहान के द्वारा भी स्वरचित कविता का पाठ किया गया. बहेराडीह के कवि जोतराम यादव ने भी धरती माता के रूप को सस्वर शब्दो मे पिरोकर कविता पाठ किया. यहां शिक्षिका ऋतम्भरा कश्यप ने भी कविता पाठ किया और ‘हमर गांव’ के भाव को प्रस्तुत किया. छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन का सफल संचालन जांजगीर के वरिष्ठ कवि अरूण तिवारी के किया गया. इस मौके पर सभी कवियों ने आयोजन की सराहना की और किसान स्कूल बहेराडीह में किए जा रहे कार्यों की सराहना की. सभी कवियों ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू ने हमेशा किसानहित और जनहित में पत्रकारिता की. इस तरह उनकी यादों को चिरस्थायी बनाने आगे काम किया जाएगा.
यहां पद्मश्री फूलबासन देवी यादव ने छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन की तारीफ करते हुए कहा कि स्थानीय भाषा में आयोजन कर किसान स्कूल ने समाज में बड़ा सन्देश देने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वे लगातार प्रयास कर रही हैं. समूह से लाखों महिलाएं जुड़ चुकी हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुई हैं. आगे भी महिलाओं को जागरूक करने सतत प्रयास जारी रहेगा.
इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य उमा राजेंद्र राठौर, जनपद उपाध्यक्ष नम्रता राघवेंद्र नामदेव, उप सरपंच चंदा कश्यप, सरगुजा से सुरंजना विश्वास, रायपुर से सूरज यादव, राम शर्मा, सरवन कश्यप, पुष्पा यादव, पुष्पा साहू, पुष्पलता ध्रुव, गायत्री विश्वकर्मा, रेवती यादव, सावित्री पाल, सरोज साहू, हेमकुमारी यादव, कोरबा से निर्मला मन्नेवार, थानेस्वरी, रानी, साधना यादव, ललिता यादव, सुमित्रा यादव, सपना कश्यप, विमला साहू, पार्वती यादव, पिंकी साहू, अजय अग्रवाल, रुखमणि पाण्डेय, गौरी नामदेव, किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव, बम्बू काफ्ट कलाकार कृष्णकुमार कौशिक समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.