छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

सरकारी कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से निगम सहित सभी कार्यालयों मेंं कामकाज ठप्प

भिलाई। सरकारी कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण निगम व पालिका सहित अन्य दफ्तरों में कामकाज ठप्प सरकारी कर्मचारियों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल फिर शुरू कर दिया है जिसका भिलाई-दुर्ग में व्यापक असर देखने को मिला। नगर निगम और पालिका सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप्प रहने से आम जनता को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

सरकारी कार्यालयों में आज हड़ताल के पहले दिन कर्मचारियों ने कामकाज बंद रखा। दुर्ग, भिलाई, चरोदा व रिसाली नगर निगम में छत्तीसगढ़ स्वायत्तशासी कर्मचारी संघ और छत्तीसगढ़ कर्मचारी कांग्रेस के बैनर तले कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। जामुल व कुम्हारी पालिका में भी हड़ताल की वजह से कामकाज बंद रहने से आम जनता को दिक्कत उठानी पड़ी। इसके अलावा राज्य सरकार के अधीन संचालित जिले के अन्य विभागों में भी कार्यालयीन कामकाज बंद रहने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

गौरतलब रहे कि फेडरेशन दो सूत्री मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहा है। इसमें केन्द्र के समान 34 फीसदी महंगाई भत्ता एरियर्स सहित एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है। पिछले दिनों संगठन ने पांच दिनों के लिए हड़ताल किया था। तब अधिकारियों के साथ दो दौर की बातचीत में मांगों को माने जाने पर सहमति बन चुकी थी। बताते हैं कि बाद में सरकार ने ऐसे संगठनों को बातचीत के लिए बुला लिया जो आंदोलन में शामिल ही नहीं थे। उसके बाद 6 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हो गया।

आंदोलन की अगुवाई कर रहे संगठन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि फेडरेशन दो सूत्री मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलित है। इसमें केन्द्र के समान देय तिथि से 34 फीसदी महंगाई भत्ता एरियर्स सहित एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है। पिछले दिनों संगठन ने पांच दिनों के लिए हड़ताल किया था।

तब अधिकारियों के साथ दो दौर की बातचीत में मांगों को माने जाने पर सहमति बन चुकी थी। बाद में सरकार ने ऐसे संगठनों को बातचीत के लिए बुला लिया जो आंदोलन में शामिल ही नहीं थे। उसके बाद 6 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हो गया। यह बहुत कम है और अधिकांश कर्मचारियों को यह स्वीकार नहीं है।

Related Articles

Back to top button