जिला अस्पताल नजर आने लगा सरायखाना बनने लगा निजी हस्पिटल का दबदबा
जिला अस्पताल नजर आने लगा सरायखाना बनने लगा निजी हस्पिटल का दबदबा
जिले का सबसे बड़ा मुंगेली जिला अस्पताल जहा हर बीमारी के इलाज के स्पेलिस्ट डाक्टर सुविधा युक्त इलाज से लेकर जांच की आधुनिक मशीन व निशुल्क इलाज होने के बाद भी जिला अस्पताल से मरीजो का प्राइवेट अस्पतालों में जाना कही न कहीं संदेह की बात है
प्रशासन के द्वारा इससे पहले जिला अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस की आवाजाही पर कार्यवाही की गई थी लेकिन पुन: निजी एंबुलेंस की आवाजाही दिखने लगी 108, संजीवनी,से आने वाले मरीज को जिला अस्पताल के बाहर से ही प्राइवेट हॉस्पिटल का रास्ता दिखाने लगी है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल के लोगो का कब्जा होना जहा जिला अस्पताल के स्टाफ के साथ मिलीभगत की बात आ रही है जिला अस्पताल के मरीजों को बार्गिलिंग कर प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया जाना वहीं जिला अस्पताल परिसर में प्राइवेट एंबुलेंस का खड़ा रहना कहीं न कहीं संदेह के दायरे में आता है
जिला अस्पताल में गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज होना,व निशुल्क होना उसके बाद भी ऐसी कोन सी बात है जो मरीजों को एडमिट होने के बाद डिस्चार्ज लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ़ रुख करना पड़ता है
– ? या मरीजों का जल्द इलाज न होना….
– ? या मरीजों को इलाज के लिए समय पर
डाक्टरों का न मिलना….
– ? या निजी हॉस्पिटल के लोगों द्वारा जिला अस्पताल में बेहतर इलाज ना होने के नाम पर बार्गलिंग करना….
यह एक सोचने वाली बात है
वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से हो रहा है खिलवाड़ जहां बड़े बड़े डाक्टरों का साइन बोर्ड पर नाम लिख कर बिना डिग्री वाले डाक्टर कर रहे हैं इलाज प्राईवेट अस्पालो में पहुचने के बाद मरीजो की आस पर दोहरा मार भी पडने लगती है, एक तो एडी चोटी कर प्राईवेट अस्पतालो के लिए मोटी रकम की व्यवस्था और दुसरी तरफ अस्पतालो का रवैया जहां मरीजों से रकम की कमी होने से बल पूर्वक दबाव डाला जा रहा है इससे पहले भी मुंगेली के कई प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों के पास इलाज के कम रकम होने से बंधक बनाया गया था,
ऐसे ही मुंगेली में कई प्राइवेट हस्पिटल है जो डाक्टर के नाम बस लिखे होने से सुचारू रूप से चल रहे है जिसमें प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है