गांगपुर के ग्रामीणों की सूझबूझ ने दिखाई एक नई राह
गांगपुर के ग्रामीणों की सूझबूझ ने दिखाई एक नई राह
शासकीय भूमि को अतिक्रमण से बचाते हुए रोजगार गारंटी योजना से बनाया जल संवर्धन के लिए तालाब और उसमें मिला रोजगार
कवर्धा 17 जुलाई 2020। ग्रामीणों की सुझबूझ और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बेहतर तालमेल से ग्राम पंचायत गांगपुर के ग्रामीणों ने क्षेत्र में एक नई मिशाल पेश की है। पंचायत क्षेत्र के भूमि को अतिक्रमण से बचा कर जल संवर्धन करते हुए रोजगार का अवसर ग्रामीणों को मिला है। जिले के विकासखण्ड पंडरिया के ग्राम पंचायत गांगपुर के ग्रामीणों की जागरूकता का ही यहां परिणाम है कि पहाड़ी क्षेत्र से आने वाला वर्षा जल जहां पहले बह जाया करता था अब उस जल को तालाब में सहेज कर निस्तारी के उपयोग में लाया जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत गांगपुर में तालाब गहरीकरण कार्य ढोलाबर्री के नाम से दिसंबर 2019 में 7 लाख 98 हजार रूपए की लागत से कार्य स्वीकृत हुआ। लगभग 4 एकड़ के क्षेत्र में बने इस तालाब से 250 से अधिक ग्रामीणों को फायदा मिलेगा। 13 सप्ताह चले तालाब गहरीकरण के कार्य में 6 हजार 187 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ। जिसमें लगभग 7 लाख 11 रूपए का मजदूरी भुगतान ग्रामीणों को मिल गया है।
इस कार्य से जुड़े क्षेत्र की तकनीकी सहायक श्रीमती प्रिया सोनी, बताती है कि ग्राम पंचायत गांगपुर के ग्रामीणों ने आपस में मिल जुलकर अतिक्रमण से भूमि को बचाने कि पहल की है। ग्रामीणों को रोजगार मिल जाए और गांव में सुविधा का विस्तार हो यह मुख्य मांग रही। इसी उदेश्य की पूर्ति करने रोजगार गारंटी योजना से तालाब गहरीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया। श्रीमती प्रिया सोनी आगे बताती है कि वैश्वीक महामारी कोविड-19 के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण मास्क लगाकर, सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूरी सावधानी से तालाब के कार्य में रोजगार करते रहें। यही कारण है कि बरसात के पूर्व तालाब गहरीकरण का कार्य हो गया। लगभग 55 परिवारों के 122 मजदूर नियमित कार्य करते हुए अपनी मजदूरी भुगतान प्राप्त किए है। तालाब गहरीकरण के इस कार्य से गांगपूर के ग्रामीणों ने एक पंथ तीन काज के रूप में उदाहरण सामने रखा है जिसमें गांव की खाली पड़ी भूमि को अतिक्रमण से बचाकर तालाब के रूप में विकसित किया गया एवं इसी तालाब गहरीकरण कार्य से रोजगार के अवसर प्राप्त कर लिये। अब तालाब में वर्षा का जल संग्रहित होने लगा है। जिससे ग्रामीण अपने निस्तारी के लिए उपयोग करते हुए देखे जा सकते है। गांगपूर के ग्रामीणों की यह पहल क्षेत्र के लिए एक उदाहरण है की कैसे शासकीय योजनाओं के बेहतर ताल-मेल से स्थानीय समस्याओं का समाधान सूगमता से निकाला जा सकता है