छत्तीसगढ़

वैदिकता एवं संस्कृति का पालन करते हुए दे महाशक्ति को विदाई ।।

।। वैदिकता एवं संस्कृति का पालन करते हुए दे महाशक्ति को विदाई ।।

।। नंदलाल चंद्राकर ।।

।। क्वार नवरात्रि मे प्रायः प्रायः सभी ग्रामों एवं मोहल्लों में मां महामाया आदिशक्ति दुर्गा भवानी की प्रतिमा श्रद्धा भक्ति पूर्वक स्थापित कर जिले एवं प्रदेश में इस पर्व पर प्रदेशवासी नियम संयम से शक्ति की आराधना में लगे हुए हैं। जिससे निश्चित ही कहा जा सकता है की सनातनधर्मी एवं वैदिकता को मानने वाले आज भी संस्कृति एवं संस्कारों से परिपूर्ण है विश्व हिंदू परिषद के जिला कबीरधाम के अध्यक्ष नंदलाल चंद्राकर ने जिले वासियों के साथ ही साथ प्रदेशवासियों से भी अपील किया है कि जिस तरह से हम मानसिक वाचिक एवं कायिक शुद्धता पूर्वक नौ दिन नौ रात में शक्ति की आराधना विभिन्न रूपों में करते हैं चाहे वह जग जवारा स्थापित कर या मां शक्ति की श्री विग्रह को स्थापित कर इससे निश्चित ही हम अपने वैदिकता एवं संस्कृति को आने वाले पीढ़ियों को सौंपते हैं, सिखाते हैं, उन्होंने इन सबके बीच वैदिक धर्मावलंबियों से निवेदन एवं आग्रह किया है कि जिस तरह से हम मानसिक, वाचिक, कायिक शुद्धता पूर्वक नौ दिन नौ रात तक मां महामाया आदिशक्ति के आराधना में लगे रहते हैं उसी तरह आदिशक्ति जगत जननी मां महामाया की जलयात्रा संस्कृति एवं संस्कारों से युक्त होनी चाहिए। विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष नंदलाल चंद्राकर ने जिले वासियों के साथ ही साथ प्रदेशवासियों से भी निवेदन चाहा है कि मां दुर्गा भवानी की जलयात्रा तन्मयतापूर्वक, भावनापूर्ण रहे किसी भी प्रकार से नशा पान आदि करके इस जल यात्रा में हमें सम्मिलित नहीं होना चाहिए। यह हमारी विरासत में मिली संस्कृतियों का अपमान ही होगा। उन्होंने युवा वर्ग से भी आग्रह चाहा है जहां तक हो सके डीजे एवं पाश्चात्य संगीत यंत्रों की धुन से मां दुर्गा भवानी की विदाई ना करें। जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके रामधुनी संकीर्तन, जसजवारा गीत एवं ध्वजा पताका के साथ भावविभोर होकर परिपूर्ण संस्कृति झलकाते हुए आदिशक्ति महामाया मां दुर्गा भवानी को विदा दे एवं उनसे यही मनोकामना करें कि हम एवं हमारा परिवार मोहल्ला गांव एवं प्रदेशवासी उनकी कृपा से सुखमय, संस्कारयुक्त, समृद्धि पूर्वक भाईचारे से जीवन बिताएं।।

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