छत्तीसगढ़

राम नाम जाप के साथ खार पूजा कर गांव की सुख-शांति के लिए किया हवन*

*राम नाम जाप के साथ खार पूजा कर गांव की सुख-शांति के लिए किया हवन*

 

*छुरा-मड़ेली/* गरियाबंद जिला के ग्राम मड़ेली में गांव के सुख-शाति व समृद्धि के लिए इतवारी त्योहार के अन्तिम दिवस के पावन अवसर पर चौबीस घंटे का राम नाम जाप कर पावन हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। राम नाम जाप के लिए बाहर से रामधुनी पार्टी को आमंत्रित किया गया था। जिसमें महिला रामधुनी पार्टी पिपरहठ्ठा, रामधुनी पार्टी पेण्ड्रा, रामधुनी पार्टी बरबाहरा , रामधुनी पार्टी दादरगांव, रामधुनी पार्टी कोसमी नवापारा, रामधुनी पार्टी भरुवामुड़ा के द्वारा बहुत सुंदर प्रस्तुति दी। यज्ञ में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के लिए यज्ञ में आहुतिया डाली। सबके लिए मंगलमय जीवन की कामना की।
रविवार को यज्ञ-हवन का शुभारंभ नवग्रह व भूमि पूजन के साथ प्रारंभ हुआ । उसके बाद खार पुजन एवं पावन यज्ञ हुआ। और व्यासजी के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ-हवन सम्पंन कराया।
सतगुरु स्वामी गोवर्धन शरण व्यासजी ने ग्रामवासियों तथा दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं के पावन यज्ञ की मनुष्य जीवन में महिमा के बारे में बताया और कहा कि यज्ञ अनादि काल से हमारे ऋृषि-मुनियों, तपस्वियों द्वारा निर्धारित एक बहुत ही अनूठी प्रक्रिया है। जितनी प्राचीन यह दुनिया जगत है उतनी प्राचीन यज्ञ की प्रक्रिया है। यज्ञ से वातावरण शुद्व होता है। अन्न, धन की वृद्धि होती है। यज्ञ एक उचार की पद्धति है जिससे शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व व्यवाहरिक समस्याओं का समाधान होता है। दु:खों से छुटकारा पाया जा सकता है। यज्ञ से तमाम पाप-संताप दूर होत है, नाकारात्मक उर्जा समाप्त होती है।
पावन यज्ञ के बाद स्वामी जी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि यहां के ग्राम प्रमुखों के आत्म ज्ञान के श्रेष्ठता का व्याख्यान करते हुए कहा कि ऐसे हर गांव के ग्राम प्रमुखों को होना चाहिए।जो गांव के सुख समृद्धि के लिए धार्मिक- अनुष्ठान,यज्ञ-हवन का आयोजन करवातें रहे।
व्यासजी ने कहा भक्ति मार्ग से नवद्या भक्ति के बिना निज स्वरुप आत्मा का ज्ञान एवं बोध नहीं हो सकता अर्थात श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, वंदन, सारण्य और आत्म निवेदन यही नवद्या भक्ति है।यज्ञ हवन पूजा की कृपा से सब दुखों का निवारण हो जाता है। हिन्दू धर्म में की जाने वाली पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। जिस प्रकार नवरात्र में नौ देवियों के पूजन को अनिवार्य माना गया है।उसी प्रकार से हवन-यज्ञ को भी हर पूजा में अनिवार्य माना जाता है। हवन जिससे हवन के नाम से भी जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि घर परिवार और वातावरण की शुद्धिकरण करने के लिए किया जाने वाला महत्वपूर्ण कर्मकांड यही है। हवन-यज्ञ का मुख्य उद्देश्य गांव के सुख समृद्धि व खुशहाली था। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति डालते हुए गांव में सुख समृद्धि की कामना की।
इस मौके पर श्री ईश्वर निर्मलकर ग्रामीण अध्यक्ष, गोविंद साहू उपाध्यक्ष, गिरधारी सेन कोषाध्यक्ष, माधव निर्मलकर सचिव, गोवर्धन ठाकुर सहसचिव, अमृत ठाकुर, भीखम सिंह ठाकुर उपसरपंच, गजेन्द्र ठाकुर, ईश्वर ठाकुर, भूषण ठाकुर, किशन नंदे, भगवानी निषाद, फगनू ध्रुव, राजूराम ध्रुव,भारत ध्रुव,चुम्मन ध्रुव, महेश विश्वकर्मा, प्रेमनारायण ध्रुव,करण सिंह नेताम, तेजराम निर्मलकर, लोचन, नीलाम्बर ध्रुव, गोरेलाल ठाकुर आदि का प्रमुख रूप से सहयोग रहा।

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