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शासन द्वारा जारी गाइड लाइन को नहीं मानता रायपुर पॉवर एंड स्टील उद्योग रसमड़ा

दुर्ग – कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को निर्णय लेने की छुट दे दी थी, जिसके बाद सबसे पहले दुर्ग जिले में डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने आदेश जारी करते हुए सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी, जिसमे किसी भी वर्ग को कोई रियायत नहीं दी गई, लेकिन लॉक डाउन की गाइड लाइन का पालन करवाने में जिला प्रशासन ने सिर्फ गरीब लोगो पर ही सख्ती बरती है, जरूरतमंदों को जो अपने और अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी के जुगाड़ में घर से बाहर निकलकर किसी तरह कुछ पैसे जोड़कर रोटी की व्यवस्था में लगे गरीबों पर चालानी कार्यवाही कर अख़बारों की सुर्खियाँ बटोरते जिला प्रशासन को थोड़ी भी तकलीफ नहीं हुई ! लेकिन वही दूसरी ओर दुर्ग जिले के रसमड़ा में बीते एक महीने में 229 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है, वही कई लोगो की मौत भी हो चुकी है, जिला प्रशासन द्वारा नोडल के रूप में इस क्षेत्र के लिए नियुक्त अधिकारी नायब तहसीलदार भी स्वम कोरोना पॉजिटिव होकर घर में आइसोलेशन में है ! क्षेत्र में फैलते कोरोना के संक्रमण को लेकर जब हमारे प्रतिनिधि उस क्षेत्र में पहुचे तो वहा जो नज़ारा देखने को मिला वो कुछ इस तरह का था जहा सुबह के 8 बजे आसपास ग्रामीण क्षेत्रो से बड़ी संख्या में काम करने मजदुर रसमड़ा पहुच रहे थे, वही जब हमने रायपुर स्टील उद्योग के पास लोगो का आवागमन देखा तो कुछ समय के लिए रुके, तो बड़ी संख्या में लोग फैक्ट्री के अन्दर जाते दिखाये दिए, जहा मोटर सायकल और सायकल से तो लोग आ ही रहे थे वही बसों में भरकर भी लोगो को लाया जा रहा था ! शायद इस जिम्मेदार अधिकारियों को यह नहीं मालूम है कि बसों से जो मजदुर कर्मचारियों को लाया जा रहा है वह भी एक अपराध की श्रेणी में आता है क्योकि जब पुरे प्रदेश में आम जनता के लिए बस के परिवहन पर प्रतिबन्ध लग चूका है फिर क्या कंपनी ने परिवहन विभाग से एवं जिला प्रशासन से बस की अनुमति ली है !

आपको बता दे कि रसमड़ा से लगे गनियारी को भी जिला प्रशासन ने कन्टेमेंट जोन घोषित किया हुआ है, इस के साथ ही शासन के द्वारा जारी गाइडलाइन में फक्ट्रियों के लिए साफ़ उल्लेख किया है, फक्ट्री का संचालन सिमित व्यक्तियों के साथ संचालित की जायेगी और कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था फक्ट्री के अंदर की जायेगी, ताकि किसी भी प्रकार से संक्रमण के फैलने की सम्भावना ना रहे ! लेकिन  रायपुर स्टील उद्योग रसमड़ा को शासन के द्वारा जारी गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाते आसानी से देखा जा सकता है, और तो और जब हमने कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी से बात करनी चाही तो वो उन्होंने कोरोना के फैलते संक्रमण को भी अफवाह बता डाला और कहा की कोरोना जैसी कोई चीज नहीं है ! अब ऐसे में जिला प्रशासन पर कई सवाल खड़े होते है कि लॉकडाउन लगने के बाद  15 दिन तक कंपनी के द्वारा गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ती रही क्या शासन प्रशासन को पता नहीं चला या फिर शासन के द्वारा जारी सभी गाइडलाइन गरीब मजदूरों के लिए ही लागु की जाती है !

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