मध्य प्रदेश के रास्ते पहुंचे टिड्डी दल का प्रयागराज में हमला, मोर्चे पर लगीं फायर ब्रिगेड- Locust team reached Prayagraj via Madhya Pradesh fire brigade on front upas | allahabad – News in Hindi
प्रयागराज में टिड्डी दल ने हमला किया है. (File Photo)
कृषि रक्षा अधिकारी के मुताबिक टिड्डियों (Locusts) का दल आज यमुनापार इलाके के मेजा और करछना के गांवों में देखा गया है. उन्होंने कहा है कि फिलहाल टिड्डियों के दल के टोंस नदी के किनारे-किनारे मांडा की ओर बढ़ने की सूचना मिल रही है. जिस पर विभाग पूरी तरह से नजर बनाए हुए है.
टिड्डियों के इस दल ने इलाके में हरी फसलों और पेड़-पौधों की हरियाली को चट कर उन्हें काफी नुकसान पहुंचाया है. जिला कृषि रक्षा अधिकारी इंद्रजीत यादव के मुताबिक टिड्डियों को नष्ट करने के लिए फायर ब्रिगेड की 3 गाड़ियों की मदद से क्लोरपाइरीफास के रसायन का छिड़काव कराया गया है. जिससे बड़ी संख्या में टिड्डियों की मौत भी हुई है. किसानों को टिड्डियों को भगाने के लिए तेज आवाज करने की भी सलाह दी गई है.
मांडा की तरफ बढ़ने की सूचना: कृषि रक्षा अधिकारी
कृषि रक्षा अधिकारी के मुताबिक टिड्डियों का दल आज यमुनापार इलाके के मेजा और करछना के गांवों में देखा गया है. उन्होंने कहा है कि फिलहाल टिड्डियों के दल के टोंस नदी के किनारे-किनारे मांडा की ओर बढ़ने की सूचना मिल रही है. जिस पर विभाग पूरी तरह से नजर बनाए हुए है. उनके मुताबिक रात में टिड्डियों का दल नहीं उड़ता है, इसलिये कृषि और राजस्व विभाग की टीमें पूरी तरह से तैयार हैं और रात में टिड्डियों को नष्ट करने के लिए फिर से रसायन का छिड़काव किया जायेगा.
प्रयागराज में टिड्डी दल का हमला
छतरपुर से होते हुए प्रयागराज पहुंचा टिड्डी दल
गौरतलब है कि टिड्डियों का दल ईरान से चलकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते भारत में पहुंचा है. करीब एक हफ्ते पूर्व टिड्डियों का एक दल झांसी के रास्ते यूपी में प्रवेश कर गया था, जबकि दूसरा दल मध्यप्रदेश के छतरपुर से होते हुए प्रयागराज पहुंचा है. जिला कृषि रक्षा अधिकारी इंद्रजीत यादव के मुताबिक टिड्डियों का दल लाखों की संख्या में एक साथ 2 किलोमीटर तक झुंड बनाकर चलते हैं और जहां पर जाते हैं हरियाली को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. उनके मुताबिक टिड्डियां अपने वजन से तीन गुना तक हरियाली आसानी से चट कर जाती हैं.
इन इलाके के किसानों को किया गया सचेत
जिला कृषि रक्षा अधिकारी के मुताबिक पहले से ही जिले में टिड्डियों के हमले की आशंका थी. जिसे देखते हुए शंकरगढ़, मांडा, मेजा और कोरांव इलाकों में किसानों के बीच जाकर उन्हें टिड्डियों को भागाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था.
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First published: June 10, 2020, 6:42 PM IST