Vizag Gas Leak: जिस फैक्ट्री में हुआ गैस रिसाव, वहां होता था इस चीज का निर्माण, जानें | Vizag Gas Leak One-time plastic utensils made in gas leak factory | nation – News in Hindi
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कंपनी के कारखाने से गैस रिसाव की घटना में 10 लोगों की मौत हो चुकी है.
कंपनी के इस वाइजैग संयंत्र में पॉलीस्टिरीन (पीएस) का विनिर्माण किया जाता है, जिसका खानपान सेवा उद्योग में काफी इस्तेमाल होता है.
कंपनी के इस वाइजैग संयंत्र में पॉलीस्टिरीन (पीएस) का विनिर्माण किया जाता है, जिसका खानपान सेवा उद्योग में काफी इस्तेमाल होता है. इस रसायन का इस्तेमाल प्लास्टिक के एकबारगी इस्तेमाल वाले ट्रे और कंटेनर, बर्तन, फोम्ड कप, प्लेट और कटोरे आदि बनाने में होता है. इन्हें एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है.
लॉकडाउन के बाद फैक्ट्री खोलने की हो रही थी तैयारी
जानकार सूत्रों के अनुसार एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की विशाखापत्तनम फैक्ट्री को लॉकडाउन के बाद फिर से खोलने के लिए गुरुवार को तैयार किया जा रहा था, तभी यह दुर्घटना हुई. कंपनी के कर्मचारी परिचालन को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहे थे, तभी शुरुआती घंटों में गैस का रिसाव होने लगा. कहा जा रहा है कि जब रिसाव हुआ तब भंडारण टेंक में 1,800 टन स्टिरीन गैस थी. ठहराव और तापमान में बदलाव के कारण, स्टिरीन का स्वत: पॉलीमराइजेशन हो सकता है, जिसके कारण वाष्पीकरण हो सकता है.1961 में हुई थी फैक्ट्री की स्थापना
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, इसकी स्थापना श्रीराम ग्रुप के द्वारा 1961 में विशाखापत्तनम में पॉलीस्टिरीन और इसके सह-पॉलिमर निर्माण के लिए ‘हिंदुस्तान पॉलिमर’ के रूप में की गई थी. बाद में 1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवेल एंड कंपनी लिमिटेड के साथ इसका विलय हो गया. एलजी केम ने आक्रामक वैश्विक वृद्धि की योजनाओं के तहत भारत को महत्वपूर्ण बाजार मानते हुए जुलाई 1997 में हिंदुस्तान पॉलिमर का अधिग्रहण किया और जुलाई 1997 में इसका नाम बदलकर एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एलजीपीआई) कर दिया.
पिछले साल हुआ था इतने करोड़ का फायदा
कारखाने को पिछले साल 222.8 अरब वॉन (18.18 करोड़ डॉलर) का राजस्व और 6.3 अरब वॉन का शुद्ध लाभ हुआ था. बिक्री के मामले में, मूल कंपनी एलजी केम 2017 में दुनिया की 10 वीं सबसे बड़ी रासायनिक कंपनी थी. स्टिरीन गैस एक ज्वलनशील तरल है, जिसका उपयोग पॉलीस्टिरीन प्लास्टिक, फाइबरग्लास, रबर और लेटेक्स बनाने के लिये किया जाता है.
विशाखापत्तनम कारखाने में दुर्घटना ने उद्योग में रसायनों के अनुचित रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिये हैं और दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी है.
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First published: May 7, 2020, 9:27 PM IST