छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

फेसबुक लाईव में पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश ने राज्य सरकार पर लगाया टाउनशिपवासियों के साथ भेदभाव का आरोप

भिलाई। भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने फेसबुक लाइव पोस्ट कर सरकार पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार बिजली बिल में छूट देने में भेदभाव कर रही है। जब पूरे प्रदेश में राज्य सरकार बिजली बिल हाफ कर दी है तो भिलाई टाउनशिप में क्यों नही किया  गया।

आखिर टाउनशिप के लोग क्या गुनाह किये है जो टाउनशिप के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल छूट का लाभ नहीं दिया जा रहा है। पूर्व विस अध्यक्ष  पाण्डेय ने आगे कहा कि  बिजली बिल दर को लेकर शर्त तय करना मुख्यमंत्री के हाथ में था। फिर ऐसी शर्त क्यों रखी गई कि भिलाई टाउनशिप कि जनता को बिजली बिल में छूट का लाभ न मिले। उनका यह व्यवहार भिलाई टाउनशिप कि जनता के साथ सौतेला व्यवहार नहीं है तो क्या है?
सबसे बड़ा सवाल क्या भारत का संविधान इस प्रकार का भेदभाव वाला शर्त लगाने की इजाजत देता है। जवाब है नहीं।

राज्य के सभी घरेलू विद्युत उपभोक्ता राज्य शासन के लिए एक समान हैं। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर विधानसभा में अपना जवाब दिया है, लेकिन उसमें यह नहीं बताया गया कि बिजली बिल में छूट की योजना में लगाई गए शर्त अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं है।

प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी को भिलाई टाउनशिप के विद्युत उपभोक्ताओं को छूट का लाभ नहीं देना था तो चुनावी घोषणापत्र में यह स्पष्ट लिख देना चाहिए था। लिख देते कि बिजली बिल हाफ योजना भिलाई टाउनशिप में लागू नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि सीएसपीडीसीएल को सिस्टम हैंडओवर किए जाने से टाउनशिप में विद्युत दर सीधा-सीधा 30 प्रतिशत बढ़ जाएगा।

बिजली दर की छूट के मामले में दिल्ली का दिया उदाहरण
प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने बिजली बिल की दरों में छूट को लेकर भेदभाव न किए जाने को लेकर दिल्ली का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चार लाइसेंस कंपनी पॉवर सप्लाई करती हैं। इसमें टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड,बीसेस यमुना पॉवर लिमिटेड,बिसेस राजधानी पॉवर लिमिटेड,न्यू देहली म्यून्शिपल काउंसिल शामिल हैं। दिल्ली सरकार बिना किसी भेदभाव के चारों लाइसेन्सी के घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक फ्री बिजली दे रही है। यदि वहां ऐसा है तो फिर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भिलाई टाउनशिप की जनता के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है।

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