खनिज विभाग की मिलीभगत में लगा रहे शासन के राजस्व में सेंध
दुर्ग – छत्तीसगढ़ की अमीर धरती पर धरती का सीना चिरकर मुरुम और मिट्टी का उत्खनन करने से माफिया बाज़ नहीं आ रहे है, दुर्ग जिले में इन दिनों अवैध उत्खनन और परिवहन आसानी से देखा जा सकता है, ग्रामीण जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार शिकायत के बाद भी सम्बंधित विभाग के कानों तक जू नहीं रेंग रही है, वैसे देखा जाये तो खनिज मंत्रालय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास है, और वही आबकारी विभाग के बाद सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला ये दुसरे नंबर पर आने वाला विभाग है, लेकिन जिस तेज़ी से अवैध उत्खनन जिले भर में चलता दिखाई दे रहा है, उसको देखकर सम्बंधित विभाग ( खनिज विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग ) की चुप्पी आम जनमानस के गले नहीं उतर रही है, बताया जाता है कि जिला खनिज अधिकारी एवं उनके मातहत काम करने वाले कर्मचारी इतने व्यस्त है की उनको फोन उठाकर किसी की शिकायत सुनने का भी समय नहीं है, अब तो यह भी कहा जाने लगा है की कांग्रेस सरकार के आने के बाद से अधिकारीयों और माफियाओं में निडरता आ गई है, भाजपा की सरकार में आम जनमानस की शिकायत सुनने मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जनदर्शन, निगम जनदर्शन, पंचायत जनदर्शन ऐसे बहुत रास्ते बनाए गए थे जिससे सरकार की नजर दूर तक बनी रहती थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही, आम जनमानस के लिए अवैध कारोबारियों की शिकायत अधिकारीयों और मंत्रियों तक पहुचाना मुश्किल हो गया है, वही अंडा क्षेत्रवासियों ने बताया की आचार सहिंता लगने के बाद से अंडा रिसामा व मतवारी क्षेत्र में लगातार अवैध उत्खनन कर चोरी की मुरुम को लेकर बड़ी बड़ी गाड़ियाँ बेरोकटोक सड़कों पर फर्राटे भर रही है, जिसको लेकर दुर्घटनाओं की सम्भावना प्रबल रूप से बनी हुई है, लेकिन विभाग की मिलीभगत में ये अवैध कारोबार धड़ल्ले से बदस्तूर जारी है ! शिकायतकर्ताओं ने बताया की कभी कभी खनिज विभाग शिकायत सुन भी लेता है तो उनके कार्यवाही करने आने से पहले उनके आने की सूचना उत्खननकर्ताओं की जानकारी दूरभाष या विभागीय कर्मचारी के माध्यम से पहले से ही दे दी जाती है ताकि वे कुछ समय के लिए अपना काम बंद कर दे, और अगर ज्यादा शिकायत होती है तो खानापूर्ति करने के लिए ऐसे परिवहनकर्ता को अपना निशाना बनाया जाता है, जिनकी विभाग से मिलीभगत ना हो, ताकि यह कहा जा सके की विभाग लगातार चालानी कार्यवाही की जा रही है |
भ्रष्टाचार में बड़ा किरदार निभा रहा है कर्मचारियों मोबाइल
सूत्रों की माने तो खनिज विभाग का सूचना तंत्र बहुत स्ट्रांग है, क्योकि जब फ़्लाइंग स्कोड संभाग की टीम जिले में आती है तो इसकी खबर सिर्फ जिले के अधिकारी को होती है, लेकिन दुर्ग जिले में तो उनके आने की सूचना माफ़ियाओ को एक दिन पूर्व मिल जाती है, और टीम के आने के पश्चात एक भी वाहन उनको रोड पर नहीं मिलती, देखकर ऐसा लगता है कि खनिज परिवहन पर एक दिन के लिए 144 धारा लगा दी गई है, और उनके प्रस्थान करने के पश्चात तुरंत माफिया सक्रीय नजर आने लगते है, मान्यवर कलेक्टर महोदय से अनुरोध है की ऐसी गोपनीय रिपोर्ट खनिज अधिकारी के अलावा खनिज कर्मचारियों को कैसे होती है और माफियाओं को कैसे पता चलती है इसकी जांच करें, और इसकी भी जांच करें की जो खनिज अधिकारी के द्वारा जिले में टीम गठित की जाती है उनके दौरे की भी सूचना माफियाओं तक कैसे पहुचती है , मान्यवर से अनुरोध है क्योकि समस्त गतिविधियों में सूचना तंत्र कर्मचारियों का मोबाइल है, इसलिए अगर आप मोबाइल की कॉल रिकॉर्ड की जाच करेंगे तो पूर्व में हुए भ्रष्टाचार की पूरी जानकारी आपको हो जायेगी !
राज्य में मंत्री पद पर आसीन मंत्रियों को अब राजस्व की चिंता करने की जरुरत है, क्योकि जिस तरह से चुनावी घोषणा को अमलीजामा पहनाने में छत्तीसगढ़ सरकार ने तेज़ी दिखाई है, और उसी तेज़ी से शासन को राजस्व की जरुरत भी पड़ेगी इसलिए शासन को राजस्व की क्षति पर रोक लगानी चाहिए, नहीं तो पुरे 5 साल के कार्यकाल में भी चुनावी घोषणापत्र में किये गए वादों को पूरा करने में सरकार असफल रहेगी |
कहा कहा चल रही मुरुम की अवैध खुदाई
मतवारी खार, रिसामा, जंजगिरी अंडा मार्ग के किनारे, मोतीपुर पाटन, फुंडा पाटन, साकरा पाटन और बानभरत अहिवारा में आसानी से देखा जा सकता है, अगर राजस्व से जुड़े अधिकारिओं और कर्मचारियों द्वारा पैनी नजर रखी जाए तो रोजाना करीब 1 करोड़ तक का राजस्व नुकसान होने से बचाया जा सकता है |