एलटीआरओ के जरिए RBI देगा 50,000 करोड़ रुपये, जानिए कब और किसे मिलेगी ये रकम-Know How does LTRO work in India RBIs LTROs benefit retail borrowers | business – News in Hindi
आइए जानें एलटीआरओ क्या होता है और अर्थव्यवस्था पर ये कैसे असर डालेगा
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टारगेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपेरशन (LTRO) 2.0 का ऐलान किया. इसके तहत वह 50,000 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराएगा. आइए जानें एलटीआरओ क्या होता है और अर्थव्यवस्था पर ये कैसे असर डालेगा
(1) सवाल-क्या होता है एलटीआरओ?
जवाब-LTRO शब्द का चलन यूरोप में सॉवरेन डेट संकट के समय शुरू हुआ था. इसके तहत यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ECB) ने यूरोजोन के बैंकों को बहुत कम ब्याज दरों पर कर्ज उपलब्ध कराया था. बैंक अर्थव्यवस्था के बुनियादी सेक्टरों को ज्यादा कर्ज दे सकें, इसके लिए टीएलटीआरओ का इस्तेमाल किया जाता है.
(2) सवाल-एलटीआरओ से अर्थव्यवस्था पर कैसे असर होता है?जवाब- अक्सर इसके लिए केंद्रीय बैंक ब्याज की दरों को काफी कम रखता है. सस्ती दरों पर कर्ज की उपलब्धता होने से बैंकों की लिक्विडिटी बढ़ जाती है. इस तरह वे इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाते हैं.
(3) सवाल-RBI कब करता है LTRO का इस्तेमाल-?
जवाब- इस तरह की व्यवस्था का इस्तेमाल अमूमन संकट के समय किया जाता है. इसके पहले आरबीआई की टीएलटीआरओ स्कीम का फायदा पीएसयू और बड़ी कंपनियों को दिया गया था.
तब केंद्रीय बैंक ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो टीएलटीआरओ 2.0 को लाया जाएगा. इससे बैंकिंग और माइक्रोफाइनेंस सेक्टर की जरूरतों को पूरा किया जाएगा.
(4) सवाल- LTRO से किसे और कैसे मिलेगी ये रकम?
जवाब– कोरोना संक्रमण रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन जारी है. ऐसे आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं. इसीलिए RBI ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए टीएलटीआरओ का ऐलान किया है.
इससे माइक्रोफाइनेंस और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पैसों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. वित्तीय संस्थानों को इस फंड को एक महीने के भीतर इस्तेमाल करना होगा. आरबीआई कुल फंड का 50 फीसदी एनबीएफसी और एमएफआई के लिए आवंटित करेगा.
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First published: April 17, 2020, 2:47 PM IST