तो आचार्य बालकृष्ण को दिया जहर! रामदेव के 1 गुरु गायब 1 की हत्या, सहयोगी राजीव दीक्षित की रहस्यमयी मौत

कल शुक्रवार 23 अगस्त 2019 को पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण को पहले हरिद्वार के भीमानन्द अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसके बाद ऋषिकेश के AIIMS में जहां उनका इलाज चल रहा है।
पहले बताया गया कि आचार्य बालकृष्ण को दिल का दौरा पड़ा है। बाद में खबर आई कि बालकृष्ण को जहरीला पेड़ा खिला दिया गया है। जिससे उनकी ये हालात हुई। और वो बेसुध हालत में ऋषिकेश AIIMS में पड़े हैं।
पर ये पहला मौका नहीं है जब रामदेव के नजदीकी के साथ ऐसा हुआ हो। आइए आपको कुछ ऐसे ही काल घटित घटनाओं से रूबरू करवाते हैं।
जिस गुरु से गुण सीखते बाबा रामदेव वो हो जाता है गायब
ऐसा लगता है कि हादसे बाबा रामदेव का लगातार पीछा कर रहे थे। उनके फर्श से अर्श तक पहुंचने के सफर में हादसों का अहम किरदार है। न जाने क्यों जिस गुरु से बाबा रामदेव कुछ भी गुण सीखते वो ही गुरु उनकी अद्भुत जीवन यात्रा से गायब हो जाता।
रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुए रामदेव के गुरु शंकर देव
बाबा रामदेव के 77 वर्षीय गुरु शंकर देव एक दिन गए अचानक सुबह सैर करते वक्त गायब हो गए। गुरु शंकर देव ने ही हरिद्वार में बाबा रामदेव को दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट और उसकी अरबों रूपए की जमीने दान की थीं। जिस वक्त (जुलाई 2007) गुरु शंकर गायब हुए उस वक्त बाबा रामदेव ब्रिटेन यात्रा पर थे। इतने बड़े हादसे के बावजूद बाबा ने विदेश यात्रा बीच में नहीं रोकी। वो दो महीने बाद स्वदेश लौटे।
कभी नहीं मिला है गुरु शंकर देव का सुराग
मामले में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस भी छानबीन में आनाकानी करती रही। पांच साल तक जब कोई सुराग नहीं मिला तो साल 2012 में जांच सीबीआई को सौंप दी गई। इस मामले में अबतक जांच जारी है पर गुरु शंकर देव के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है।
रामदेव को आयुर्वेद का ज्ञान देने वाले स्वमी योगानंद की रहस्यमयी मौत
आयुर्वेद के जाने-माने वैद्य स्वामी योगानंद और बाबा रामदेव अच्छे मित्र हुआ करते थे। लेकिन जिन परिस्थितियों में स्वामी योगानंद की मौत हुई वो कम रहस्यात्मक नहीं है। स्वामी योगानंद ने ही बाबा को आयुर्वेद दवा बनाने का लाइसेंस 1995 में उपलब्ध कराया था। बाबा रामदेव 8 वर्षों तक योगानंद के लाइसेंस पर ही आयुर्वेद
की दवा का उत्पादन करते रहे। 2003 में बाबा रामदेव ने योगानंद के साथ साझेदारी खत्म की। साल भर बाद योगानंद का शव उनके घर में खून से लथपथ मिला। 2005 में हत्या की जांच बंद कर दी गयी।
बाबा के स्वेदेशी आंदोलन के पथ प्रदर्शक की रहस्मय मौत
आपको बता दें कि बाबा रामदेव को आयुर्वेद के व्यापर से लेकर स्वदेशी के नारे तक का रास्ता राजीव दीक्षित ने दिखाया था। सीधे शब्दों में कहें तो आज बाबा रामदेव का बिजनेस जिस तरह व्यापक रूप में खड़ा है उसका ब्लूप्रिंट संजीव दीक्षित ने ही तैयार किया था।
राजीव दीक्षित की रहस्यमय मौत….
बाबा रामदेव के साथ एक राजनैतिक दल गठित करने वाले दीक्षित 2010 में एक कार्यक्रम कर रहे थे। तभी बाथरूम में उनकी मौत हो गयी। ऐसा कहा गया की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। अगले दिन दीक्षित के चेहरे का जब रंग बदलने लगा तो कार्यकर्ताओं ने लिखित रूप से दीक्षित के शव का पोस्टमॉर्टेम करने को कहा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और दीक्षित का दह संस्कार कर दिया गया
राजीव दीक्षित (30 नवम्बर 1967 – 30 नवम्बर 2010) एक भारतीय वैज्ञानिक, प्रखर वक्ता और आजादी बचाओ आन्दोलन के संस्थापक थे। बाबा रामदेव ने उन्हें भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) के राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व सौंपा था, जिस पद पर वे अपनी मृत्यु तक रहे। वे राजीव भाई के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे।
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