अजीब नशा है। अजब खुमारी है। हमें कोई रोग नहीं। बस, रक्तदान करने और करवाने की बीमारी है।- 20 वां बार दान के बाद सुखद अनुभव।
अजीब नशा है। अजब खुमारी है। हमें कोई रोग नहीं। बस, रक्तदान करने और करवाने की बीमारी है।- 20 वां बार दान के बाद सुखद अनुभव।
रक्तवीर- घनश्याम श्रीवास
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
आज दूर दराज में बैठे लोगों से संपर्क सिर्फ सोशल मीडिया का ही देन है मदद का आदान-प्रदान होता है और हम एक दूसरे से जुड़ जाते हैं
मैं आप सभी मित्रों से क्रमबद्ध प्रार्थना करना चाहता हूं कि समाज में जब कभी भी समय प्रतिकूल हो तो अपना रक्तदान अवश्य करें।
जो हमारे शरीर और प्रकृति के बिल्कुल प्रतिकूल है
युवा और स्वस्थ व्यक्ति के लिए रक्तदान से कोई नुकसान नहीं है लेकिन बीमार के लिए रक्तदान नए जीवन की आशा है।
इसलिए उसके जीवन को वापस देने के लिए रक्तदान अवश्य करें।
बदलाव निश्चित ही नहीं सुनिश्चित होगा।
अच्छे वक्तित्व और स्वभाव के कारण आप किसी न किसी पल यादों में आ ही जाते हो इसलिए स्वभाव ही इंसान की अपनी कमाई हुई सबसे बड़ी दौलत है।
जब हम अपने कामों को बहुत ही प्रेम और समर्पण से करते हैं तब हम अकेले नहीं होते हैं हमारे साथ कोई दूसरा भी होता है वह होता है दैवीय शक्ति।
सिर्फ सांसें चलते रहने को ही ज़िंदगी नहीं कहते, जिंदगी जीने के लिए रक्तदान का जज्बा होना भी ज़रूरी हैं।
करके देखो- अच्छा लगता है।
रक्तवीर घनश्याम श्रीवास
संस्थापक/अध्यक्ष
जागृत युवा रक्तदान सेवा समिति तखतपुर छत्तीसगढ़।