वेद माता श्री माँ गायत्री प्राकट्य महोत्सव जेष्ठ शुक्ल एकादशी 21 जून (भीमसेनी एकादशी पर्व)

वेद माता श्री माँ गायत्री प्राकट्य महोत्सव जेष्ठ शुक्ल एकादशी 21 जून (भीमसेनी एकादशी पर्व)
बिलासपुर – पुण्य प्रदायक श्री मां गायत्री पुरश्चरण महा यज्ञ समारोह वेद जननी परम सिद्धिदात्री मां श्री गायत्री देवी की पावन कृपा से 21 जून 2021 सोमवार को गायत्री जयंती समारोह के पावन अवसर पर समस्त विप्र समाज की ओर से पूरे छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रत्येक जिले ब्लॉक एवं ग्रामीण स्तर पर सभी ब्राह्मण समाज के संगठनों के सत्प्रयास से परम कल्याणकारी श्री गायत्री महामंत्र का जप यज्ञ आराधना का अपने अपने घरों मे ही सात्विक विधि से आयोजन किया जा रहा है । यह भव्यतम कार्यक्रम सनातन संस्कृति संरक्षण और महामारी संकट निवारण हेतु समाज में सुख शांति समृद्धि की स्थापना तथा स्वधर्म पालन के प्रति जन जागरण हेतु सर्व जन कल्याणार्थ किया गया है । उक्ताशय की जानकारी देते हुए आचार्य श्री झम्मन शास्त्री पीठ परिषद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि पूज्य पाद पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य महा भाग की विशेष आशीर्वाद के फलस्वरूप समस्त छत्तीसगढ़ के विप्र समाज समूह की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है। इस पुण्य प्रदायक महापर्व के पुनीत अवसर पर 24 लाख जप संपन्न हो तो एक पुरश्चरण महा अनुष्ठान संपन्न हो सकता है ।ऐसी भावना है। श्री शास्त्री जी ने सभी विप्र संगठन समूह से विनम्र अपील की है। कि ऐसे कल्याणकारी महायज्ञ में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। अधिक से अधिक ब्राह्मणों को जो यज्ञोपवीत संस्कार से युक्त है। तथा वैदिक पंडित विद्वानों से अनुरोध है कि आप सभी इस महान पुण्य प्रदायक महायज्ञ को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करने की कृपा करें अपने अपने जिले शहर स्थान से साधकों की संख्या नाम तथा जप संख्या अवश्य निर्धारित कर सूचित करने का कष्ट करें इस आराधना से धर्म समाज राष्ट्र उत्कर्ष की भावना जागृत होगी परस्पर प्रेम सद्भाव एवं परोपकार के प्रति आस्था बढ़ेगी जिस की परम आवश्यकता है जिससे नित्य संध्या वंदन गायत्री जप यज्ञ का क्रम प्रत्येक घरों से प्रारंभ हो जाएगा। जो ब्राह्मणत्व की रक्षा के लिए परम उपयोगी साधना है ।शास्त्र सम्मत यज्ञ जप पाठ से ही भगवत प्राप्ति तथा कल्याण संभव है ।इसका ध्यान रखते हुए ही उपासना करें अन्यथा मनो कल्पित आराधना जीवन के लिए घातक है। इसलिए पूज्य पाद गुरुदेव भगवान श्री शंकराचार्य महाभोग ने निर्देश दिया है कि मातृशक्ति तथा अन्य लोग भी गायत्री जप के भावार्थ रुप से रूप में चौपाई
जनक सुता जग जननी जानकी
अतिशय प्रिय करुणानिधान की
ताके जुग पद कमल मनाऊं
जासु कृपा निर्मल मति पावऊ
इस रामायण की चौपाई के पाठ जप से सभी को वहीं पुण्य फल प्राप्त हो सकता है। जो गायत्री मंत्र जप से होता है। सनातन धर्म में फल चौर्य नहीं है ।सबके हित कल्याण के लिए ही शास्त्र सम्मत विधान बनाया गया है। अंत में आचार्य ने बताया कि इस महायज्ञ की पूर्णता के लिए 13 जून से 21 जून तक 11 वैदिक विद्वानों के द्वारा सिद्ध पीठ मां श्री बमलेश्वरी धाम डोगरगढ़ में विशेष अनुष्ठान का भव्य आयोजन किया गया है ध्यान रहे कोरोनावायरस संकट काल में सामूहिक आयोजन संभव नही है। अभी भी समुचित दूरी का पालन तथा मास्क लगाकर ही कार्यक्रम मे भक्तवृद भाग ले सकते है ।इसलिए स्वयं सुरक्षित रहे तथा दूसरो की सुरक्षा को ध्यान रखे।
आचार्य झम्मन शास्त्री
पीठ परिषद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेशाध्यक्ष छत्तीसगढ़