देश दुनिया

हर्षवर्धन ने कहा- महामारी की चुनौती के बावजूद देश में 75000 से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य केंद्र सक्रिय Harshvardhan said- Despite the challenge of the epidemic, more than 75000 Ayushman Bharat Health Centers active in the country

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी की चुनौती के बावजूद देश में अब तक 75,532 आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) का परिचालन शुरू किया जा चुका है। दिसंबर 2022 तक 1.5 लाख ऐसे केंद्र शुरू करने की योजना है।

हर्षवर्धन ने कहा- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य केंद्रों में 23.8 करोड़ महिलाओं की देखभाल की गई

आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र शुरू किए जाने के तीन साल पूरे होने पर आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि 13 अप्रैल तक इन केंद्रों में 23.8 करोड़ से अधिक महिलाओं (53.7 प्रतिशत) की देखभाल की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार इस दौरान 44.24 करोड़ से अधिक लोग इन केंद्रों में आए।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- अधिकारी केंद्रों का दौरा करें 

 

स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जहां कहीं भी जाएं तो ऐसे केंद्रों का दौरा करें। इससे उन्हें केंद्रों के कामकाज की जानकारी भी मिलेगी और केंद्रों की कमियां दूर करने में भी मदद मिलेगी

बयान के अनुसार हर्षवर्धन ने तीन साल पहले (2018 में) उस दिन को याद किया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के जंगला में इस तरह के पहले केंद्र का उद्घाटन किया था।

हर्षवर्धन ने कहा- आंबेडकर से प्रेरणा लेकर सब को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रयास

बीआर आंबेडकर से उनकी जयंती पर प्रेरणा लेते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि ये केंद्र उनके (आंबेडकर) दर्शन के करीब हैं, जो हमें सभी को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए समाज में मानवीय गरिमा, समानता और सामाजिक न्याय के हमारे प्रयासों को प्रेरित करता है।

 

हर्षवर्धन ने कहा- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य प्रणाली के लिए रीढ़ की हड्डी

इन केंद्रों की भूमिका को स्वास्थ्य प्रणाली के लिए रीढ़ की हड्डी बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास न केवल एक दृष्टि थी बल्कि इसे उन्होंने जमीन पर भी उतारा और स्पष्ट किया कि यह कदम स्वास्थ्य को जन आंदोलन के रूप में संस्थागत बनाने में क्यों महत्वपूर्ण साबित होगा।

 

हर्षवर्धन ने कहा- महिलाएं इस आंदोलन की अगुवाई कर रही हैं

उन्होंने कहा कि महिलाएं इस आंदोलन की अगुवाई कर रही हैं क्योंकि अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आशा और एएनएम में महिलाएं शामिल हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि ऐसे केंदों की घर से निकटता और व्यक्तिगत देखभाल के कारण बड़ी संख्या में महिलाएं जांच और इलाज के लिए आगे आई हैं।

पोषण के प्रति जागरूकता के लिए आहार क्रांति की शुरुआत

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने पोषण और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक खाद्य पदार्थो, फलों तथा सब्जियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आहार क्रांति की शुरुआत की है। बुधवार को जारी एक बयान में इस बारे में बताया गया।

महामारी के प्रभाव को कम करने में संतुलित आहार की आवश्यकता

हर्षवर्धन ने मंगलवार को इस पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि आज जब देश कोरोना जैसी महामारी का सामना कर रहा है, ऐसे में एक संतुलित आहार इस महामारी के प्रभाव को कम करने में एक विशेष उपाय के रूप में कार्य करता है। ऐसे समय में संतुलित आहार के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

 

आहार क्रांति की शुरुआत भूख तथा बीमारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए की गई

बयान में कहा गया है कि आहार क्रांति की शुरुआत भारत और दुनिया के समक्ष भूख तथा बीमारियों की गंभीर समस्याओं का समाधान करने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि अध्ययन से पता चला है कि भारत जितनी कैलोरी का उपभोग करता है, उससे दोगुनी ऊर्जा का उत्पादन करता है। हालांकि, अभी भी कई लोग कुपोषित हैं। इस अजीबो-गरीब हालात का मुख्य कारण पोषण संबंधी जागरूकता का अभाव है।

 

 

Related Articles

Back to top button