अजीत जोगी बोले- जब मैं कलेक्टर था तब मेरे जाति के मामले में कोई बात नहीं होती थी, लेकिन अब

सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रमुख अजीत जोगी ने आज जाति मामले (Ajit Jogi caste issue) पर खुलकर सरकार (Chhattisgarh govt) को कोसा। मीडिया (Media) से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) को इतनी जल्दी थी कि एक माह से पहले ही जाति मामले में फैसला आ गया। पिछले 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस में बघेल ने ये कहा था कि 1 माह के अंदर जाति मामले का फैसला आ जायेगा और इसी महीने 26 अगस्त को फैसला आ गया। सीएम भूपेश के इस फैसले के खिलाफ जल्द ही हम हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
हाई पावर कमेटी ने अजीत जोगी को नहीं माना आदीवासी
पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रमुख अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं। आदिवासी विकास विभाग के सचिव डीडी सिंह की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने यह नतीजा निकाला है। जोगी के सभी जाति प्रमाणपत्रों को निरस्त करते हुए छानबीन समिति ने बिलासपुर कलेक्टर को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।
पहले रमन सिंह अब सीएम भूपेश की बारी
रिपोर्ट आने के बाद मीडिया के सामने जोगी ने खुलकर अपनी बात रखते हुए कहा कि जब मैं कलेक्टर था तब तक कोई भी मेरे जाति के मामले कुछ भी बात नहीं होती थी, लेकिन जब से राजनीति में आया हूं, तब से मेरे जाति पर सवाल हो रहा है। जब भाजपा की सरकार थी तब रमन सिंह ने जांच टीम बनाया था। अब कांग्रेस की सरकार है तो सीएम भूपेश बघेल हाईपावर कमेटी बनाकर जाति मामले पर रिपोर्ट पेश किया है।
सोनिया गांधी मानती है आदिवासी
अजीज जोगी ने कहा कि स्व.राजीव गांधी (Rajiv Gandhi), सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मुझे राष्ट्रीय आदिवासी कमेटी के अध्यक्ष बनाया था। वो मुझे आदिवासी मानती (Ajit Jogi is tribal) है। लेकर सीएम भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM) मुझे आदिवासी नहीं मानता है। वहीं, पिछले बार भाजपा के राज में हाई कोर्ट में हमारी जीत हुई थी इस बार भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हमारी जीत पक्की होगी।
पिछली समिति का भी यही निष्कर्ष
रीना बाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता वाली छानबीन समिति ने 27 जून 2017 को फैसला किया। समिति ने जोगी को कंवर जाति का आदिवासी नहीं माना। फैसले के खिलाफ अजीत जोगी उच्च न्यायालय गए वहां उन्होंने समिति की वैधता को चुनौती दी। उच्च न्यायालय ने दूसरी समिति बनाने को कहा। राज्य सरकार ने 21 फरवरी 2018 को दूसरी समिति बनाकर मामले की जांच कराई।
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