छत्तीसगढ़

संस्कार साहित्य मंच छत्तीसगढ़ में ऑनलाईन काव्यगोष्ठी कर मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस International Women’s Day celebrated by conducting online poetry seminar in Sanskar Sahitya Manch Chhattisgarh

 

*संस्कार साहित्य मंच छत्तीसगढ़ में ऑनलाईन काव्यगोष्ठी कर मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस*

गत 8 मार्च को अंचल के जाने माने साहित्यिक मंच संस्कार साहित्य मंच के व्हाट्सएप पटल पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ऑनलाईन काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें नारीशक्ति को श्रेष्ठतम स्थान देते हुए आदरणीया सुकमोती चौहान रुचि जी को मुख्य अतिथि तथा आदरणीया गीता सागर जी को विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर आमंत्रित किया गया साथ ही आदरणीय धनीराम नंद मस्ताना जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम की शुरूआत भारतीय परंपरा का निर्वहन करते हुए मां शारदे की वंदना से की गई जिसमें मानक दास मानिकपुरी जी ने अपने मधुरिम कंठ से मां शारदे की वंदना गीत प्रस्तुत किया। तत् पश्चात काव्यपाठ की शुरुआत हुई जिसमें प्रथम काव्य आहुति ललित कुमार भार जी ने दी जिसमें उन्होंने महिलाओं का सम्मान करने की बात की। अगले क्रम में क्रमशः परमानंद निषाद प्रिय जी ने अपनी कविता में कहा कि “जब-जब नारी का अपमान हुआ, तब-तब घमासान हुआ।” गोकुलानंद चौहान जी ने शानदार काव्य पाठ किया, तेरस कैवर्त आँसू जी ने अपने छत्तीसगढ़ी गीत में कहा कि – “जीयन दे दुनिया म मोला ओ। मंय कछु नी करव दाई तोला ओ।” गीता सागर जी ने कहा कि “तुम कालरात्रि जग जननी नारायणी हो। देवी तुल्य तुम सर्वत्र पूज्यनीय हो।” खीरसागर चौहान जी ने कहा कि “अच्छा इंसान बनूं, मातु पिता का मैं, जग में पहचान बनूं।” मानक दास मानिकपुरी जी ने कहा कि “मदद, हिम्मत, लाड़ का महिला को रूप मान। मानक अपने जीवन में, पाया खूब सम्मान।” प्रेमचंद साव प्रेम जी ने मानवता पर संदेशप्रद काव्यपाठ किया। सुकमोती चौहान रुचि जी ने शानदार गीत से मंच में समा बांधा तत् पश्चात धनीराम नंद मस्ताना जी ने लाजवाब छत्तीसगढ़ी गीत से सभी स्रोताओं को झूमने के लिए विवश कर दिया, डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर जी ने शानदार काव्य पाठ किया। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में मंच संचालक विनोद कुमार चौहान जोगी जी ने उत्साह रस से सराबोर रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि “मैं चीते सा कदम हटाकर, खुद को करता हूं तैयार। मैं जिद्दी हूं सुन ऐ मंजिल, कैसे पल में मानूँ हार?”
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष धनीराम नंद मस्ताना जी एवं कार्यक्रम संयोजक मानक जी ने आगामी दिनों में भी सफल आयोजन की कामना के साथ आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।

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