छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

छ.ग.सरकार के चारो महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत दुर्ग निगम का बेहतर प्रदर्शन

दुर्ग। नगर पालिक निगम द्वारा छ.ग. सरकार के प्रमुख योजनाओं अंतर्गत दुर्ग निगम का बेहतर प्रदर्शन मोबाईल मेडिकल यूनिट में बड़े शहरों को पछाड़ते हुए 1 लाख मरीजो का ईलाज किया गया गोबर बहने के बावजूद 25 लाख रूपये का खाद बनाकर बेचा गया,श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल 37 लाख रूपये का दवाई बिक्री किया गया और सिंगल क्लीक भवन अनुज्ञा प्रणाली,निवासी पास 5 सौ मीटर भवन हेतु आवेदन शुल्क मात्र 1 रुपए में डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्राप्त इन चार महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत दुर्गं निगम की बेहतर प्रदर्शन,भुपेश बघेल मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार राज्य शासन द्वारा महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना गोपालक,किसानों के साथ-साथ गोबर बेचने वाले भूमिहिन लोगो को आय का एक श्रोत उपलब्ध कराया गया है ।

इस योजना के माध्यम से जैविक खेती में वृद्धि हो रही है साथ ही साथ महिला स्व0-सहायता समूह आत्मनिर्भरता राह पर आगे बढ़ रही है।हरेली के दिन से प्रारंभ दिनांक 20 जुलाई 2020 से अद्यतन दिनांक तक के संबंध में उपलब्धि का विवरण इस प्रकार है।

गोकुल नगर पुलगांव में गोठान को महिला स्व0-सहायता समूहो द्वारा संचालित किया जा रहा है। जहां लगभग 450 आवारा पशुओं का पालन पोषण का कार्य किया जा रहा है, पशुओ के लिए चारा, पानी, उपयुक्त शेड अन्य आवश्यक सुविधा प्रदान की गई है । साथ ही साथ गोठान में 200 से अधिक कनेर एवं कदम के पेड़ लगाया गया है । नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 04 गोबर खरीदी केन्द्र स्थापित किये गये है । जहां गोबर खरीदी का कार्य संचालित किया जा रहा है । वर्तमान स्थिति में लगभग 18200 क्विंटल गोबर खरीदी किया जा चुका है । योजना अंतर्गत निकाय क्षेत्र में 320 से अधिक पशुपालको और कृषको से गोबर खरीदी का कार्य कर उन्हे लाभान्वित किया जा चुका है,

अभी-तक इस योजना में लगभग 36 लाख रूपये का भुगतान पशुपालको और कृषको को किया गया है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। योजना अंतर्गत स्व0-सहायता समूह के द्वारा लगभग 1,500 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट एवं 1,700 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट कुल 3200 क्विंटल खाद् का निर्माण किया जा चुका है । जिससे लगभग 25.2 लाख रूपये लाभ की प्राप्ति होगी । वर्तमान में 600 से अधिक किसानों द्वारा खाद् का क्रय कर जैविक खेती के रूप में उपयोग किया जा रहा है । समूह की महिलाओं द्वारा योजना अंतर्गत गोबर से दिया, कंडा, लकड़ी इत्यादि सामग्री का निर्माण भी किया जा रहा है । समूह द्वारा गोबर का उपयोग कर लगभग 75 हजार नग दिया, 98 हजार नग कंडा एवं 15 हजार नग लकड़ी का उत्पादन किया गया।

मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत उपलब्धि का विवरण
भूपेश बघेल मुख्यमंत्री छ.ग.शासन के निर्देशानुसार राज्य शासन द्वारा शहरी गरीबों को उनके बस्ती/मोहल्ले में नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रारंभ किये गये जनकल्याणकारी योजना
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के प्रारंभ 02.11.2020 से अद्यतन 27.1.12022 तक के संबंध में उपलब्धि का विवरण इस प्रकार है-
योजना अंतर्गत चिन्हांकित स्थलों पर प्रतिदिन 4 कैम्प आयोजित की जाती है,जिसमें अभी तक आयोजित 1447 स्वास्थ्य कैम्प से 102632 मरीजों द्वारा इस योजना का लाभ लिया गया है।  अभी तक योजना पर अनुमानित राशि रू. 146.00 लाख का व्यय हुआ है। इस प्रकार योजनांतर्गत राशि रू. 150.00 प्रति मरीज पर व्यय हुआ है। योजना अंतर्गत 16720 मरीजों का ब्लड टेस्ट एवं 89029 मरीजों को दवा का वितरण किया गया है। कोरोना काल में जब सामान्य बीमारियों के इलाज हेतु कोई भी शासकीय अथवा निजी अस्पताल उपलब्ध नहीं था,

तब योजना में संचालित मोबाईल मेडिकल यूनिट शहर के गरीब,मजदूर एवं जरूरतमंद जनता के लिए वरदान साबित हुई है। योजना अंतर्गत 33799 पुरूष, 46895 महिला एवं 21938 बच्चों को चिकित्सा लाभ प्रदान किया गया है। इस प्रकार पुरूष की तुलना में 13: अधिक महिलाओं ने योजना का लाभ प्राप्त किया है। कैम्प में आने वाले मरीज जिनका श्रम विभाग में पंजीयन नहीं हुआ है उनके पंजीयन हेतु प्राप्त 1985 आवेदन को श्रम विभाग प्रेषित किया गया है। कैम्प में नियमित रूप से आने वाले मरीजों के चिकित्सा रिकार्ड को सुरक्षित रखने हेतु हेल्थ कार्ड वितरण प्रारंभ किया गया है जिसके अंतर्गत 300 से अधिक हेल्थ कार्ड वितरित किये जा चुके है।

आवश्यकतानुसार मौसमी बीमारी मलेरिया, डेंगू, पीलिया इत्यादि की भी नि:शुल्क जांच कैम्प में की जा रही है। योजना अंतर्गत गर्भवती महिलाओं,किशोरी बालिकाओं एवं स्कूल कालेज की छात्राओं हेतु विशेष कैम्प आयोजित कर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 1500 से अधिक बालिकाओं का एच.बी.टेस्ट किया गया है।इस प्रकार उपरोक्त योजना शहर के गरीब, मजदूर कमजोर आयवर्ग एवं जरूरतमंद परिवारों विशेषकर महिलाओं,बच्चों एवं बालिकाओं के लिए वरदान सिद्ध हुई है एवं इलाज में होने वाले जांच और उपचार से परिवार पर पडऩे वाले आर्थिक मार से मुक्ति हुई है। इस कारण लाभान्वित जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इस योजना की सराहना की जा रही है।

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