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टाउनशिपवासियों को मिलने लगा अब साफ पानी , Now the township residents started getting clean water

पर बीएसपी प्रबंधन ने फिर जलसंसाधन से पानी आपूर्ति को बताया जिम्मेदार
इस मामले को लेकर पहले भी बीएसपी प्रबंधन और कलेक्टर में हो चुका है रार
भिलाई। पिछले 6 महिने से टाउनशिप में लगातार गंदा और मटमैला पानी आने के कारण कलेक्टर, विधायक व श्रम संगठनों व राजनीतिकदलों के कोप भाजन का शिकार बीएसपी प्रबंधन को होना पड़ रहा था इसके कारण बीएसपी प्रबंधन द्वारा नेल्को ठेका कंपनी को हटाकर मेसर्स आयन एक्सचेंज एजेंसी को ठेका देने के बाद इस ठेका एजेंसी द्वारा तत्परता पूर्वक कार्य करने के बाद शनिवार से टाउनशिपवासियों को साफ पानी मिलना तो शुरू हो गया लेकिन फिर एक बार भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने इसका जिम्मेदार जलसंसाधन विभाग को ठहराते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा तांदुला से गंदे पानी के आपूर्ति की वजह से उत्पन्न हुई थी। तांदुला जलाशय से प्रदाय किया गया रा-वाटर आर्गेनिक लोड से भरपूर एवं इमलसीफाईड  आर्गेनिक के रंग से युक्त था, और अत्यधिक मात्रा में एक साथ प्रदाय कर दिया गया था। छग शासन के जलसंसाधन को इसका जिम्मेदार ठहराने के कारण बीएसपी प्रबंधन और कलेक्टर के बीच रार उत्पन्न हो गया था और कलेक्टर ने बीएसपी प्रबंधन को पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी और जल्द ठेका कंपनी बदलने और वाटर ट्रीटमेंट के मशीनों को बदलने के लिए कहा था। उसके बाद बीएसपी प्रबंधन ने ठेका बदला गया जिसके कारण इस ठेका कंपनी ने मरोदा स्थित जल शोधन संयंत्र के रॉ वाटर को शोधन के साथ साथ केमिकल डोजिंग के माध्यम से उपचारित करने का कार्य शुरू आधुनिक तरीके से केमिकल डोजिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया है। शनिवार को पहले ही दिन के केमिकल डोजिंग से अच्छे परिणाम दिखाई दिए हैं और लोगों को साफ पानी मिलना शुरू हुआ। लगातार छ: माह तक मटमैला और गंदा पानी पिलाकर लोगों को सेहत खराब करवाने और टाउनशिप के 90 प्रतिशत लोगो को पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर करने वाली  बीएसपी प्रबंधन आज यह कह रही है कि
भिलाई इस्पात संयंत्र का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सदैव ही पेयजल का शुद्ध करने में मानक प्रक्रियाओं का पालन करता आ रहा है। यदि ऐसी स्थिति थी तो गंदा और मटमैला पानी क्यों सप्लाई हो रहा था।
टाउनशिप में शुद्ध और साफ पानी की सप्लाई के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र ने मरोदा स्थित जल शोधन संयंत्र के रॉ वाटर को शोधन के साथ साथ केमिकल डोजिंग के माध्यम उपचारित करने का कार्य शुरू किया जा चुका है, इस कार्य हेतु मेसर्स आयन एक्सचेंज एजेंसी को ठेका दिया गया है जो सतत  निगरानी एवं परीक्षण करते हुए आधुनिक तरीके से केमिकल डोजिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया है। शनिवार को पहले ही दिन के केमिकल डोजिंग से अच्छे परिणाम दिखाई दिए हैं। पानी की मूल समस्या छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा छोड़े गए रॉ वाटर में थी। जल संसाधन विभाग द्वारा रॉ वाटर की जो आपूर्ति की गई थी उसके पानी का रंग 25 हैजन था जिसे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जलशोधन के बाद 3 से 4 हैजन तक लाया जा सका जो कि वांछित 5 हैजन के मापदण्ड के अंदर है। यही वजह है कि आज पानी का रंग एकदम साफ हो चुका है।
इसी प्रकार जल संसाधन विभाग द्वारा रॉ वाटर की जो आपूर्ति की गई थी उस पानी की टरबिडिटी 10 एनटीयू था जिसे जलषोधन के बाद 2 एनटीयू तक लाया जा सका जो कि वांछित 5 एनटीयू के मापदण्ड के अंदर है। इस प्रकार बीएसपी का पानी पीने योग्य होने के साथ-साथ रंग में भी साफ हो चुका है।
विदित हो कि पानी की यह समस्या छत्तीसगढ़ शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा तांदुला से गंदे पानी के आपूर्ति की वजह से उत्पन्न हुई थी। तांदुला जलाशय से प्रदाय किया गया रा-वाटर आर्गेनिक लोड से भरपूर एवं इमलसीफाईड  आर्गेनिक के रंग से युक्त था, और अत्यधिक मात्रा में एक साथ प्रदाय कर दिया गया था। उसे निर्धारित मानकों के तहत उपचारित करने में पूर्ण रूप से सफलता नहीं मिल पा रही थी। वर्तमान में केमिकल डोजिंग के माध्यम उपचारित करने का कार्य मेसर्स आयन एक्सचेंज एजेंसी को दिया गया है जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सदैव ही पेयजल का शुद्ध करने में मानक प्रक्रियाओं का पालन करता आ रहा है। ज्ञात हो की स्वच्छ एवं उच्च गुणवतायुक्त राष्ट्रीय मानक के अनुसार स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता की समस्या मार्च 2021 के अंतिम सप्ताह से बना हुआ था जिसे अब हल कर लिया गया है। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति आईएसओ 10500-2012 के निर्धारित मानकों के अनुरूप किया जा रहा है। बीएसपी ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि बेहतर गुणवत्ता वाले और पर्याप्त मात्रा में रॉ वाटर की आपूर्ति की जाए, जिससे रंग की समस्या का स्थायी समाधान हो सके।

 

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