छत्तीसगढ़

अंततःकोरोना पहुंच ही गया साल्हेवारा

 

अंततःकोरोना पहुंच ही गया साल्हेवारा
काफी समय से कोरोना संक्रमित मरीजो के मिलने का सिलसिला जारी था धीरे धीरे कवर्धा,रेंगाखार,छुईखदान खैरागढ़,इन जगहों पर कोरोना संक्रमित मरीजो के मिलने का सिलसिला चालू हो गया था लेकिन साल्हेवारा अंचल पूर्ण रूपेण सुरक्षित था व यंहा के लोगो मे आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा हुवा था कि हमारे क्षेत्र में कोरोना नही आएगा लोग पूरे आत्मविश्वास से भरे ये चर्चा करते पाए जाते थे उल्लेखनीय है कि हमारे ही क्षेत्र से मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र की सीमा लगी हुई होने के बावजूद चेक पोस्ट से लगातार लॉक डाउन पीरियड में संक्रमित क्षेत्रो से आवागमन परमिशन व चोर रास्तो से होने के बाद भी साल्हेवारा अंचल पूर्णतः सुरक्षित ही रहा इसलिए भी यहां के लोगो का कोरोना के लिए निर्देशित गाइड लाइन का पालन व अन्य दिशा निर्देशों का पालन कर अपने आपको सुरक्षित रखे रहे लोग।साल्हेवारा अंचल पूर्णतः वनांचल क्षेत्र है और यंहा के अधिकतर लोगो का जीवीकोपार्जन मजदूरी व कृषि कार्यो पर आधारित है कृषि कार्य सम्पन्न होने पर काम की तलाश में सम्पूर्ण अंचल के प्रायः सभी ग्रामो के लोग रोजी रोटी की तलाश में महानगरों की ओर कुछ कर जाते है व वहां काम धंधा करके कृषि के समय वापिस आ जाते रहे है।इस समय 22 मार्च से लॉक डाउन पश्चात महानगर व अन्य प्रदेश गए प्रवासियों में हड़बड़ाहट चालू हो गई व आवागमन बन्द होने से ककी पैदल कोई किसी माध्यम से अपने अपने क्षेत्रों में लौटने लगे लॉक डाउन अवधि व उसके पश्चात लगभग 1700 से ज्यादा इस क्षेत्र के प्रवासियों की वापसी हुई व सभी के लिए निर्देशित प्रकिया होम आईशोलेशन, होम क्वारनटाइन,व विभिन जगहो पर बने क्वारनटाइन सेंटरो में इन प्रवासियों को एक निश्चित व निर्धारित अवधि तक क्वारनटाइन सेंटरो में रहना पड़ा।।
क्वारनटाइन सेंटरो में रहने के उपरांत कई प्रवासी क्वारनटाइन सेंटर से भागे भी उनके ऊपर दंडात्मक कार्यवाही व प्रकरण पंजीबद्ध भी हुवे।कई गर्भवती महिला भी क्वारनटाइन सेंटरो में रही व वही डिलीवरी होंने से उचित चिकित्सा सुविधा न मिलने से नवजात की मृत्यु व अन्य तकलीफें होने पश्चात, गर्भवती महिलाओं के होम क्वारनटाइन की व्यवस्था की गई।
पूरा हिंदुस्तान, पूरा ब्लाक कोरोना संक्रमण से बचने तरह तरह के उपाय करते रहा सारे अधिकारी कर्मचारी सभी विभागों के हर छोटा बड़ा कर्मचारी अधिकारी स्वास्थ्य विभाग मीडियागण, पत्रकारगण मशीनी जिंदगी संक्रमण को रोकने नियम कायदे कानून का पालन कराने दौड़ते रहे इन चार महीनों में दिनचर्या,जीवन सभी कुछ अस्त व्यस्त सा हो गया था।।तब भी अंचल में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नही पाया गया।।
1700,1800 से ज्यादा प्रवासी आये क्वारनटाइन सेंटरो में अपनी निर्धारित अवधि व्यतीत की ग्राम पंचायतों,छुईखदान जनपद,सरकार ने इनकी सेवा सुश्रुषा,देखभाल करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी कई दानदाता सामाजिक संगठन भी आगे आये किसी ने भोजन किसी ने चावल किसी ने सब्जियां किसी ने राहत कोष में करोड़ो दान किये एक तरफ से सारे लोग इस कोरोना रूपी महामारी से लड़ रहे थे। तब भी साल्हेवारा अंचल इन कठिनाई भरे समय मे भी सुरक्षित ही रहा।व यंहा के लोग निश्चिंत थे।

अब कोरोना दबे चुपके साल्हेवारा अंचल अंततःपहुंच ही चुका है अब सभी लोगो की जिमनेदारी बनती है कि पूर्व में सिखाये गए नियम कायदे कानून का अक्षरशः पालन करते हुवे इस संक्रमण को पूरी तरह रोक दिया जाए। मास्क को सभी ईमानदारी से लगाएं,समय समय पर सेनेटाइजर व साबुन से हांथ धोते रहे,सामाजिक व शारीरिक दूरी बनाए रखें,बिना अति आवश्यक कार्य के *बाहर मत निकलें,*घर पर रहें सुरक्षित रहें*। *क्योंकि अन्ततः कोरोना साल्हेवारा अंचल पहुंच ही गया* 4 दिन पूर्व एक सीऐएफ जवान के कोरोना संक्रमित पाए जाने के पश्चात आज पुलिस बल का एक आरक्षक कोरोना पाजिटिव पाया गया जिसे एम्बुलेंस व स्वास्थ्य विभाग की टीम आज मेडिकल चिकित्सालय पेंड्री उचित चिकित्सा हेतु लेकर गए है जिलाधीश महोदय द्वारा अंचल को कंटेन्मेंट ज़ोन घोषित किया गया है।मितानिन दीदी,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व शिक्षकगण 3-4 टीम घरों घर साल्हेवारा मे सर्वे कर बीमारी सर्दी खासी बुखार व सांस लेने में तकलीफ वाले लोगो को खोज रही है व सर्वे कर रही है।। *क्योंकि अन्ततः कोरोना साल्हेवारा अंचल पहुंच ही गया।।*

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