गृहमंत्री के अपराधियों पर कहर बनकर बरपे निर्देश का पुलिस का असर दिखा उल्टा
भिलाई। गृहमंत्री जी आपके गृह जिले में ये कैसी पुलिस कार्य कर रही है। आपने गत दिवस सेक्टर 6 स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में दुर्ग जिले के पुलिस के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर एकओर दुर्ग पुलिस के कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए अपने गृह विभाग और दुर्ग पुलिस का मान सम्मान बढाकर इन पुलिस कमियों का हौसाल अफजाई की थी, वहीं दूसरी ओर आपने मीडिया से चर्चा करते हुए तल्ख लहजे में कहा था कि हमारी पुलिस अपराधियों पर कहर बन कर बरपे और सही मामले में पुलिस पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे, यदि किसी भी मामले में किसी भी नेता की सिफारिश न सुने जो सही हो पुलिस उसे करें। लेकिन दुर्ग जिले में बेहद ईमानदार व सुलझे हुए पुलिस अधीक्षक प्रखर पांडे, एएसपी रोहित झा, सीएसपी अजीत यादव के साथ साथ गृह विभाग की छवि पुलिस के ही निचले तबके के लोग खराब करने में जरा भी नही चूक रहे हैं। गत दिवस स्मृति नगर में सूर्यामाल के पास हुए पत्रकार यदुनंदन मिश्रा के पुत्रों व पुलिस आरक्षकों के बीच हुई झडप और मारपीट के मामले में कहीं न कही दुर्ग पुलिस और गृह विभाग की छवि धुमिल हुई है। गलती चाहे एक पक्ष की या दूसरे पक्ष की इस मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा पुलिस अधीक्षक प्रखर पंाडे द्वारा दिये जाने के बाद सभी को भरोसा है कि दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जायेगा। हालांकि पुलिस यह कह रही है कि पत्रकार के पुत्र व उनके दोस्तों के साथ हुई मारपीट मे डाक्टरी मुलाहजा के दौरान किसी भी तरह की गंभीर चोट सामने नही आई है, वहीं दूसरी ओर जिन आरक्षकों के साथ मारपीट हुई है उन्हें चोटे आई है। अब देखना यह है कि पुलिस इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कर बेस्ट पुलिसिंग व जनता से बेहतर समन्वय वाले वाक्य पर कितना खरे उतरती है, यह आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन दुर्ग जिले में मुख्यमंत्री भूपेष बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और केबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे और गुरू रूद्र कुमार विधायक देवेन्द्र यादव सहित अन्य कांग्रेस भाजपा के बडे नेताओं का ये जिला गढ माना जाता है, यहां पर कानून व्यवस्था के लिए पुलिस को चाहिए कि वे अपनी पुलिसिंग आज के इस आधुनिक युग में डंडे के दम पर नही आपसी समझाईश व सूझबूझ का परिचय देकर हर मामले को हल करें ताकि इस तरह की पुलिस पर लगने वाले आरोप प्रत्यारोप से बचा जा सके।