मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के जिले में खुलेआम पीडि़तों से मांगा जा रहा है पैसा

आरआई और पटवारी अब साफ साफ कहने लगे हैं कि जो मोटी रकम देगा उसके पक्ष में होगा फैसला
भूमाफिया राजस्व निरीक्षक ओैर पटवारी से मिलकर जबरन कर रहे हैं लोगों के जमीन को कब्जा
भिलाई। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के गृह जिले के पटवारी, आरआई सहित कई जमीन के मामले से जुड़े लोग भूमाफियाओं से सेटिंग कर अपनी गाढी कमाई और जिंदगी भर की जमा पूंजी से जमीन खरीदे वाले की जमीन पर कब्जा करने के मामले में पटवारी और राजस्व अमला सीधे सीधे कहने लगे है कि जिसका वजन भारी होगा उसी के पक्ष में कार्य होगा। पैसा हमको उपर तक पहुंचाना पड़ता है। अधिक वजन की बात करने वाले आर आई सतपाल जैसे लोग मुख्यमंत्री की छवि और राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री मो. अकबर की छवि को खराब करने में ओैर विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा देने में लगे है। इस मामले की जानकारी तब हुई जब एक पीडि़त पक्ष ने आज पत्रकार वार्ता में अपनी पीड़ा बताई कि किस प्रकार पटवारी, आरआई और स्मृति नगर पुलिस चौकी के लोग न्यायालय द्वारा पीडि़त के पक्ष में फैसला आने के बाद भी तंग किया जा रहा है।
फरीद नगर निवासी आसिफ खान ने बताया कि सन 2005 विवेकानंदर नगर कोहका प्लाट की खरीदी कृष्णा राव से बकायदा रजिस्ट्री कराकर लाखों रूपये में अपनी पत्नी श्रीमती फौजिया खान के नाम पर मौजा कोहका प.ह.नं. 19 तहसील व जिला दुर्ग में भूमि खसरा नंबर 1647 /2 खरीदा जो राजस्व अभिलेख में दर्ज है। इस भूमि के संबंध में डॉ. नौशाद अली, अतिया परवीन के आम मुख्तियार कहकर अब्दुल मोबिन के द्वारा मेरी पत्नी के नाम दर्ज भूमि खसरा नंबर 1647 को अपना खसरा नंबर 1700 सौ बताकर कब्जा कर रहा है। जबकि खसरा नंबर 17 सौ कही और है, उसको अब्दुल मोबिन और आरआई तथा पटवारी नही खोज कर मेरे जमीन अपना बता रहे है। इस जमीन पर मोबिन लोग विवाद कर स्मृति नगर चौकी में मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवा कर परेशान कर रहे है, और मै जो उनके विरूद्ध शिकायत कर रहा हूं उसपर कोई कार्यवाही नही कर रहे है। इस मामले में वो लोग शिकायत किये जिस पर चौकी प्रभारी द्वारा इस्तगासा पेश किया गया जिसमें अनुविभागीय अधिकारी ने फौजिया के पक्ष में आदेश पारित किया। उसके बाद इसके विरूद्ध पुनरीक्षण अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में पेश किया गया जिसमें न्यायालय द्वारा भी 31 जनवरी 2018 को सोफिया के पक्ष में फैसला दिया था जिसके विरूद्ध अब्दुल मोबिन उच्च न्यायालय बिलासपुर मे याचिका दायर किया था और उसे वापस भी खुद मोबिन ने ले लिया। उसके बाद फिर यहां के न्यायालय में फिर इस केस को ओपन करवा रहा है। वह सारे जगह इस मामले में हार रहा है उसके बाद भी बार बार न्यायालय में इस मामले को दायर करवा कर और केस को उलझा कर हम लोगों को 2008 से परेशान कर रहा है। अब्दुल मोबिन जमीन दलाल पप्पू उर्फ हफीजुद्दीन से मिलकर हल्का पटवारी एवं राजस्व निरीक्षण सतपाल यादव से मिलकर पुन: सीमांकन का आवेदन देकर मुझे व मेरी पत्नी फौजिया खान को लगातार परेशान कर रहे हैं। इस साल 30 नवंबर 2020 को सीमांकन का नोटिस प्रेषित किया गया हल्का पटवारी के समक्ष आपत्ति किया हूं, लेकिन मेरे आपत्ति को लेने से हल्का पटवारी और राजस्क निरीक्षक ने लेने से साफ इंकार कर दिया वह सिर्फ जमीन दलाल पप्पू बोलता है वैसे ही पटवारी और राजस्व निरीक्षक करते हैं। मेरे आपत्ति के पश्चात राजस्व निरीक्षक मुझे धमकाते हुए कहता है कि हमें ऊपर तक रकम पहुंचाना पड़ता है, जो मोटी रकम देगा हम उसी का काम करेंगे। ऐसे में जमीन दलालों से मिलीभगत कर मेरे जमीन को इन लोगों द्वारा हड़पने का पूरा का पूरा षडयंत्र किया जा रहा है। शासकीय अवकाश के दिन भी मुझे और मेरी पत्नी को आफिस बुलाकर खाली बिठाकर परेशान किया जा रहा है, मेरी जमीन को जबर्दस्ती नाप जोख करवा कर मुझे परेशान करवा रहे है। मैं दस सालों से परेशान हूंं। यहां जो भी पटवारी और राजस्व निरीक्षक आते है, उनसे दलाल पप्पु अपने पक्ष में कर लेता हैं। मैं इस मामले को लेकर प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर, डीजीपी डीएम अवस्थी, आईजी विवेकानंद सिन्हा एवं एसपी प्रशांत ठाकुर से भी भेंटकर न्याय की गुहार लगाऊंगा।
पीडि़त फौजिया खान ने बताया कि इस मामले को लेकर मैं पहले भी कई बार कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी और अतिरिक्त तहसीलदार भिलाई से मिल चुकी हूं। अभी एक सप्ताह पहले भी कलेक्टर भूरे से भी मिला तो मेरी इस समस्या को सूने और उसके बाद एसडीएम ज्येातिपटेल के पास मुझे भेजा जब एसडीएम पटेल से हम लोग मिले तो उन्होंने कहा कि आप अपना आवेदन तहसीलदार को दे दो। मैं सिर्फ आवेदन दे रहा हूं लेकिन मेरी सुनवाई कही भी नही हो रही हैं। आखिर कब तक मैं इधर इधर दौड़ लगाते रहूंगा।