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लॉकडाउन और टेस्टिंग से भी जरूरी है लोगों तक दवा पहुंचाना:महेश जायसवाल, It is also important to provide medicines to people through lockdown and testing: Mahesh Jaiswal

भिलाई / कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन और टेस्टिंग से भी ज्यादा जरूरी है लोगों तक दवा पहुंचाना। घर पर रहने की सलाह देना आसान है पर वे खाएंगे क्या, बीमार पड़ेंगे तो जाएंगे कहां। इस बात का भी जवाब देना बहुत जरूरी है। जब तक इन सवालों का जवाब न मिले, बेहतर होगा कि लोगों को 5000 का टेस्ट कराने के बाद 500 रुपए की दवा देने के बजाय दवा लोगों तक नि:शुल्क या रियायती मूल्य पर पहुंचाने का प्रयास किया जाए।
वैशाली नगर महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं पीसीसी के पूर्व सचिव महेश जायसवाल ने कहा है कि टेस्ट कराने वाले अलग परेशान हैं कि कौन सा टेस्ट कराएं। किसी की रिपोर्ट जल्द आती है पर उस पर भरोसा नहीं, कोई रिपोर्ट भरोसेमंद है पर वो आती नहीं। अस्पताल पहुंचो तो तत्काल हजारों रुपए का एचआरसीटी करवाते हैं। इसके बाद शुरू होती है वही डॉक्सी, आइवरमेक्टिन, विटामिन सी, डी और जेड और बुखार के लिए डोलो। फेफड़ों में संक्रमण निकलने पर ही अस्पताल में भर्ती किया जाता है और अब तो बेड भी खाली नहीं। जायसवाल ने कहा कि सामान्य लक्षण होने या लक्षण नहीं होने पर जो दवाइयां दी जाती हैं, डाक्टरों के मुताबिक उनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यदि यह बात सही है तो इनकी सप्लाई बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इनकी कीमतों पर कड़ा नियंत्रण रखें। उत्पादन बढऩे पर गोलियों की कीमत घटनी चाहिए। वह बढ़ क्यों रही है इसपर भी केन्द्र सरकार विचार करें।
जायसवाल ने प्रदेश सरकार द्वारा इलाज की क्षमता बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मरीजों की संख्या कम करने के लिए लॉकडाउन की बजाय लोगों तक ड़ॉक्सी, आइवरमेक्टिन, विटामिन सी, डी और जेड पहुंचाने की व्यवस्था करे। इससे कम लोग अस्पतालों तक आएंगे और व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। इससे अस्पतालों को भी राहत मिलेगी जो दिन रात अपनी जान हथेली पर लेकर मरीजों की कर रहे हैं और इसके बावजूद दुव्र्यवहार का शिकार हो रहे हैं।

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