भारतीय जनता पार्टी उ.ब. कांकेर के सांसद मोहन मंडावी ने कांग्रेसी सरकारों पर मंदिरों के पट नही खोलने एवं मदिरालय

भारतीय जनता पार्टी उ.ब. कांकेर के सांसद मोहन मंडावी ने कांग्रेसी सरकारों पर मंदिरों के पट नही खोलने एवं मदिरालय
कांकेर भारतीय जनता पार्टी उ.ब. कांकेर लोकसभा के सांसद मोहन मंडावी ने कांग्रेसी सरकारों पर मंदिरों के पट नही खोलने एवं मदिरालय चालू करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज इस सरकार ने छग को देश में दूसरे नंबर की खपत वाला शराबी प्रदेश बना दिया है। श्री मंडावी ने प्रदेश की भूपेश सरकार पर आक्रोश व्यक्त करते हुए आगे कहा कि बहुसंख्यक हिन्दु समाज अपने इष्ट देवी देवताओं पर भक्तिभाव से आश्रित रहा है उनके दुख का साथी भगवान ही है तथा मंदिरों में अपने विग्रह के सामने बैठ कर कष्ट से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
आज स्थिति यह है कि हमारा धर्मप्राण समाज नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, छठपूजा जैसे त्यौहार से वंचित होते जा रहा है। दूसरी ओर जम्मू कश्मीर की सरकार ने वैष्णो देवी, तमिलनाडु की सरकार ने पद्मनाभदेव मंदिर तेलगू देशम सरकार ने श्री तिरूपति बालाजी देवस्थानम सहित कई मंदिरों में मास्क एवं सेनेटाइजर के बाद प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी गई है। महाराष्ट्र में तो सांई मंदिर, नासिक के संतों ने आंदोलन छेड़ दिया है। वहां के राज्यपाल श्री कोसियारी से हस्ताक्षेप करने का अनुरोध किया है। राज्यपाल महोदय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से पूछा है कि आप तो हिन्दुवादी थे। कब से सेकुलर हो गए। उन्होंने महाराष्ट्र के सभी मंदिर मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च सहित धार्मिक स्थलों को जनता के लिए खोलने एवं कोरोना काल को देखते हुए मास्क आदि पहनने, 6 फुट की दूरी पालन करने आदि का सुझाव दिए है।
मंडावी ने आगे यह भी कहा कि जन आस्था के द्वार को बंद करना धर्मप्राण जनता के प्रति घोर अन्याय है। सरकार प्रतिबंध लगाने तो सक्षम है लेकिन समय को देखते हुए छूट देने का भी प्रावधान होना चाहिए।
श्री मंडावी ने यह भी कहा कि अयोध्या में निरंतर प्रतिबंध के कारण ही जनता उद्वेलित हुए तब कही जाकर अब भव्य श्री राममंदिर का निर्माण होने जा रहा है। अंत में सांसद महोदय ने आगे कहा कि रावण का पुतला 10 फुट का हो या 100 फुट का मरना तो अन्याय के प्रतीक रावण को ही दशहरा में मारना है। तब इसमें 10 फुट का प्रतिबंध क्यों?
गणेश जी की या दुर्गादेवी की प्रतिमा 4 फुट ही उंची बनाने एवं सीमित स्थानों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के कारण नवरात्रि में जीवन यापन करने वाले कलाकारों के अतिरिक्त दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी मैय्या, कंकई देवी गढिय़ा पहाड़ कांकेर, बमलेश्वरी मैय्या डोंगरगढ़, चन्द्रहासिनी देवी चंद्रपुर, महामाया महालक्ष्मी देवी रतनपुर के निवासियों की आर्थिक आय का श्रोत ही समाप्ति की ओर है क्योंकि इन धार्मिक स्थलों पर धार्मिक मेला लगता था जिसमें आस पास के लोग व्यापारी, ग्रामीण लोग मेले में खरीद फरोख्त करते थे जिससे उस क्षेत्र के नागरिकों की आय में इजाफा होता था एवं उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती थी। मंडावी ने यह भी कहा कि प्रतिबंध के कारण वहां के छोटे छोटे व्यपारियों के भूखे मरने की स्थिति आ गई है। को देश में दूसरे नंबर की खपत वाला शराबी प्रदेश बना दिया है। मंडावी ने प्रदेश की भूपेश सरकार पर आक्रोश व्यक्त करते हुए आगे कहा कि बहुसंख्यक हिन्दु समाज अपने इष्ट देवी देवताओं पर भक्तिभाव से आश्रित रहा है उनके दुख का साथी भगवान ही है तथा मंदिरों में अपने विग्रह के सामने बैठ कर कष्ट से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
आज स्थिति यह है कि हमारा धर्मप्राण समाज नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, छठपूजा जैसे त्यौहार से वंचित होते जा रहा है। दूसरी ओर जम्मू कश्मीर की सरकार ने वैष्णो देवी, तमिलनाडु की सरकार ने पद्मनाभदेव मंदिर तेलगू देशम सरकार ने श्री तिरूपति बालाजी देवस्थानम सहित कई मंदिरों में मास्क एवं सेनेटाइजर के बाद प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी गई है। महाराष्ट्र में तो सांई मंदिर, नासिक के संतों ने आंदोलन छेड़ दिया है। वहां के राज्यपाल श्री कोसियारी से हस्ताक्षेप करने का अनुरोध किया है। राज्यपाल महोदय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से पूछा है कि आप तो हिन्दुवादी थे। कब से सेकुलर हो गए। उन्होंने महाराष्ट्र के सभी मंदिर मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च सहित धार्मिक स्थलों को जनता के लिए खोलने एवं कोरोना काल को देखते हुए मास्क आदि पहनने, 6 फुट की दूरी पालन करने आदि का सुझाव दिए है।
मंडावी ने आगे यह भी कहा कि जन आस्था के द्वार को बंद करना धर्मप्राण जनता के प्रति घोर अन्याय है। सरकार प्रतिबंध लगाने तो सक्षम है लेकिन समय को देखते हुए छूट देने का भी प्रावधान होना चाहिए।
मंडावी ने यह भी कहा कि अयोध्या में निरंतर प्रतिबंध के कारण ही जनता उद्वेलित हुए तब कही जाकर अब भव्य श्री राममंदिर का निर्माण होने जा रहा है। अंत में सांसद ने आगे कहा कि रावण का पुतला 10 फुट का हो या 100 फुट का मरना तो अन्याय के प्रतीक रावण को ही दशहरा में मारना है। तब इसमें 10 फुट का प्रतिबंध क्यों?
गणेश जी की या दुर्गादेवी की प्रतिमा 4 फुट ही उंची बनाने एवं सीमित स्थानों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के कारण नवरात्रि में जीवन यापन करने वाले कलाकारों के अतिरिक्त दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी मैय्या, कंकई देवी गढिय़ा पहाड़ कांकेर, बमलेश्वरी मैय्या डोंगरगढ़, चन्द्रहासिनी देवी चंद्रपुर, महामाया महालक्ष्मी देवी रतनपुर के निवासियों की आर्थिक आय का श्रोत ही समाप्ति की ओर है क्योंकि इन धार्मिक स्थलों पर धार्मिक मेला लगता था जिसमें आस पास के लोग व्यापारी, ग्रामीण लोग मेले में खरीद फरोख्त करते थे जिससे उस क्षेत्र के नागरिकों की आय में इजाफा होता था एवं उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती थी। मंडावी ने यह भी कहा कि प्रतिबंध के कारण वहां के छोटे छोटे व्यपारियों के भूखे मरने की स्थिति आ गई है।