शकुन्तला विद्यालय में पन्द्रह दिवसीय समरकैम्प का उत्साह के साथ हुआ समापन किताबी ज्ञान तब तक अधूरा है, जब तक उसमें व्यवहारिक कौशल का जागरण न हो-ओझा
भिलाई। शिक्षा का संचार, कौशल का आकार दोनों पक्षों को समेटे शकुंतला विद्यालय में 13 दिवसीय समर कैम्प का समापन हुआ। यह समर कैम्प गत 25 अप्रैल से प्रारंभ हुआ था जिसका समापन 7 मई को को बड़े जोश और उत्साह के साथ हुआ।
छात्रों की सृतनात्मक चेतना और मितव्ययी सोच ने -‘बेस्ट आउट ऑफ बेस्टÓ व्यवहार ने उत्सव में रंग भरना शुरू किया योगा, स्केटिंग, कराटे के अद्भुत प्रदर्शन से अभियार्थियों ने सभी को मोहित किया। आत्मविश्वास व व्यक्तिगत विकास हेतु ‘ब्यूटी एण्ड वेलनÓ से पर्सनाल्टी डवलपमेंट और ‘जुम्बा-कलाÓ की झॉकियॉं दिखाई गई । कुछ नन्हें फनकारों ने संगीत कला से महोल को सरस बनाया। रंगोली और मेहदी कोन से हथेली में रंग भरने की कला दर्शाई। वहीं ‘मसाला तड़काÓ ने स्वाद का जायका बढ़ाया।
विज्ञान के चमत्कार और कम्प्यूटर के आश्चर्य ने सभी को चकित किया। शाला प्राचार्य विपिन कुमार ओझा ने इन गतिविधियों के पश्चात् जलसे की अखण्ड मशाल की लौ को स्थिर करते हुये उद्बोधन में कहा कि किताबी ज्ञान तब तक अधूरा है, जब तक उसमें व्यवहारिक कौशल का जागरण न हो। आयोजित कार्यक्रम में बहुरंगी कलाओं को प्रस्तुत किया गया, वह सचमुच सराहना के योग्य है ।
इस अवसर पर शकुन्तला गु्रप ऑफ स्कूल्स के डायरेक्टर संजय ओझा ने 15 दिवसीय आयोजन में योगासान, व्यक्तित्व का निर्माण, विज्ञान के चमत्कार, कम्प्यूटर की कला-सभ्यता, मात्र औपारिक ही नहीं रही। बल्कि सही रूप में व्यक्तित्व निर्माण के सोपान है जिसकी पहली सीढ़ी विद्यालय प्रांगण से बनती है जिसमें शाला का हर सदस्य आपसी जिम्मेदारी का परिचय देते हुए छात्र-निर्माण में यज्ञ-वेदी में कार्य आहुतियॉं दी। मंच संचालन और आभार प्रदर्शन एलिशा कुमार ने की।
इस अवसर पर गजेन्द्र भोई (एजुकेशन एडवाइजर), प्राचार्या आरती मेहरा (शकुन्तला विद्यालय क्र-2), मैनेजर ममता ओझा (शारदा विद्यालय रिसाली सेक्टर), उपप्राचार्या जी. रंजना कुमार, अनिता नायर, हेड मिस्ट्रेस अर्चना मेश्राम, सीनियर मिस्ट्रेस बलजीत कौर, प्रभारी एवं समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं ने इस सफलता पर शुभकामनायें दी। खेल प्रशिक्षक/पी.टी.आई उपस्थित थे। एवं इस प्रकार के खेलकूद शिविर आयोजन पर सभी विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को बधाई देते हुये हर्ष व्यक्त किया।