CG Ki Baat: ‘आतंक’ पर पॉलिटिक्स..देश को है रिस्क! कांग्रेस के कई नेता देश के खिलाफ विवादित बयान क्यों दे रहे हैं? देखिए पूरी रिपोर्ट

रायपुर: CG Ki Baat जहरीले बयान, वो भी देश के खिलाफ हार की तमन्ना वो भी अपने देश की तारीफ उनकी। जो दुश्मन हैं ना सिर्फ देश के, कौम के बल्कि इंसानियत के भी कौन लोग हैं ये इन्हें हिंदुस्तानी कहें भी या नहीं। बोलने की आजादी की ढपली बजाते-बजाते ऐसे लोगों को कैसे और क्यों बर्दाश्त किया जाए। आखिर कितना धैर्य रखें, कितनी उदारता बरतें। आखिर क्यों समझ नहीं आता कि सियासत उतनी करो कि जिससे देश पर आंच न आए। विपक्ष का अपना स्वभाव है, धर्म है लेकिन वो देश से ऊपर तो नहीं हो सकता। क्या कुछ कांग्रेसी नेता ये बात समझ नहीं पा रहे हैं या पर्दे के पीछे से मिल रहे किन्हीं निर्देशों का पालन कर नासमझी का नाटक कर रहे हैं। आज की डिबेट में सीधे-सीधे पूछेंगे कि देश बड़ा या सियासी लाभ वोट बैंक जरूरी है या देश की सुरक्षा और न्याय?
CG Ki Baat क्या ये कांग्रेसी नेता, पूर्व विधायक की असल सोच है। ये सवाल जिस पोस्ट से उठा और जो सफाई में कहा गया दोनों पोस्ट आपके सामने है। कुनकुरी से कांग्रेस के पूर्व विधायक UD मिंज का एक सोशल मीडिया पर तेजी से विवादों में आ गया, जिसमें लिखा है- अगर पाकिस्तान के साथ भारत का यु्द्ध हुआ तो चीन से भी युद्ध होगा, जिसमें भारत की हार तय है। पोस्ट में बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए। भारत, पाकिस्तान और चीन को साथ मिलकर आतंकवाद का निदान ढूंढने की सलाह भी दी गई। पोस्ट पर जमकर बवाल मचा, BJP ने पोस्ट को कांग्रेस की असल मानसिकता बताते हुए तंज कसा कि लगता है मिंज ‘पाकिस्तान के पेरोल’ पर हैं। हालांकि, विवाद बढ़ने पर यूडी मिंज ने अपना FB अकाउंट हैक होने की जानकारी दी। मामले पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सियासी घमासान छिड़ गया।
वैसे, मिंज अकेले नहीं हैं सीनियर कांग्रेसी और कर्नाटक CM सिद्दारमैया जैसे नेताओं के बयानों से चौतरफा घिरी कांग्रेस को जब बीजेपी ने कड़े शब्दों में आड़े हाथ लिया तो कांग्रेस को अपने नेताओं को ये साफ निर्देश देना पड़ा कि वो पहलाम स्ट्राइक पर पार्टी लाइन के अलावा कोई बयान ना दें।
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अब कांग्रेस और कांग्रेसी चाहे लाख सफाई दें लेकिन जनता का मन में एक सवाल जरूर कौंध रहा है कि आखिर कांग्रेस के सीनियर और जिम्मेदार नेताओं को, जनप्रतिनिधियों को हुआ क्या है। क्या वो अपने सबसे बड़े नेता राहुल गांधी के बयान, पाकिस्तान और आंतकवाद के खिलाफ देश की सरकार के एक्शन पर पार्टी लाइन का सम्मान नहीं करते। सवाल ये भी उनकी वजह से पार्टी पर पाकिस्तान परस्ती के आरोप लग रहे हैं तो क्या उनपर कड़ा एक्शन नहीं होना चाहिए या फिर आरोपों में दम है कि खाने का दांत और हैं दिखाने के और?