छत्तीसगढ़

कांग्रेस सरकार की योजनाएं घोषणाबाजी तक सीमित- बिलासपुर यातायात व्यवस्था की बदहाली से जिले में होती है औसतन 26 मौतें जिम्मेदार कौन?- लोकप्रिय नेता श्री अमर अग्रवाल*

*कांग्रेस सरकार की योजनाएं घोषणाबाजी तक सीमित- बिलासपुर यातायात व्यवस्था की बदहाली से जिले में होती है औसतन 26 मौतें जिम्मेदार कौन?- लोकप्रिय नेता श्री अमर अग्रवाल*

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।

 


भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय नेता पूर्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने
शहीद भगत सिंह वार्ड में आयोजित जन समस्या शिविर में वार्ड वासियों की चर्चा के दौरान संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार का जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है, वह केवल घोषणाबाजी की योजनाएं बनाती है।प्रदेश के परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने राज्य की चकाचक सड़कों और सुगम यातायात व्यवस्था के खूब बढ़ चढ़ कर कसीदे पढ़े, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केवल बिलासपुर जिले में हर माह 26 लोग यातायात दुर्घटना में काल के गाल में समा जा रहे हैं, 2022 में प्रदेश में सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या से 400 से ज्यादा है, दुर्घटना के मामले 1300 से ज्यादा है ,क्या सरकार के पास इसका जवाब है? आखिर क्या ये मौते नियति है या राज्य की सरकार की भी कोई जिम्मेदारी होती है?
जिले के साथ बिलासपुर शहर के वार्डो एवं मुख्य मार्गो की बदहाल सड़कें और बेतरतीब यातायात बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है, आए दिन दुर्घटना में लोगों के जानमाल की हानि होती रहती है।
नगर निगम बिलासपुर के पास शव वाहन खरीदने तक के लिए पैसे नहीं है लेकिन अफसरों की चमचमाती कारें स्मार्ट सिटी के फंड से ली जा रही है, यह शर्मनाक है।

स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन के लिए खर्च किये जा रहे है। 450 से ज्यादा जगहों पर सीसी टी वी कैमरे द्वारा ट्रैफिक रूल पालन, पूरे शहर की निगरानी के साथ ई चालान की व्यवस्था, दुर्घटना होने पर तत्काल मदद आरंभ की जानी थी।
चार सालों बाद भी योजना के तहत तारबाहर थाना परिसर में निर्माणाधीन ITMS का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर आज भी अधूरा है। प्रतिकूल मौसम में काम सक्रिय नाइट विजन कैमरा वाहनों की पहचाम के लिए लगाए जाने वाले कैमरे पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। लगभग 11 करोड़ की लागत से पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में मल्टीलेवल ऑटोमेटेड शटल टाइप पार्किंग का केवल गड्ढा खोदने का कार्य हुआ है, नेहरू चौक अन्य तीन जगहों पर मल्टीलेवल वाहन पार्किंग की सुविधा अधूरी है।
भाजपा के समय नियोजित शहरी विकास में ट्रैफिक मैनेजमेंट को प्राथमिकता देते हुए काम शुरू किया गया लेकिन चार सालों में सारे लंबित है, ये कब पूरे होंगे इसके बारे में कोई डेड लाइन भी तय नही है। ऐसे में आए दिन सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि बढ़ते शहरीकरण का बहाना हो सकती है, लेकिन जन धन हानि के लिए सरकार की बेरुखी और और प्रशासनिक अमले की अकर्मण्यता सीधेतौर पर जिम्मेवार है।
ट्रेफिक इंजीनियरिंग , ट्रेफिक एजुकेशन के माध्यम से जन जागरूकता लक्ष्यों से प्रशासन ने किनारा कर लिया है। हाइवे एवं शहर के मुख्य जंक्शन पर समुचित सिग्नल इंडिकेटर, साइन बोर्ड, सड़क चौड़ीकरण का कार्य अधूरे होने से एक्सीडेंट बढ़ रहे हैं। यातायात विभाग, नगर निगम एवं परिवहन विभाग के बीच में समन्वय नहीं है सड़क सुरक्षा समिति सप्ताहिक आयोजन तक सीमित है। शहर के चारों ओर के रिंग में सड़क दुर्घटना को लेकर बनाए गए ब्लैक स्पॉट का समुचित विश्लेषण नहीं होने से दुर्घटना की दर बढ़ी है वहीं शहर के अंदर भी फराटे दार ट्रैफिक होने से लोग हताहत हो रहे हैं, संबंधित तीनों अमले केवल राज्य शासन के लिए वसूली के टारगेट पूरा करने के काम में लगे है। सरकार के गौठान के मवेशी शहर की मुख्य सड़कों और हाइवे में ऐसे बेधड़क बसेरा बना लिए है। सड़कों पर ड्यूटी कर रहे हैं यातायात विभाग के कर्मी खुद किसी तरह अपनी जान बचाने में लगे रहते हैं कि दूसरी ओर मुख्य बाजारों में घंटो जाम लगे रहता है। शहर की जनता परिवहन मंत्री के उस वादे का इंतजार कर रही है जब स्मार्ट सिटी के मानकों के अनुसार आधुनिक यातायात की व्यवस्था बिलासपुर के शहर वासियों को मिलेगी और छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्री जी से अपेक्षा है कि सुगम यातायात की दृष्टि से समस्त लंबित कार्यो को अतिशीघ्र पूरा करा कर केंद्रीय परिवहन मंत्री जी को आमंत्रित कर मॉर्डन हाईटेक ट्रैफिक मैनेजमेंट संबंधी सेवाएं उद्घाटित करवाए।
श्रीअमर अग्रवाल ने कहा स्मार्ट सिटी बिलासपुर में स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम लागू करने के लिए स्वागत गेटो, अनेको जगह लगे हुए अवैध होर्डिंग, विभिन्न इलाकों में बने आईलैंड विशेषकर देवकीनंदन चौक, सिटी कोतवाली चौक, गांधी चौक, अग्रसेन चौक, शिव टाकीज चौक, तारबहार चौक, सीपत चौक पर यातायात दबाव वैकल्पिक उपायों की जरूरत है।
कांग्रेस की सरकार नई योजनाएं लाना तो दूर पुराने कार्यों को भी पूरा नहीं करा पा रही हैं जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

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