कोरोना के कारण दान नही हो पा रहा है मरणोपरांत देहदानियों पार्थिव शरीर, Due to corona, donation is not being given posthumously to the dead body

भिलाई / मानवता की भलाई के लिए देहदान करने वाले अनेक देहदानयों मरणोपरांत उनकी इच्छा कोरोना संक्रमण के कारण अधूरी रह जा रही है ! सामाजिक संस्था प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी के माध्यम से जून, 2009 में ईडब्ल्यूएस 1236, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी गुरव दंपति ने एक साथ देहदान किया था! उनमें से वसुदेव गुरव का निधन फरवरी 2021 में होने के पश्चात उनकी पार्थिव काया शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रायपुर को समर्पित की गई थी ! किंतु उनकी पत्नी श्रीमती वसुधा गुरव कब 13 अप्रैल को निधन होने पर कोरोना प्रोटोकॉल लागू होने के कारण उनका देहदान नहीं हो सका ! इसी तरह जुलाई 2020 में एचएसएल कॉलोनी, स्टेशन मरोदा निवासी, देहदानी डेहरा राम साहू के 14 अप्रैल को निधन के पश्चात उनका भी देहदान कोरोना संक्रमण के कारण संभव नहीं हो सका ! उन्होंने जुलाई 2020 को प्रनाम के पवन केसवानी के माध्यम से देहदान की वसीयत राजीव लोचन आयुर्वेदिक कॉलेज के नाम जारी की थी ! देहदान जैसी अभिनव मानव सेवा करने वाली संस्था प्रनाम के संस्थापक अध्यक्ष पवन केसवानी ने बताया कि 2020 में भी कोरोना संक्रमण के कारण 11 देहदानियों की पार्थिव काया मानवता को समर्पित नहीं की जा सकी थी ! उल्लेखनीय है कि, प्रनाम की पहल से अभी तक 1000 से ज्यादा लोगों ने देहदान का पुनित संकल्प लिया है ।